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सत्यमेव टाइम्स में आपका स्वागत है संतकबीरनगर। आज आर्ट ऑफ लिविंग की महिला ग्रुप संजीवनी की महिलाओं ने रीतू जैन के नेतृत्व में जिला महिला जेल में महिला कैदियों के साथ बांटे ख़ुशी के कुछ पल। उन्हें दिए कंबल, बिस्कुट, नमकीन आदि साथ ही उनके साथ रह रहे। छोटे बच्चों को दिए गर्म कपड़े, खिलौने, बैट बॉल, चॉकलेट साथ ही तनाव मुक्त रहने और मन को शांत रखने और विपरीत परिस्थितियों में खुश रहने के बारे में बताया और शरीर और मन को स्वस्थ रखने के लिए कराया सूक्ष्म व्यायाम, योग, मैडिटेशन और साथ मिलकर गाए कुछ भजन और उनके साथ बैठकर उनके बारे में बातचीत भी की महिला बंदियों ने बताया कि उन्हें बहुत शान्ति का अनुभव हुआ खासकर गुरुदेव की आवाज में मैडिटेशन करने और भजन गाने के बाद मन बहुत शांत हो गया और तनाव मुक्त हो गया और बहुत प्रसन्नता का अनुभव हुआ। जेलर आर.एल.वर्मा ने आर्ट ऑफ लिविंग को धन्यवाद दिया और सराहना की और कहा कि इससे कैदियों को तनाव मुक्त रहने में मदद मिलती है और उनकी नकारात्मकता कम होती है और मानसिक स्थिति में सुधार होता है और इसका कैदियों को सुधारने में बहुत मदद मिलती है और आशा की कि आगे भी ऐसे कॉर्यक्रम चलते रहे। रीतू जैन, नमिता चड्ढा, गुड़िया सिंह आदि ने बताया कि हम लोग शीघ्र ही यहाँ की महिला कैदियों के लिए निःशुल्क सुदर्शन क्रिया शिविर भी आयोजित करेंगे। आर्ट ऑफ लिविंग के प्रशिक्षक अमित जैन ने बताया कि हम लोग पूर्व में भी यहां पर पुरुष बंदीओं के लिए सुदर्शन क्रिया शिविर कर चुके हैं और इससे कैदियों की मॉनसिक स्थिति में बहुत सुधार हुआ और अवसाद से बाहर आने में बहुत मदद मिली। मनोज सिंह और विनीत चड्ढा ने बताया की आर्ट ऑफ लिविंग ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर जिला जेल में 10 दिन का योग शिविर भी आयोजित किया गया था और आगे भी जेल के कैदियों के सुधार के लिए कुछ न कुछ कॉर्यक्रम करते रहेंगे। साथ में कविता चड्ढा, मनीषा रुंगटा, ममता श्रीवास्तव, ममता जैन सहित बंदी रक्षक और पुलिस कर्मी उपस्थित रहे।

संतकबीरनगर-आर्ट आफ लिविंग ने महिला कैदियों में बांटें खुशी के पल

संतकबीरनगर। आज आर्ट ऑफ लिविंग की महिला ग्रुप संजीवनी की महिलाओं ने रीतू जैन के नेतृत्व में जिला महिला जेल में महिला कैदियों के साथ बांटे ख़ुशी के कुछ पल। उन्हें दिए कंबल, बिस्कुट, नमकीन आदि साथ ही उनके साथ रह रहे। छोटे बच्चों को दिए गर्म कपड़े, खिलौने, बैट बॉल, चॉकलेट साथ ही तनाव मुक्त रहने और मन को शांत रखने और विपरीत परिस्थितियों में खुश रहने के बारे में बताया और शरीर और मन को स्वस्थ रखने के लिए कराया सूक्ष्म व्यायाम, योग, मैडिटेशन और साथ मिलकर गाए कुछ भजन और उनके साथ बैठकर उनके बारे में बातचीत भी की महिला बंदियों ने बताया कि उन्हें बहुत शान्ति का अनुभव हुआ खासकर गुरुदेव की आवाज में मैडिटेशन करने और भजन गाने के बाद मन बहुत शांत हो गया और तनाव मुक्त हो गया और बहुत प्रसन्नता का अनुभव हुआ। जेलर आर.एल.वर्मा ने आर्ट ऑफ लिविंग को धन्यवाद दिया और सराहना की और कहा कि इससे कैदियों को तनाव मुक्त रहने में मदद मिलती है और उनकी नकारात्मकता कम होती है और मानसिक स्थिति में सुधार होता है और इसका कैदियों को सुधारने में बहुत मदद मिलती है और आशा की कि आगे भी ऐसे कॉर्यक्रम चलते रहे। रीतू जैन, नमिता चड्ढा, गुड़िया सिंह आदि ने बताया कि हम लोग शीघ्र ही यहाँ की महिला कैदियों के लिए निःशुल्क सुदर्शन क्रिया शिविर भी आयोजित करेंगे। आर्ट ऑफ लिविंग के प्रशिक्षक अमित जैन ने बताया कि हम लोग पूर्व में भी यहां पर पुरुष बंदीओं के लिए सुदर्शन क्रिया शिविर कर चुके हैं और इससे कैदियों की मॉनसिक स्थिति में बहुत सुधार हुआ और अवसाद से बाहर आने में बहुत मदद मिली। मनोज सिंह और विनीत चड्ढा ने बताया की आर्ट ऑफ लिविंग ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर जिला जेल में 10 दिन का योग शिविर भी आयोजित किया गया था और आगे भी जेल के कैदियों के सुधार के लिए कुछ न कुछ कॉर्यक्रम करते रहेंगे। साथ में कविता चड्ढा, मनीषा रुंगटा, ममता श्रीवास्तव, ममता जैन सहित बंदी रक्षक और पुलिस कर्मी उपस्थित रहे।

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