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gun licenses scam kashmir श्रीनगर। फर्जी गन लाइसेंस के मामले में सीबीआई ने शनिवार को जम्मू कश्मीर में 40 ठिकाने पर छापेमारी की। बताया जा रहा है कि एजेंसी ने दो वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों- शाहिद इकबाल चौधरी और नीरज कुमार को भी जांच के दायरे में शामिल किया है। दोनों पर दो लाख फर्जी गन लाइसेंस जारी करने के मामले में शामिल होने का आरोप है।
गौरतलब है कि सरकारी आंकड़ों के मुताबिक जम्मू कश्मीर गन लाइसेंस जारी करने के मामले में देश में शीर्ष पर है। यहां 2018 से 2020 तक सबसे ज्यादा हथियार लाइसेंस जारी किए गए। इन दो सालों में देश भर में 22,805 लाइसेंस जारी किए, इनमें से 18 हजार अकेल जम्मू कश्मीर में जारी हुए। यानी देश के 81 फीसदी लाइसेंस यहां बांटे गए। बताया जा रहा है कि ये अब भारत के इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा गन रैकेट है। इसका पता लगाने के लिए सीबीआई शनिवार को बड़ा अभियान चलाया।
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जम्मू कश्मीर के 22 जिलों में कलेक्टर और मजिस्ट्रेट की मिलीभगत से हजारों फर्जी हथियार लाइसेंस जारी करने का आरोप है। लाइसेंस जारी करने के एवज में पैसों का लेनदेन भी किया गया है। सीबीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि छापेमारी में जरूरी दस्तावेज मिले हैं। इनके जरिए एजेंसी को जांच आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी। यह भी कहा गया है कि शाहिद चौधरी को समन जारी कर श्रीनगर के सीबीआई ऑफिस बुलाया जाएगा। चौधरी 2009 बैच के आईएएस अधिकारी हैं और फिलहाल जम्मू कश्मीर के जनजातीय मामलों के विभाग के प्रशासनिक सचिव के पद पर तैनात हैं।
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वे मिशन यूथ के सीईओ भी हैं। इससे पहले चौधरी श्रीनगर के डिस्ट्रिक्ट डेवलपमेंट कमिश्नर रह चुके हैं। चौधरी कठुआ, राजौरी, उधमपुर और रियासी जिले के कलेक्टर भी रह चुके हैं। आरोप है कि इन सभी पदों पर रहते हुए चौधरी ने हजारों गन लाइसेंस दूसरे राज्यों के लोगों को फर्जी नाम से जारी कर दिए। इसका पता लगाने के लिए श्रीनगर के अलावा सीबीआई ने अनंतनाग, बारामुला, जम्मू, उधमपुर, राजौरी और दिल्ली में भी छापेमारी की। सीबीआई प्रवक्ता ने बताया कि बंदूक की 20 दुकानों में भी छापा मारा गया है।
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