2022 के चुनावी रण के पहले चरण के जाटलेंड में होने वाले मतदान में सेध लगा भाजपा किकी बढ़त के लिए भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेतृत्व में एड़ी चोटी का जोर लगा रखा है और इसी क्रम में भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेता और गृह मंत्री अमित शाह ने पश्चिमी क्षेत्र में जाट वोटों को साधने के लिए जाट नेताओं के साथ बैठक की थी और आर एल डी के वजूद को कम करने का प्रयास किया था. अमित शाह के जाट लेंड में जाटों को मनाने व मथुरा में अमित शाह के प्रचार पर अब सपा नेताओं ने निशाना साधा हैं.
इसी क्रम में सपा के कद्दावर नेता और एमएलसी संजय लाठर ने भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि अब इस तरीके के डोरे डालने से कोई भी जाट नेता या किसान उनके बहकावे में आने वाला नहीं है किसान विरोधी बिल इनकी मानसिकता का परिणाम रहा हैं उन्होंने कहाँ की
जाट और किसान जनता पार्टी से बहुत नाराज हैं अमित शाह को तो बैठक जब करनी चाहिए थी जब वह धन्ना सेठों के साथ बैठक करके किसान और जाटों को बर्बाद करने के लिए जब कृषि कानून ले आये थे, अब कोई फर्क पड़ने वाला नहीं है किसान जान चुका है जाट जान चुका है कि भारतीय जनता पार्टी उनकी घोर विरोधी है और उनको बर्बाद करने लगी है. किसान और जाट अब प्रलोभन मे आने वाला नहीं है किसान इनसे नाराज है. उधर जयंत को भी चुनाव बाद ऑफर देने पर sanjay लाठर ने कहा की भाजपा किसी को भी ऑफर देते रहे कोई फर्क नहीं पड़ने वाला इनका सफाया होना निश्चित है।