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सत्यमेव टाइम्स में आपका स्वागत है     भनवापुर व डुमरियागंज ब्लाक क्षेत्र में व्यक्तिगत शौचालय बने कूड़ा दान।   रिपोर्ट:मनोज शुक्ल     सिद्धार्थनगर जिले को ओडीएफ घोषित हुए करीब चार साल हो रहे हैं। इसके बाद भी ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों का खुले में शौच जाना बंद नहीं हो रहा है। स्वच्छता मिशन के तहत गांवों में हर घर शौचालयों का निर्माण कराया गया था। इसके बाद भी स्थिति में कोई बदलाव नहीं दिख रहा है।स्वच्छता मिशन के तहत अबतक भनवापुर 111 ग्राम पंचायतों में 28540 और डुमरियागंज ब्लाक की 115 ग्राम पंचायतों में 28432 शौचालयों का निर्माण कराया गया है। इसमें लाभार्थियों को शौचालय निर्माण के लिए 12-12 हजार रुपये प्रोत्साहन राशि के रूप में दिए गए थे। ग्रामीण क्षेत्रों में शौचालयों का निर्माण कार्य जोर-शोर से कराया गया था। करीब चार वर्ष पूर्व 2018 में जिले को ओडीएफ घोषित कर दिया गया था। लेकिन जो स्थिति वर्तमान में है। वह कहीं न कहीं कई सवाल खड़े करती है। गांवों में आज भी पुरुष और महिलाएं सुबह-शाम हाथ में लोटा लेकर खेतों, नदी, पोखरों, तालाबों की ओर खुले में शौच करने के लिए जा रहे हैं। कई लोग ऐसे भी हैं, जिन्होंने प्रोत्साहन राशि लेकर शौचालय का निर्माण तो करा लिया। लेकिन उसका उपयोग शौच करने के बजाय भूसा, उपले और लकड़ियां रखने में कर रहे हैं। जबकि शासन ने लोगों को शौचालय का उपयोग करने के लिए सुबह-शाम जागरूक करने की जिम्मेेदारी ग्राम पंचायत स्तर पर दी थी। कुछ महीनों तक तो जागरुकता अभियान व गोष्ठी आयोजित हुईं लेकिन जैसे ही जिला खुले में शौचमुक्त घोषित हुआ, वैसे ही जागरूकता अभियान व गोष्ठियां बंद कर दी गई। इस ओर न तो जिम्मेदारों का ध्यान जा रहा है और न ही वह लोगों को खुले में शौच करने से रोकने के लिए कोई कारगर कदम उठा रहे हैं। इस संबंध में जिला पंचायती राज अधिकारी ने बताया कि संचारी रोग अभियान के तहत लोगों को खुले में शौच जाने से रोकने के लिए जागरूक किया जाएगा। इसके साथ उन्हें शौचालय का प्रयोग करने के लिए प्रेरित किया जाएगा। अभियान के क्रियान्वयन पर उठ रहे । भनवापुर। खुले में शौचमुक्त के लिए चलाए गए अभियान के क्रियान्वयन पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। यदि सही तरीके से ओडीएफ घोषित किया गया होता तो यह स्थिति देखने को नहीं मिलती। ग्रामीण क्षेत्रों की बात तो छोड़िए शहर-कस्बा क्षेत्रों में कुछ कुछ स्थानों पर यही हाल है। जो कि स्वच्छता अभियान को मुंह चिढा रहा। ओडीएफ घोषित करने के नाम पर पंचायत से लेकर शहर,कस्बों में बड़े अभियान चलाए गए थे। लेकिन यह अभियान सिर्फ समारोह तक ही सिमट कर रह गए थे। भनवापुर ब्लाक क्षेत्र के इन ग्राम पंचायतों में शौचालयों की स्थित बदतर। भनवापुर ब्लाक क्षेत्र के हटवा, साहेबपारा,हथपरा, भनवापुर, गड़ावर, जुड़वनियां, वेंव मुस्ताहकम,असनहरा माफी, वीरपुर एहतमाली, वीरपुर कोहल,तेनुई महतिनियां बुजुर्ग, आदि करीब आठ दर्जन ग्राम पंचायतों मे व्यक्तिगत शौचालयों की स्थित बदतर है।

सिद्धार्थनगर-नहीं बदली सोच, खुले में जा रहे शौच_रिपोर्ट:मनोज शुक्ला

 

 

भनवापुर व डुमरियागंज ब्लाक क्षेत्र में व्यक्तिगत शौचालय बने कूड़ा दान।

 

रिपोर्ट:मनोज शुक्ल

 

 

सिद्धार्थनगर जिले को ओडीएफ घोषित हुए करीब चार साल हो रहे हैं। इसके बाद भी ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों का खुले में शौच जाना बंद नहीं हो रहा है। स्वच्छता मिशन के तहत गांवों में हर घर शौचालयों का निर्माण कराया गया था। इसके बाद भी स्थिति में कोई बदलाव नहीं दिख रहा है।स्वच्छता मिशन के तहत अबतक भनवापुर 111 ग्राम पंचायतों में 28540 और डुमरियागंज ब्लाक की 115 ग्राम पंचायतों में 28432 शौचालयों का निर्माण कराया गया है। इसमें लाभार्थियों को शौचालय निर्माण के लिए 12-12 हजार रुपये प्रोत्साहन राशि के रूप में दिए गए थे। ग्रामीण क्षेत्रों में शौचालयों का निर्माण कार्य जोर-शोर से कराया गया था। करीब चार वर्ष पूर्व 2018 में जिले को ओडीएफ घोषित कर दिया गया था। लेकिन जो स्थिति वर्तमान में है। वह कहीं न कहीं कई सवाल खड़े करती है। गांवों में आज भी पुरुष और महिलाएं सुबह-शाम हाथ में लोटा लेकर खेतों, नदी, पोखरों, तालाबों की ओर खुले में शौच करने के लिए जा रहे हैं। कई लोग ऐसे भी हैं, जिन्होंने प्रोत्साहन राशि लेकर शौचालय का निर्माण तो करा लिया। लेकिन उसका उपयोग शौच करने के बजाय भूसा, उपले और लकड़ियां रखने में कर रहे हैं। जबकि शासन ने लोगों को शौचालय का उपयोग करने के लिए सुबह-शाम जागरूक करने की जिम्मेेदारी ग्राम पंचायत स्तर पर दी थी। कुछ महीनों तक तो जागरुकता अभियान व गोष्ठी आयोजित हुईं लेकिन जैसे ही जिला खुले में शौचमुक्त घोषित हुआ, वैसे ही जागरूकता अभियान व गोष्ठियां बंद कर दी गई। इस ओर न तो जिम्मेदारों का ध्यान जा रहा है और न ही वह लोगों को खुले में शौच करने से रोकने के लिए कोई कारगर कदम उठा रहे हैं।

इस संबंध में जिला पंचायती राज अधिकारी ने बताया कि संचारी रोग अभियान के तहत लोगों को खुले में शौच जाने से रोकने के लिए जागरूक किया जाएगा। इसके साथ उन्हें शौचालय का प्रयोग करने के लिए प्रेरित किया जाएगा।

अभियान के क्रियान्वयन पर उठ रहे ।

भनवापुर। खुले में शौचमुक्त के लिए चलाए गए अभियान के क्रियान्वयन पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। यदि सही तरीके से ओडीएफ घोषित किया गया होता तो यह स्थिति देखने को नहीं मिलती। ग्रामीण क्षेत्रों की बात तो छोड़िए शहर-कस्बा क्षेत्रों में कुछ कुछ स्थानों पर यही हाल है। जो कि स्वच्छता अभियान को मुंह चिढा रहा। ओडीएफ घोषित करने के नाम पर पंचायत से लेकर शहर,कस्बों में बड़े अभियान चलाए गए थे। लेकिन यह अभियान सिर्फ समारोह तक ही सिमट कर रह गए थे।

भनवापुर ब्लाक क्षेत्र के इन ग्राम पंचायतों में शौचालयों की स्थित बदतर।

भनवापुर ब्लाक क्षेत्र के हटवा, साहेबपारा,हथपरा, भनवापुर, गड़ावर, जुड़वनियां, वेंव मुस्ताहकम,असनहरा माफी, वीरपुर एहतमाली, वीरपुर कोहल,तेनुई महतिनियां बुजुर्ग, आदि करीब आठ दर्जन ग्राम पंचायतों मे व्यक्तिगत शौचालयों की स्थित बदतर है।

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