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सत्यमेव टाइम्स में आपका स्वागत है       पांच दिनों से पेड़ के नीचे बच्चे पन्नी तानकर पढ़ रहे बच्चे   सुल्तानपुर के कुड़वार ब्लॉक में जूनियर हाईस्कूल पूरे चित्ता की तस्वीरें सरकार के विकास की पोल खोल रही। यहां पेड़ के नीचे बच्चे पन्नी तानकर शिक्षा ग्रहण कर रहे। क्योंकि पांच दिन पूर्व यहां स्कूल की आंशिक छत भर भराकर गिर पड़ी थी। कुड़वार ब्लॉक का मामला जानकारी के अनुसार कुड़वार के उच्च प्राथमिक विद्यालय पूरे चित्ता में कक्षा आठ के कमरे की आंशिक छत शुक्रवार को भर भराकर गिर पड़ी थी।कमरे में बच्चों के न होने से बड़ा हादसा होते-होते बच गया था। तब से आज तक बच्चे पेड़ के नीचे पन्नी तान कर क्लॉस में पढ़ रहे। बताया जा रहा है कि विद्यालय का निर्माण वित्तीय ‌वर्ष 2008-9 में तात्कालिक हेडमास्टर मोहम्मद अल्ताफ (वर्तमान हेडमास्टर कम्पोजिट विद्यालय रवनिया पश्चिम) ने कराया था। घटिया निर्माण की शिकायत ग्रामीणों ने किया लेकिन शिकायत को नजर अंदाज कर दिया गया। अधिकारियों ने शुरू की जांच विद्यालय का निर्माण कराने से 13 वर्षों में ही छत टूट गई और हादसा होते-होते बचा। विद्यालय में कुल‌ 70 छात्र नामांकित हैं। कम्पोजिट ग्रांट के रूप में 25 हजार रुपए प्रति वर्ष शासन‌ से हेडमास्टर को मिलता है। हेडमास्टर ने भी छत की मरम्मत कराना आज तक मुनासिब नहीं समझा। प्रभारी हेड मास्टर सूर्य प्रकाश दूबे ने बताया कि घटिया निर्माण होने की शिकायत कई बार की गई शिकायत की अनसुनी होने से अब छत भरभराकर गिर पड़ी। खंड शिक्षा अधिकारी श्याम बिहारी ने बताया कि मौके पर जाकर जांच की गई। सूचना रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को‌ भेजी जाएगी।

सुल्तानपुर-13 साल में ही जूनियर स्कूल की छत भर भराकर गिरी_रिपोर्ट-अज़हर अब्बास

 

 

 

पांच दिनों से पेड़ के नीचे बच्चे पन्नी तानकर पढ़ रहे बच्चे

 

सुल्तानपुर के कुड़वार ब्लॉक में जूनियर हाईस्कूल पूरे चित्ता की तस्वीरें सरकार के विकास की पोल खोल रही। यहां पेड़ के नीचे बच्चे पन्नी तानकर शिक्षा ग्रहण कर रहे। क्योंकि पांच दिन पूर्व यहां स्कूल की आंशिक छत भर भराकर गिर पड़ी थी।

कुड़वार ब्लॉक का मामला

जानकारी के अनुसार कुड़वार के उच्च प्राथमिक विद्यालय पूरे चित्ता में कक्षा आठ के कमरे की आंशिक छत शुक्रवार को भर भराकर गिर पड़ी थी।कमरे में बच्चों के न होने से बड़ा हादसा होते-होते बच गया था। तब से आज तक बच्चे पेड़ के नीचे पन्नी तान कर क्लॉस में पढ़ रहे। बताया जा रहा है कि विद्यालय का निर्माण वित्तीय ‌वर्ष 2008-9 में तात्कालिक हेडमास्टर मोहम्मद अल्ताफ (वर्तमान हेडमास्टर कम्पोजिट विद्यालय रवनिया पश्चिम) ने कराया था। घटिया निर्माण की शिकायत ग्रामीणों ने किया लेकिन शिकायत को नजर अंदाज कर दिया गया।

अधिकारियों ने शुरू की जांच
विद्यालय का निर्माण कराने से 13 वर्षों में ही छत टूट गई और हादसा होते-होते बचा। विद्यालय में कुल‌ 70 छात्र नामांकित हैं। कम्पोजिट ग्रांट के रूप में 25 हजार रुपए प्रति वर्ष शासन‌ से हेडमास्टर को मिलता है। हेडमास्टर ने भी छत की मरम्मत कराना आज तक मुनासिब नहीं समझा। प्रभारी हेड मास्टर सूर्य प्रकाश दूबे ने बताया कि घटिया निर्माण होने की शिकायत कई बार की गई शिकायत की अनसुनी होने से अब छत भरभराकर गिर पड़ी। खंड शिक्षा अधिकारी श्याम बिहारी ने बताया कि मौके पर जाकर जांच की गई। सूचना रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को‌ भेजी जाएगी।

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