मथुरा – क्यों एक दिन पहले मनाई जाती है केशव देव मंदिर में जन्माष्टमी
मथुरा अजन्मे के जन्म को लेकर मथुरा में दूर दराज से आने वाले भक्तों का तांता लगा हुआ है। जहां पर एक तरफ श्री कृष्ण का जन्म महोत्सव जन्मस्थान में जन्माष्टमी अष्टमी तिथि यानी 19 अगस्त की मनाई जा रही है।तो वहीं पर प्राचीन केशव देव मंदिर में जन्माष्टमी सष्टमी यानी 18 अगस्त को मनाई जा रही है । मंदिर केशव देव के सेवायत मुन्नी लाल गोस्वामी ने जानकारी देते हुए बताया कि कंस की कारागार मलपुरा में थी इसी कारण सबसे पहले सष्ठमी की आधी रात को भगवान श्री कृष्ण ने जन्म होने की सूचना सबसे पहले मलपुरा निवासीयों को मिली ।वाकी को श्री कृष्ण के जन्म होने की सूचना अष्टमी को प्राप्त हुई सेवायत ने बताया कि भगवान श्री कृष्ण जन्म भादो की आधी रात सष्टमी को हुआ था।भगवान श्री कृष्ण का जन्म होने की बच्चे आज कंस के कारागार के सभी पहरेदार गहरी नींद में सो गए और वासुदेव के द्वारा भगवान श्री कृष्ण को गोकुल में नंद बाबा के यहां पहुंचा दिया गया था ।
भगवान श्री कृष्ण को गोकुल नंद बाबा के घर पहुंचाने के पश्चात मथुरा के लोगों को पता चला कि कंस की कारागार में देवकी का आठवां बालक ने जन्म दिया है ।सेवायत ने बताया कि केशव देव मंदिर ही सबसे प्राचीन मंदिर है बाकी सब मंदिरों का नया निर्माण हुआ है ।जहाँ पर केशव देव मंदिर था वहां पर औरंगजेब ने मंदिर को तोड़कर मस्जिद का निर्माण करवा दिया था।
जहां पर आज श्री कृष्ण जन्मस्थान बना हुआ है वह स्थान गंगा मंदिर का हो या करता था क्योंकि भगवान श्री कृष्ण का जन्म सष्टमी के दिन हुआ इसीलिए केशव देव मंदिर में जन्माष्टमी का पावन पर्व सष्टमी के दिन मनाया जाता है और आज यहां पर 11:00 बजे से भगवान का सब ठीक होगा और लड्डू प्रसाद रूप में बांटे जाएंगे।