संतकबीरनगर
पुरानी पुलिस लाइन स्टेशन पुरवा खलीलाबाद मैं आयोजित नव दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के सातवें दिन कथा में अयोध्या धाम से पधारे हमारे परम पूज्य आचार्य श्री प्रशांत भूषण जी महाराज ने रास पंच अध्याय का वर्णन किया
उन्होंने कहा कि महाराज मैं 5 अध्याय है इनमें गाय जाने वाले पंच गीत भागवत के पंचप्राण हैं जो भी व्यक्ति ठाकुर जी के इन पांचों गीतों को भाव से गाता है वह भव से पार हो जाता है उन्हें वृंदावन की भक्ति सहज ही प्राप्त हो जाती है कथा में गोवर्धन लीला भगवान का मथुरा प्रसाद प्रसाद कंस का वध महर्षि संदीपनी के आश्रम में विद्या अध्ययन करना कालयवन का वध उद्धव गोपी संवाद उद्धव द्वारा गोपियों को अपना गुरु बनाना द्वारिका की स्थापना एवं रुक्मणी विवाह के प्रसंग का भावपूर्ण वर्णन किया इस दौरान कथा व्यास ने कहा कि महाराष्ट्र में भगवान श्री कृष्ण ने बांसुरी बजा कर गोपियों का आवाहन किया और महारास लीला द्वारा जीवात्मा और परमात्मा का मिलन कराया उन्होंने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने 16000 कन्याओं से विवाह कर उनके साथ सुख में जीवन बिताया इस दौरान टी रुक्मणी विवाह की झांकी भी निकाली गई जिसमें खूब आनंदित हुए जिस में उपस्थित श्रोता झूमने को मजबूर हो गए श्री कृष्ण रुकमणी की वरमाला पर लोगों ने जमकर फूलों की बरसात किया कथा वाचक आचार्य श्री प्रशांत भूषण जी महाराज ने भागवत कथा के महत्व को बताते हुए कहा कि जो श्री कृष्ण रुकमणी विवाह उत्सव में सम्मिलित होते हैं उनके वैवाहिक समस्या हमेशा के लिए समाप्त हो जाती है उन्होंने कहा कि जीएम परमात्मा का अंश है इसलिए जीव के अंदर अपारशक्ति रहती है यदि कोई कमी रहती है तो वह मात्र संकल्प की होती है उन्होंने कहा कि महाराज लेना उद्धव चरित्र आदि कथा को लोगों ने विस्तार से सुना