सत्यमेव टाइम्स में आपका स्वागत है   टांडा विधानसभा में पड़ने वाले खासपुर गांव में आयोजित श्री रामलीला रंगमंच पर हो रहे मंचन के छठवें दिवस में टांडा विधायक प्रतिनिधि श्याम बाबू प्रत्येक वर्षो की भांति इस वर्ष भी मंच का उद्घाटन भाजपा नेता सुषमा गुप्ता और अनुसूचित मोर्चा के मंडल अध्यक्ष अजय पासवान के साथ किया। अपने उद्बोधन में श्याम बाबू ने कहा कि जहाँ एक तरफ अयोध्या में रामजी के राज्याभिषेक की तैयारी चल रही और अचानक माता कैकेई के जिद के कारण राजा दशरथ का आदेश 14 वर्ष बनबास के लिए होता रामजी सहर्ष स्वीकार कर बनगमन के लिए निकल पड़ते है उनके साथ बड़े भैया को कोई कष्ट न हो इसके लिए भैया लखनलाल और पत्नी धर्म का पालन हो इसके लिए माता जानकी भी निकल पड़ती है जबकि वनवास तो केवल राम जी को हुआ था!श्याम बाबू में कहा कि अगर रामजी बन ना जाते और राजसी ठाठबाट भोगने में लग जाते तो आज न रामलीलाएं होती न राम की पूजा ही होता! बनगमन के दौरान जिस प्रकार सबको उचित सम्मान देते हुए रामजी ने सबको संगठित कर धर्मविरोधी गतिविधियों में लिप्त रावण का वध कर अयोध्या वापस लौटे तो वो केवल राजा राम नही बल्कि मर्यादापुरुषोत्तम श्रीराम हो गए हम सबको रामजी के जीवन से सिख लेनी चाहिए आज हम अब रामजी से विमुख जिसका खामियाजा भुगत रहे है परिवारिक विघटन समाज मे बढ़ता जा रहा है रामलीला रंगमंच पर श्याम बाबू के साथ मंचीय कलाकार सुग्रीम मौर्या सहित राम के रोल में विनय मौर्या,सीता के रोल में रवि मिश्रा,लक्ष्मन सोनू मिश्रा,रावन के रोल को नेबुलाल चौहान ने अदा किया! मंच संचालन का काम रामकरन मौर्या, कार्यकर्ता के रूप में अमरजीत,विजय,त्रिभुवन मौर्या मौजूद रहे।     PUBLISH BY MOHD ADNAN DURRANI

अंबेडकरनगर-रामलीला मंच का विधायक प्रतिनिधि ने किया उद्धघाटन_रिपोर्ट-अदनान अहमद

 

टांडा विधानसभा में पड़ने वाले खासपुर गांव में आयोजित श्री रामलीला रंगमंच पर हो रहे मंचन के छठवें दिवस में टांडा विधायक प्रतिनिधि श्याम बाबू प्रत्येक वर्षो की भांति इस वर्ष भी मंच का उद्घाटन भाजपा नेता सुषमा गुप्ता और अनुसूचित मोर्चा के मंडल अध्यक्ष अजय पासवान के साथ किया।

अपने उद्बोधन में श्याम बाबू ने कहा कि जहाँ एक तरफ अयोध्या में रामजी के राज्याभिषेक की तैयारी चल रही और अचानक माता कैकेई के जिद के कारण राजा दशरथ का आदेश 14 वर्ष बनबास के लिए होता रामजी सहर्ष स्वीकार कर बनगमन के लिए निकल पड़ते है उनके साथ बड़े भैया को कोई कष्ट न हो इसके लिए भैया लखनलाल और पत्नी धर्म का पालन हो इसके लिए माता जानकी भी निकल पड़ती है जबकि वनवास तो केवल राम जी को हुआ था!श्याम बाबू में कहा कि अगर रामजी बन ना जाते और राजसी ठाठबाट भोगने में लग जाते तो आज न रामलीलाएं होती न राम की पूजा ही होता! बनगमन के दौरान जिस प्रकार सबको उचित सम्मान देते हुए रामजी ने सबको संगठित कर धर्मविरोधी गतिविधियों में लिप्त रावण का वध कर अयोध्या वापस लौटे तो वो केवल राजा राम नही बल्कि मर्यादापुरुषोत्तम श्रीराम हो गए हम सबको रामजी के जीवन से सिख लेनी चाहिए आज
हम अब रामजी से विमुख जिसका खामियाजा भुगत रहे है परिवारिक विघटन समाज मे बढ़ता जा रहा है
रामलीला रंगमंच पर श्याम बाबू के साथ मंचीय कलाकार सुग्रीम मौर्या सहित राम के रोल में विनय मौर्या,सीता के रोल में रवि मिश्रा,लक्ष्मन सोनू मिश्रा,रावन के रोल को नेबुलाल चौहान ने अदा किया!
मंच संचालन का काम रामकरन मौर्या, कार्यकर्ता के रूप में अमरजीत,विजय,त्रिभुवन मौर्या मौजूद रहे।

 

 

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