लखनऊ –आमतौर पर अब लोगों की ये धारणा बन चुकी है कि जेईई आदि परीक्षाओं की बेहतर तैयारी सिर्फ राजस्थान के कोटा मे ही हो सकती है,अभिभावकों को भी अपने बच्चोँ के भविष्य की बहुत चिंता रहती है, इसलिए अभिभावक भी बिना कुछ सोंचे समझे ही भारी भरकम खर्च कर अपने पाल्यों को कोटा भेजते है ताकि उनका बेटा/बेटी उनका सर गर्व से ऊंचा कर सके।
आर्थिक स्थिति बेहतर रखने वाले अभिभावकों के उपर खर्च का तो कोई भार महसूस नही होता पर उन अभिभावकों के लिए बच्चोँ को कोटा मे तैयारी करवाना किसी पहाड़ जैसा लगता है जो मध्यम वर्गीय जीवन जीते है। ऐसी परिस्थिति मे कम आय वाले अभिभावक कर्ज के बोझ तले दब अपने बच्चोँ की इच्छाओं को पूरा करने के लिए दिन रात कड़ी मशक्कत करते हैं। बेहतर शिक्षा के लिए अभिभावकों को धन की समस्या न आड़े आये यही सोंच रखने वाले संतकबीरनगर जिले के पखुआपार गांव निवासी कौत्स् कुमार प्रदेश की राजधानी लखनऊ मे कोटा की तर्ज पर कोचिंग संस्थान चला रहे है जिसका सुखद परिणाम भी उस वक्त देखने को मिला जब उनकी कोचिंग संस्थान Kkouts मे पढ़ने वाले छात्र अथर्व अग्रवाल ने जेईई मेंस की परीक्षा मे बाजी मारते हुए यूपी टॉप कर खुद के माता पिता व अपने कोचिंग संस्थान का मान बढ़ाया। आपको बता दें कि कौत्स कुमार संतकबीरनगर जिले के पखुआपार गांव के रहने वाले है, इनके पिता श्री राम भवन पेशे से शिक्षक है। कौत्स कुमार की प्रारम्भिक शिक्षा जनपद के प्रतिष्ठित स्कूल हीरालाल राम निवास से हुई। हीरा लाल राम निवास इंटर कालेज से हाईस्कूल व इंटरमीडियट करने के बाद कौत्स् कुमार स्वयं भी कोचिंग के लिए कोटा गये थे जहाँ उन्होंने आई आई टी की परीक्षा निकाली थी। कोटा मे तैयारी के दौरान उन्होंने यूपी के विद्यार्थियों के लिए कुछ करने की ठानी जिसको उन्होंने 2019 मे साकार मूर्तरूप देते हुए लखनऊ मे Kkauts कोचिंग की नींव रखी। कुछ ही दिनों मे बेहतर परिणाम देने के चलते इस संस्थान ने अभिभावकों का भरोसा जीता जिसके चलते अब इस संस्थान मे पढ़ने की इच्छा हर बच्चे को होने लगी है। वर्ष 2023 इस संस्थान के लिए गर्व के पल उस वक्त लाया जब इसी संस्थान मे पढ़ने वाले अथर्व अग्रवाल ने जेईई मेंस परीक्षा मे यूपी टॉप किया। अपने टॉपरो को संस्थान के MD कौत्स कुमार ने मिठाई खिलाकर उनके और उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए कहा कि मै पूर्वांचल के एक छोटे से जिले संतकबीरनगर से संबंध रखता हुं, मेरी बड़ी हार्दिक इच्छा है कि मेरे गांव मेरे शहर के बच्चे भी यहाँ आकर तैयारी करे और विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं को पास कर अपने जनपद का नाम रोशन करें।