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सत्यमेव टाइम्स में आपका स्वागत है         सेमरियावां-स्व.मुलायम सिंह यादव सर्वसमाज के नेता जी थे तथा राजनीति के शिखर थे उनके जाने से राजनीतिक जगत की खाली जगह की भरपाई नहीं की जा सकती है उक्त बातें पूर्व जिला पंचायत सदस्य एवं वरिष्ट सपा नेता महताब आलम लड्डू ने समाजवाद के पुरोधा पूर्व मुख्यमंत्री स्व.मुलायम सिंह यादव को श्रंद्धाजलि अर्पित करते हुए कहीं। उन्होंने कहा कि नेता जी अपने कार्यकर्ताओं के मान-सम्मान का पूरा ध्यान रखते थे तथा पार्टी कार्यालय पर एक-एक कार्यकर्ताओं से मिलकर उनका दुःख दर्द बांटते थे।श्री लड्डू ने कहा कि नेता जी सेक्युलर राजनीति के मसीहा थे तथा सभी जाति-धर्म एवं वर्गों को साथ लेकर चलने की कला ही उनको सबसे अलग बनाती थी।श्री लड्डू ने यह भी कहा कि नेता जी तीन बार प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे और हर बार उन्होंने प्रदेश की प्रगति के लिए अथक प्रयास किया तथा वह एक अध्यापक थे इसलिए अध्यापकों के प्रति उनका विशेष लगाव था इसलिए अध्यापकों के हितों के लिए उन्होंने बहुत से कार्य किए।श्री लड्डू ने यह भी कहा कि नेता जी ने मात्र दो वर्ष के अपने रक्षामंत्री रहने के दौरान पाकिस्तान और चीन जैसे देशों को पीछे हटने पर मजबूर कर दिया उन्होंने कहा कि वह सिर्फ नाम से मुलायम थे लेकिन अपने कार्य के प्रति काफी सख्त थे इसलिए भविष्य में ऐसे व्यक्तित्व की कल्पना नहीं की जा सकती है।नेता जी के निधन पर दुःख व्यक्त करते हुए महताब आलम ने यह भी कहा कि कुश्ती के मैदान में बड़े-बड़े पहलवानों को चित करने वाले नेता जी ने बड़े-बड़े राजनीतिक हस्तियों को चित कर देश और प्रदेश की राजनीति को एक नई दिशा दी थी तथा वह गंगा-जमुनी तहजीब के असल पैरोकार थे।

संतकबीरनगर-दबे-कुचलों एवं मजलूमों के मसीहा थे “नेता जी”-:महताब आलम

 

 

 

 

सेमरियावां-स्व.मुलायम सिंह यादव सर्वसमाज के नेता जी थे तथा राजनीति के शिखर थे उनके जाने से राजनीतिक जगत की खाली जगह की भरपाई नहीं की जा सकती है उक्त बातें पूर्व जिला पंचायत सदस्य एवं वरिष्ट सपा नेता महताब आलम लड्डू ने समाजवाद के पुरोधा पूर्व मुख्यमंत्री स्व.मुलायम सिंह यादव को श्रंद्धाजलि अर्पित करते हुए कहीं। उन्होंने कहा कि नेता जी अपने कार्यकर्ताओं के मान-सम्मान का पूरा ध्यान रखते थे तथा पार्टी कार्यालय पर एक-एक कार्यकर्ताओं से मिलकर उनका दुःख दर्द बांटते थे।श्री लड्डू ने कहा कि नेता जी सेक्युलर राजनीति के मसीहा थे तथा सभी जाति-धर्म एवं वर्गों को साथ लेकर चलने की कला ही उनको सबसे अलग बनाती थी।श्री लड्डू ने यह भी कहा कि नेता जी तीन बार प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे और हर बार उन्होंने प्रदेश की प्रगति के लिए अथक प्रयास किया तथा वह एक अध्यापक थे इसलिए अध्यापकों के प्रति उनका विशेष लगाव था इसलिए अध्यापकों के हितों के लिए उन्होंने बहुत से कार्य किए।श्री लड्डू ने यह भी कहा कि नेता जी ने मात्र दो वर्ष के अपने रक्षामंत्री रहने के दौरान पाकिस्तान और चीन जैसे देशों को पीछे हटने पर मजबूर कर दिया उन्होंने कहा कि वह सिर्फ नाम से मुलायम थे लेकिन अपने कार्य के प्रति काफी सख्त थे इसलिए भविष्य में ऐसे व्यक्तित्व की कल्पना नहीं की जा सकती है।नेता जी के निधन पर दुःख व्यक्त करते हुए महताब आलम ने यह भी कहा कि कुश्ती के मैदान में बड़े-बड़े पहलवानों को चित करने वाले नेता जी ने बड़े-बड़े राजनीतिक हस्तियों को चित कर देश और प्रदेश की राजनीति को एक नई दिशा दी थी तथा वह गंगा-जमुनी तहजीब के असल पैरोकार थे।

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