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कमलनाथ झारखंड की चिंता में क्यों हैं?-Hindi News - Satyamev Times Media Network.
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kamal nath Jharkhand : मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ को झारखंड सरकार की चिंता सता रही है। उन्होंने आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार और भारतीय जनता पार्टी झारखंड में हेमंत सोरेन की सरकार गिराने का उपक्रम कर रहे हैं। उन्होंने टाइमलाइन भी दी है और कहा है कि अगले 15 दिन में ऐसा कोई प्रयास हो सकता है। इससे कोई तीन महीने पहले भी एक बार कमलनाथ ने इस तरह के बयान दिए थे और तब मध्य प्रदेश में इस बात की बड़ी चर्चा थी कि कांग्रेस नेतृत्व ने कमलनाथ को झारखंड सरकार बचाने का जिम्मा दिया है। इस काम के लिए वे कई दिन तक दिल्ली में बैठे भी रहे थे। अब एक बार फिर वे झारखंड को लेकर सक्रिय हो गए हैं। तभी सवाल है कि आखिर वे क्यों झारखंड की चिंता में हैं?

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kamal nath Jharkhand : झारखंड के प्रभारी आरपीएन सिंह हैं और सह प्रभारी उमंग सिंघार हैं। इन दोनों की बजाय कमलनाथ ज्यादा पंचायत कर रहे हैं। क्या सचमुच कांग्रेस आलाकमान ने प्रभारी और सह प्रभारी को छोड़ कर कमलनाथ पर भरोसा दिखाया है या वे किसी और कारण से इस मामले में सक्रिय हैं। ध्यान रहे कमलनाथ कारोबारी आदमी हैं और उनका परिवार इस्पात उद्योग से भी जुड़ा हुआ है। तभी सवाल है कि कहीं किसी कारोबारी हित की वजह से तो वे झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार की चिंता नहीं कर रहे हैं?

वैसे भी राज्य के सह प्रभारी झारखंड के मामले में ज्यादा रूचि नहीं लेते हैं और प्रभारी की दिलचस्पी भी सीमित कामों के लिए है। वे इस भरोसे में बैठे हैं कि कांग्रेस के आदिवासी और ईसाई विधायक नहीं टूटेंगे इसलिए कांग्रेस को टूटने या सरकार गिरने का खतरा नहीं है। यह आकलन कुछ हद तक सही है लेकिन फिर भी खतरा बना हुआ है। सो, अगर कांग्रेस कमलनाथ जैसे किसी नेता को जिम्मेदारी दे तो उसके लिए अच्छा ही रहेगा।

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कमलनाथ झारखंड की चिंता में क्यों हैं?-Hindi News

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kamal nath Jharkhand : मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ को झारखंड सरकार की चिंता सता रही है। उन्होंने आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार और भारतीय जनता पार्टी झारखंड में हेमंत सोरेन की सरकार गिराने का उपक्रम कर रहे हैं। उन्होंने टाइमलाइन भी दी है और कहा है कि अगले 15 दिन में ऐसा कोई प्रयास हो सकता है। इससे कोई तीन महीने पहले भी एक बार कमलनाथ ने इस तरह के बयान दिए थे और तब मध्य प्रदेश में इस बात की बड़ी चर्चा थी कि कांग्रेस नेतृत्व ने कमलनाथ को झारखंड सरकार बचाने का जिम्मा दिया है। इस काम के लिए वे कई दिन तक दिल्ली में बैठे भी रहे थे। अब एक बार फिर वे झारखंड को लेकर सक्रिय हो गए हैं। तभी सवाल है कि आखिर वे क्यों झारखंड की चिंता में हैं?

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वैसे भी राज्य के सह प्रभारी झारखंड के मामले में ज्यादा रूचि नहीं लेते हैं और प्रभारी की दिलचस्पी भी सीमित कामों के लिए है। वे इस भरोसे में बैठे हैं कि कांग्रेस के आदिवासी और ईसाई विधायक नहीं टूटेंगे इसलिए कांग्रेस को टूटने या सरकार गिरने का खतरा नहीं है। यह आकलन कुछ हद तक सही है लेकिन फिर भी खतरा बना हुआ है। सो, अगर कांग्रेस कमलनाथ जैसे किसी नेता को जिम्मेदारी दे तो उसके लिए अच्छा ही रहेगा।

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