ग्राम पैली में श्रीमद् भागवत कथा के सातवें दिन श्रीकृष्ण रुक्मणी विवाह का आयोजन हुआ, जिसे बड़े ही धूमधाम से मनाया गया।
मुख्य अतिथि भाजपा नेता वैभव चतुर्वेदी ने रूक्मिणी विवाह की झाँकी में पहुंचकर लगाया चार चांद कहा भगवान श्रीद्घारकाधीश ने रूक्मणी के सत्य संकल्प को पूर्ण किया
संतकबीर नगर । ग्राम पैली खास में सुधीर तिवारी के घर श्रीमद् भागवत कथा के सातवें दिन श्रीकृष्ण रुक्मणी विवाह का आयोजन हुआ, जिसे बड़े ही धूमधाम से मनाया गया।
कथावाचक पंडित आचार्य राधा कृष्ण विमल शास्त्री जी महाराज वृन्दावन ने रास पंच अध्याय का वर्णन किया। उन्होंने कहा कि महारास में पांच अध्याय है। उनमें गाए जाने वाले पंच गीत भागवत के पंच प्राण है। जो भी ठाकुरजी के इन पांच गीतों को भाव से गाता है, वह भव पार हो जाता है। उन्हें वृंदावन की भक्ति सहज प्राप्त हो जाती है। कथा में भगवान का मथुरा प्रस्थान, कंस का वध, महर्षि संदीपनी के आश्रम में विद्या ग्रहण करना, कालयवन का वध, उद्धव गोपी संवाद, उद्धव द्वारा गोपियों को अपना गुरु बनाना, द्वारका की स्थापना व रुकमणी विवाह के प्रसंग का संगीतमय भावपूर्ण पाठ किया गया। भारी संख्या में भक्तगण झांकी दर्शन के लिए शामिल हुए। कथा के दौरान पंडित आचार्य राधा कृष्ण विमल कुमार शास्त्री जी महराज ने कहा कि महारास में भगवान श्रीकृष्ण ने बांसुरी बजाकर गोपियों का आह्वान किया। महारास लीला द्वारा ही जीवात्मा परमात्मा का ही मिलन हुआ। उन्होंने कहा कि भगवान कृष्ण ने 16 हजार कन्याओं से विवाह कर उनके साथ सुखमय जीवन बिताया। भगवान श्रीकृष्ण रुकमणी के विवाह की झांकी ने सभी को खूब आनंदित किया। कथा स्थल पर रुक्मिणी विवाह के आयोजन ने श्रद्घालुओं को झूमने पर मजबूर कर दिया। श्रीकृष्ण रुक्मिणी की वरमाला पर जमकर फूलों की बरसात हुई। झांकी के दौरान कार्यक्रम आयोजक सुधीर तिवारी ने मुख्य अतिथि भाजपा नेता वैभव चतुर्वेदी के सिर सेहरा बांधक व फूल माला पहनाकर भव्य स्वागत किया इस अवसर पर श्री चतुर्वेदी ने कहा कि जीव परमात्मा का अंश है, इसलिए जीव के अंदर अपारशक्ति रहती है। यदि कोई कमी रहती है, वह मात्र संकल्प की होती है। संकल्प व कपट रहित होने से प्रभु उसे निश्चित रूप से पूरा करेंगे। रुक्मणी विवाह महोत्सव प्रसंग पर उन्होंने कहा कि रुक्मिणी के भाई रुक्मणि ने उनका विवाह शिशुपाल के साथ सुनिश्चित किया था, लेकिन रुक्मिणी ने संकल्प लिया था कि वह शिशुपाल को नहीं केवल गोपाल को पति के रूप में वरण करेंगे। उन्होंने कहा शिशुपाल असत्य मार्गी है। द्वारिकाधीश भगवान श्री कृष्ण सत्य मार्गी है। इसलिए वो असत्य को नहीं सत्य को अपनाएंगी। अंत भगवान श्रीद्वारकाधीशजी ने रुक्मणी के सत्य संकल्प को पूर्ण किया। उन्हें पती के रूप में वरण करके प्रधान पटरानी का स्थान दिया।इस शुभ अवसर पर राम लखन तिवारी श्री लखन तिवारी कृष्ण मोहन तिवारी के सी तिवारी अनिल तिवारी शैलेंद्र तिवारी चंद्र मोहन तिवारी पुरुषोत्तम तिवारी जयप्रकाश तिवारी सुमित तिवारी आनंद तिवारी गोलू तिवारी गिरिजाशंकर उपाध्याय राजेश चतुर्वेदी सहित हजारों की संख्या में लोग उपस्थित रहे