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गोरखपुर- केंद्रों पर डेंगू के इलाज की सुविधा निःशुल्क-सीएमओ_रिपोर्ट-विभव पाठक - Satyamev Times Media Network.
सत्यमेव टाइम्स में आपका स्वागत है       लक्षण दिखते ही अस्पताल पहुंचने पर नहीं बढ़ेंगी जटिलताएं गोरखपुर, 29 अक्टूबर 2021--जनपद के सभी सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर डेंगू के इलाज की सुविधा मुफ्त उपलब्ध है | ऐसे में लक्षण दिखते ही मरीज को अस्पताल ले जायें तो आसानी से इलाज हो जाएगा और बीमारी की जटिलाएं नहीं बढ़ेंगी । डेंगू के गंभीर मरीजों को जिला अस्पताल रेफर कर दिया जाता है और वहां पर भी सस्ते इलाज की सुविधा उपलब्ध है । यह कहना है मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुधाकर पांडेय का । डॉ. पाण्डेय ने जनसमुदाय से अपील की है कि डेंगू से डरने नहीं बल्कि सतर्क रहने की आवश्यकता है । लक्षण नजर आते ही अगर अस्पताल की सेवाएं ली जाएं तो बीमारी गंभीर नहीं होने पाएगी । मधुमेह, उच्च रक्तचाप , ह्रदय रोग कमजोर प्रतिरोधक क्षमता के मरीज व गर्भवती डेंगू के लक्षण दिखते ही अविलंब अस्पताल की सेवा लें | ऐसे मरीजों में डेंगू के कारण जटिलताएं बढ़ने की आशंका रहती है । मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि वैसे तो डेंगू एक साधारण बीमारी है, लेकिन इलाज में लापरवाही से यह गंभीर रूप अख्तियार कर लेता है । अगर अचानक बुखार के साथ आंखों के पीछे तेज दर्द हो तो मरीज को डेंगू की जांच अवश्य करानी चाहिए । बुखार की स्थिति में चिकित्सक के सलाह पर ही दवा लेनी है । खून पतला करने वाली दवा का सेवन सिरदर्द होने पर बिल्कुल नहीं करना है क्योंकि यह विपरीत असर करती हैं और जानलेवा साबित होती हैं । डेंगू का प्रसार दर काफी अधिक है और यही मुख्य चिंता का विषय है । इसलिए डेंगू का लक्षण दिखने पर त्वरित इलाज होना चाहिए ताकि दूसरे लोग संक्रमित न होने पाएं। डॉ. पांडेय ने कहा कि लोगों में यह भ्रम है कि डेंगू के हर मरीज को प्लेटलेट्स की आवश्यकता होती है । किसे प्लेटलेट चढ़ना है और किसे नहीं चढ़ना है, यह अलग-अलग केस पर निर्भर करता है । अगर मरीज सरकारी स्वास्थ्य केंद्र पर आता है तो उसे प्लेटलेट चढ़ाने के लिए या गंभीर स्थिति में ही जिला अस्पताल रेफर किया जाएगा । उन्होंने कहा कि लोगों का प्रयास हो कि छोटे जल स्रोतों में साफ पानी का ठहराव न होने पाए। लोग पूरे बांह के कपड़े पहनें और मच्छरदानी का इस्तेमाल करें। इसके बाद भी अगर डेंगू का लक्षण नजर आ रहा है तो खुद से दवा न लें और तुरंत नजदीकी सरकारी स्वास्थ्य केंद्र पर संपर्क करें । जिले में 28 पुष्ट मामले संचारी रोग नियंत्रण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ. एके चौधरी ने बताया कि जिले में इस साल जनवरी से लेकर 28 अक्टूबर तक डेंगू के कुल 28 पुष्ट मामले सामने आए हैं । सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर डेंगू जांच और इलाज की सुविधा उपलब्ध है । डेंगू के लिए अलग बेड भी रिजर्व रखने का दिशा-निर्देश है । स्वास्थ्य केंद्रों पर एनएस-1 जांच में डेंगू की पुष्टि होने पर सैंपल जिला अस्पताल मंगाया जाता है और जब एलाइजा टेस्ट भी कंफर्म हो जाता है तो उसे पुष्ट डेंगू मानते हैं । निजी अस्पतालों से भी कहा गया है कि अगर उनके यहां डेंगू के मरीज निकल रहे हैं तो स्वास्थ्य विभाग को रिपोर्ट करें ताकि शीघ्र जांच कर मरीज की पुष्टि की जा सके । जहां कहीं से भी डेंगू के केस निकलने की सूचना प्राप्त हो रही है, वहां मच्छरों के स्रोतों को नष्ट करने की कार्यवाही भी की जा रही है । यह लक्षण दिखे तो हो सकता है डेंगू • तेज बुखार • त्वचा पर चकत्ते • तेज सिर दर्द • पीठ दर्द • आंखों के पिछले हिस्से में असह्य दर्द • मसूढ़ों से खून बहना • नाक से खून बहना • जोड़ों में दर्द • उल्टी • डायरिया

गोरखपुर- केंद्रों पर डेंगू के इलाज की सुविधा निःशुल्क-सीएमओ_रिपोर्ट-विभव पाठक

 

 

 

लक्षण दिखते ही अस्पताल पहुंचने पर नहीं बढ़ेंगी जटिलताएं

गोरखपुर, 29 अक्टूबर 2021–जनपद के सभी सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर डेंगू के इलाज की सुविधा मुफ्त उपलब्ध है | ऐसे में लक्षण दिखते ही मरीज को अस्पताल ले जायें तो आसानी से इलाज हो जाएगा और बीमारी की जटिलाएं नहीं बढ़ेंगी । डेंगू के गंभीर मरीजों को जिला अस्पताल रेफर कर दिया जाता है और वहां पर भी सस्ते इलाज की सुविधा उपलब्ध है । यह कहना है मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुधाकर पांडेय का ।

डॉ. पाण्डेय ने जनसमुदाय से अपील की है कि डेंगू से डरने नहीं बल्कि सतर्क रहने की आवश्यकता है । लक्षण नजर आते ही अगर अस्पताल की सेवाएं ली जाएं तो बीमारी गंभीर नहीं होने पाएगी । मधुमेह, उच्च रक्तचाप , ह्रदय रोग कमजोर प्रतिरोधक क्षमता के मरीज व गर्भवती डेंगू के लक्षण दिखते ही अविलंब अस्पताल की सेवा लें | ऐसे मरीजों में डेंगू के कारण जटिलताएं बढ़ने की आशंका रहती है ।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि वैसे तो डेंगू एक साधारण बीमारी है, लेकिन इलाज में लापरवाही से यह गंभीर रूप अख्तियार कर लेता है । अगर अचानक बुखार के साथ आंखों के पीछे तेज दर्द हो तो मरीज को डेंगू की जांच अवश्य करानी चाहिए । बुखार की स्थिति में चिकित्सक के सलाह पर ही दवा लेनी है । खून पतला करने वाली दवा का सेवन सिरदर्द होने पर बिल्कुल नहीं करना है क्योंकि यह विपरीत असर करती हैं और जानलेवा साबित होती हैं । डेंगू का प्रसार दर काफी अधिक है और यही मुख्य चिंता का विषय है । इसलिए डेंगू का लक्षण दिखने पर त्वरित इलाज होना चाहिए ताकि दूसरे लोग संक्रमित न होने पाएं।

डॉ. पांडेय ने कहा कि लोगों में यह भ्रम है कि डेंगू के हर मरीज को प्लेटलेट्स की आवश्यकता होती है । किसे प्लेटलेट चढ़ना है और किसे नहीं चढ़ना है, यह अलग-अलग केस पर निर्भर करता है । अगर मरीज सरकारी स्वास्थ्य केंद्र पर आता है तो उसे प्लेटलेट चढ़ाने के लिए या गंभीर स्थिति में ही जिला अस्पताल रेफर किया जाएगा । उन्होंने कहा कि लोगों का प्रयास हो कि छोटे जल स्रोतों में साफ पानी का ठहराव न होने पाए। लोग पूरे बांह के कपड़े पहनें और मच्छरदानी का इस्तेमाल करें। इसके बाद भी अगर डेंगू का लक्षण नजर आ रहा है तो खुद से दवा न लें और तुरंत नजदीकी सरकारी स्वास्थ्य केंद्र पर संपर्क करें ।

जिले में 28 पुष्ट मामले

संचारी रोग नियंत्रण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ. एके चौधरी ने बताया कि जिले में इस साल जनवरी से लेकर 28 अक्टूबर तक डेंगू के कुल 28 पुष्ट मामले सामने आए हैं । सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर डेंगू जांच और इलाज की सुविधा उपलब्ध है । डेंगू के लिए अलग बेड भी रिजर्व रखने का दिशा-निर्देश है । स्वास्थ्य केंद्रों पर एनएस-1 जांच में डेंगू की पुष्टि होने पर सैंपल जिला अस्पताल मंगाया जाता है और जब एलाइजा टेस्ट भी कंफर्म हो जाता है तो उसे पुष्ट डेंगू मानते हैं । निजी अस्पतालों से भी कहा गया है कि अगर उनके यहां डेंगू के मरीज निकल रहे हैं तो स्वास्थ्य विभाग को रिपोर्ट करें ताकि शीघ्र जांच कर मरीज की पुष्टि की जा सके । जहां कहीं से भी डेंगू के केस निकलने की सूचना प्राप्त हो रही है, वहां मच्छरों के स्रोतों को नष्ट करने की कार्यवाही भी की जा रही है ।

यह लक्षण दिखे तो हो सकता है डेंगू

• तेज बुखार
• त्वचा पर चकत्ते
• तेज सिर दर्द
• पीठ दर्द
• आंखों के पिछले हिस्से में असह्य दर्द
• मसूढ़ों से खून बहना
• नाक से खून बहना
• जोड़ों में दर्द
• उल्टी
• डायरिया

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