Countdown To Mothers Day
सत्यमेव टाइम्स में आपका स्वागत है   मेंहदावल ,संतकबीरनगर। मेंहदावल नगर पंचायत के कर्मचारी और अधिकारियों के उदासीनता के वजह से सड़कों पर आवारा जानवरों का अंबार लगा है। सड़क के बीचो-बीच जगह-जगह जानवरों के झुंड बैठे हुए रहते हैं। नगर में आवारा सांडों का आतंक इतना अधिक हो गया है कि शुक्रवार को एक अधिवक्ता इनका शिकार होकर गंभीर घायल हो गया। जिसका मेंहदावल अस्पताल में इलाज जारी है। शुक्रवार को तहसील में अधिवक्ता गोपाल यादव पुत्र देवादीन निवासी गेहूदीला सुबह अपने घर से वह निकलकर तहसील मुख्यालय पर गए थे। दोपहर तीन बजे के करीब वह नगर के रजिस्ट्री ऑफिस के पास निजी काम से बाहर खड़े थे की दो सांड आपस मे झगड़ा कर रहे थे एक ने आकर इन्हें पटक दिया जिससे उनका सिर फट गया। जिसके चपेट और सांड के हमले में यह घायल हो गए। स्थानीय लोगो ने इन्हें मेंहदावल सीएचसी ले गए जहाँ इनका इलाज चल रहा था। क्षेत्र के अभिनव ,प्रशांत , रवि , दिनेश ,सुधीर आदि ने कहा कि नगर में गौशाला संचालित होने के बावजूद ऐसा कोई चौराहा नहीं है जहां आवारा मवेशियों का जमावडा ना हो। अस्पताल तिराहा से लेकर बारहखाल चौराहे तक की हालत काफी बदतर है, यहां आए दिन इन मवेशियों की लड़ाई में राहगीर घायल हो रहे हैं । जब इस बारे में ईओ प्रदीप शुक्ला से बात करने की कोशिस की गई तो फ़ोन कवर क्षेत्र से बाहर रहा।

आवारा मवेशियों का उत्पात : सांड के हमले से अधिवक्ता का सिर फटा

 

मेंहदावल ,संतकबीरनगर। मेंहदावल नगर पंचायत के कर्मचारी और अधिकारियों के उदासीनता के वजह से सड़कों पर आवारा जानवरों का अंबार लगा है। सड़क के बीचो-बीच जगह-जगह जानवरों के झुंड बैठे हुए रहते हैं। नगर में आवारा सांडों का आतंक इतना अधिक हो गया है कि शुक्रवार को एक अधिवक्ता इनका शिकार होकर गंभीर घायल हो गया। जिसका मेंहदावल अस्पताल में इलाज जारी है।
शुक्रवार को तहसील में अधिवक्ता गोपाल यादव पुत्र देवादीन निवासी गेहूदीला सुबह अपने घर से वह निकलकर तहसील मुख्यालय पर गए थे। दोपहर तीन बजे के करीब वह नगर के रजिस्ट्री ऑफिस के पास निजी काम से बाहर खड़े थे की दो सांड आपस मे झगड़ा कर रहे थे एक ने आकर इन्हें पटक दिया जिससे उनका सिर फट गया। जिसके चपेट और सांड के हमले में यह घायल हो गए। स्थानीय लोगो ने इन्हें मेंहदावल सीएचसी ले गए जहाँ इनका इलाज चल रहा था। क्षेत्र के अभिनव ,प्रशांत , रवि , दिनेश ,सुधीर आदि ने कहा कि नगर में गौशाला संचालित होने के बावजूद ऐसा कोई चौराहा नहीं है जहां आवारा मवेशियों का जमावडा ना हो। अस्पताल तिराहा से लेकर बारहखाल चौराहे तक की हालत काफी बदतर है, यहां आए दिन इन मवेशियों की लड़ाई में राहगीर घायल हो रहे हैं । जब इस बारे में ईओ प्रदीप शुक्ला से बात करने की कोशिस की गई तो फ़ोन कवर क्षेत्र से बाहर रहा।

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