खबर सार–सेवानिवृत्त उप निरीक्षक के जीवित प्रमाण पत्र जमा करने के बहाने ओटीपी लेकर खाता से ₹300000 उड़ाने वाले जालसाजों की जमानत अर्जी सत्र न्यायाधीश देवेंद्र सिंह ने निरस्त कर दी।
जिला शासकीय अधिवक्ता विशाल श्रीवास्तव ने बताया कि खलीलाबाद थाना अंतर्गत नेदुला चौराहा निवासी बंसीधर त्रिपाठी को दिनांक 11 नवंबर 2022 को दिन में 2:00 बजे मोबाइल नंबर 6206 950 934 से एक व्यक्ति ने फोन किया और बताया कि आपका जीवित प्रमाण पत्र अभी तक प्राप्त नहीं हो पाया है मैं सेंट्रल बैंक से बोल रहा हूं। मेरी तरफ से एक मैसेज ओटीपी जाएगा जिसे बताने पर जीवित प्रमाण पत्र अपडेट हो जाएगा। थोड़ी देर बाद मोबाइल नंबर 82938 76418 से फोन आया और उसने अपने आपको ट्रेजरी ऑफिस संत कबीर नगर से बोलने वाला बताया और कहा कि आपका जीवित प्रमाण पत्र अपडेट करा दिया गया है आप कागज लेकर सेंट्रल बैंक साथा में दे दीजिएगा। थोड़ी देर बाद उनके खाते से ₹300000 निकाल लिए गए। बंसीधर के प्रार्थना पत्र पर थाना खलीलाबाद में मुकदमा पंजीकृत हुआ। पुलिस ने झारखंड निवासी संतोष कुमार मंडल व मनीष कुमार साह को गिरफ्तार किया जिसमें उन लोगों ने ऑनलाइन पैसा निकालने की बात बताई जिसके आधार पर उनको जेल भेजा गया ।उनके द्वारा जमानत प्रार्थना पत्र सत्र न्यायाधीश के न्यायालय में प्रस्तुत किया गया जिसका जिला शासकीय अधिवक्ता विशाल श्रीवास्तव ने जोरदार विरोध किया।
सत्र न्यायाधीश देवेंद्र सिंह ने यह कहते हुए जमानत निरस्त कर दिया कि बैंकिंग प्रणाली भारतीय अर्थव्यवस्था की धूरी है तथा बैंकिंग प्रणाली की तकनीकी कमियों का लाभ उठाकर जनसामान्य की बैंकों में जमा धनराशि आधुनिक तकनीकी उपकरणों जैसे मोबाइल फोन आदि के द्वारा धोखाधड़ी के माध्यम से अन्य खातों में अंतरित किए जाने से जन सामान्य का बैंकिंग प्रणाली से भरोसा उठ सकता है।