संतकबीरनगर – एक ही घाट पर पानी पीने वाले आज अचानक ही एक दूसरे के जानी दुश्मन बन बैठे। वो भी बीजेपी के सदर विधायक अंकुर राज तिवारी के सामने। एक ही घाट पर् पानी पीने वाले अधिवक्ता और उपजिलाधिकारी के बीच तीखी नोक झोंक हंगामे तक पहुंच गयी। जिसके चलते सम्पूर्ण समाधान दिवस महज कोरम बन कर रह गया। उपजिलाधिकारी पर गंभीर आरोप मढ़ते हुए अधिवक्ताओं ने सम्पूर्ण समाधान दिवस का बायकाट करने के पहले उपजिलाधिकारी को खूब खरी खोटी सुनाते हुए उन्हे चोर और भ्रष्टाचारी तक कहते हुए सभागार से निकल तहसील गेट तक जोरदार प्रदर्शन किया। यहाँ तक की आलाधिकारियों को भी परिसर मे घुसने नही दिया। तहसील सभागार मे वकील उपजिलाधिकारी के खिलाफ आग बबुला थे, बीजेपी विधायक अंकुर राज तिवारी ने इस बीच सूझ बूझ का परिचय देते हुए अधिवक्ताओं के गुस्से को कुछ हद तक कम कराया और उन्हे ये आश्वासन दिया कि जब तक उनकी मांग पूरी नही की जाती तब तक वो तहसील परिसर से बाहर नही जाएंगे।
क्या थी अधिवक्ताओं की मांग……..?
वकीलों की कुल 06 मांग थी जिसमे एसडीएम का स्थानांतरण, अधिवक्ताओं के बैठने की जगह से टैक्सी स्टैंड को हटाने की मांग, के खिलाफ न्यायिक भ्रष्टाचार का आरोप- उच्चस्त्रीय जांच की मांग, वकीलों के बैठने की उचित व्यवस्था, अधिवक्ताओं से एसडीएम माफी मांगे। बंद गेट को खोले जाने की मांग। जिनमे तत्काल रूप से प्रमुख मांगे विधायक के हस्तक्षेप के बाद पूरी होने पर अधिवक्ता समुदाय ने विधायक अंकुर राज तिवारी को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए उनके प्रति आभार जताया।
सूझबूझ से विधायक अंकुर राज तिवारी न लेते काम तो दोहरा जाता जिले मे दूसरा जूताक़ांड……….!!
तहसील सभागार मे आयोजित सम्पूर्ण समाधान दिवस के दौरान जिस तरह से अधिवक्ताओं और एसडीएम के बीच तूँ तूँ मै मै हो रही थी उसे देख एकबारगी लगने लगा था कि जिले मे शायद आज दुसरा जूताक़ांड न हो जाय। जूताक़ांड का जिक्र आते ही आप पाठकों को पूर्व सांसद स्व० शरद त्रिपाठी और पूर्व विधायक मेंहदावल राकेश सिंह बघेल के बीच हुई जूतमपैजार् की घटना तो याद आ ही गयी होगी, हालात लगभग वैसे ही बन बैठे आप, ऐसे मुश्किल हालात मे फ्रंट फुट पर आते हुए विधायक अंकुर राज तिवारी ने एक बड़ी घटना को होने से न सिर्फ रोका बल्कि समस्या का समाधान कराया जिसकी प्रशंसा सिविल बार एसोशियेसन और जनपद बार एसोशियेशन के पदाधिकारियों ने की।