संतकबीरनगर। स्थाई लोक अदालत के अध्यक्ष ए.के.रवि, सदस्य दिनेश कुमार अग्रवाल व महिला सदस्य सुनीता गुप्ता की तीन सदस्यीय पीठ ने शुक्रवार को विद्युत विभाग के खिलाफ फैसला सुनाया है। विद्युत बिल को सही करने के साथ वाद व्यय व क्षतिपूर्ति के रुप में रुपये 12 हजार दोषी अधिकारियों व कर्मचारियों से 30 दिनों के भीतर वसूल करने का आदेश विभाग को दिया है। विभाग के रवैये से त्रस्त होकर न्यायालय की शरण में आये उपभोक्ता के पक्ष में शुक्रवार को स्थाई लोक अदालत ने फैसला सुनाया है। घनघटा थानाक्षेत्र के हैंसर बाजार क्षेत्र के बहराडाड़ी गांव निवासी रत्नेश कुमार श्रीवास्तव ने अपने अधिवक्ता अन्जय कुमार श्रीवास्तव के माध्यम से न्यायालय में मुकदमा दाखिल करते हुए कहा कि वह प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाला बेरोजगार युवक है। आगामी 4 अक्टूबर 2019 को उनके घर पर विद्युत विभाग के द्वारा मीटर लगाया गया। उन्होंने 11 दिसंबर 2019 को रुपये 1439 का भुगतान किया। अगले माह जब वह बिल जमा करने पहुंचे तब उन्हें बताया गया कि बिल के बावत अधिक रकम जमा हो गया है जिसे आगे समायोजित कर लिया जाएगा। बिल के लेजर में दिसंबर 2019 में शून्य बकाया प्रदर्शित किया गया। दिनांक 9 फरवरी 2021 में अवर अभियंता चंद्रभूषण कुमार उनके घर आये और उनके द्वारा बताया गया कि मीटर रीडिंग 178 तथा बकाया रुपये 1477 है। जून 2021 में वह बढ़कर रुपये 14,645 हो गया। पुनः दिसम्बर 2021 में वह बढ़कर रुपये 34,723 हो गया। बिल को दुरुस्त कराने के लिए वह उप खंड अधिकारी, अवर अभियंता चंद्रभूषण कुमार तथा लिपिक योगेश कुमार पांडेय से सिफारिश करते रहे। तहसील दिवस में भी प्रार्थना-पत्र देने व बार-बार आश्वासन देने के बाद भी गलत बिल दुरुस्त नही किया गया। थक-हार कर न्यायालय की शरण में आना पड़ा। न्यायालय ने विद्युत विभाग के खिलाफ फैसला सुनाते हुए विद्युत बिल को सही करने के साथ वाद व्यय व क्षतिपूर्ति के रुप में रुपये 12 हजार दोषी अधिकारियों व कर्मचारियों से 30 दिनों के भीतर वसूल करने का आदेश विभाग को दिया है।