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समाजसेवा का बेहतर उदाहरण: अपने मातहत कर्मी की बेटी की शादी करा डॉ उदय ने पेश की मिसाल  - Satyamev Times Media Network.
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सत्यमेव टाइम्स में आपका स्वागत है   संत कबीर नगर - परोपकार से बड़ा कोई पुण्य नहीं है। जो व्यक्ति स्वयं की ¨चिंता न कर परोपकार के लिए कार्य करता है, वही सच्चे अर्थों में मनुष्य है। 'परहित सरिस धर्म नहीं भाई, परपीड़ा सम नहीं अधमाई'। परोपकार से बढ़कर दूसरा धर्म नही है और किसी को दुख पहुंचाने से बढ़कर कोई दूसरा अधर्म नहीं है कि बात को सच साबित करते हुए यूपी के संत कबीर नगर जिले के सर्वाधिक चर्चित हस्ती सूर्या ग्रुप ऑफ कॉलेज के चेयरमैन डॉ उदय प्रताप चतुर्वेदी ने आज फिर समाजसेवा के क्षेत्र में एक नई मिसाल कायम की है। दरअसल पूरा मामला एक गरीब परिवार की बेटी की शादी से जुड़ा हुआ है, ये परिवार बतौर चतुर्थ श्रेणी के कर्मी के रूप में सूर्या एकेडमी में सेवा दे रहा है, काफी खोजबीन के बाद जब उक्त सूर्या एकेडमी के दंपती कर्मियो को अपनी बेटी के लिए योग्य वर मिला तब उपहार समेत वैवाहिक खर्च की उन्हे चिंता सताने लगी। चूंकि यह दंपत्ति सूर्या ग्रुप के अन्य कर्मियो के मुकाबले सबसे नीचे के पायदान के कर्मचारी थे इसलिए डर के मारे अपनी आर्थिक कमजोरी को अपने मालिक यानी समाजसेवी व सूर्या ग्रुप ऑफ कालेज के चेयरमैन डा उदय से साझा भी नही कर पा रहे थे, ये शायद उस दंपती का डर था। पर जब इसकी जानकारी डॉक्टर उदय को हुई तब उन्होंने अपने मातहत कर्मियों को पास बुलाकर सभी परिस्थितियों की जानकारी लेते हुए शादी के पूरे खर्च समेत उपहार आदि देने की गारंटी देते हुए अपने ही संस्थान जीपीएस महाविद्यालय के ग्राउंड में शादी की व्यवस्था से जुड़े सारे इंतजाम किए। अपने छोटे भाई SR एकेडमी के प्रबंधक राकेश चतुर्वेदी के साथ सभी व्यवस्थाओं को पूर्ण कराने के साथ अतिरिक्त मदत करते हुए अपने कर्मी को बर विदाई इत्यादि के लिए आर्थिक सहयोग राशि भी दिए। आपको बता दें कि संस्थान में तैनात सुभाष तिवारी और उनकी पत्नी इंदू सूर्या इंटरनेशनल एकेडमी की स्थापना काल से ही चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी की जिम्मेदारी निभाते आ रहे हैं। जिनकी बेटी के शादी का पूरा खर्च खुद निर्वहन करते हुए सूर्या ग्रुप ऑफ कालेज के चेयरमैन ने जीपीएस परिसर को दुल्हन की तरह सजवा दिया। टेंट, सजावट, खाने के विविध व्यंजनों से सजे स्टॉल के आलावा बिटिया के कपड़ों, गहनों के साथ ही दहेज की रश्मों को भी निभाने का बीड़ा डॉक्टर उदय ने उठाया। शादी को यादगार बनाने के लिए डा उदय ने अपने छोटे भाई पूर्व ब्लॉक प्रमुख राकेश चतुर्वेदी और जिला पंचायत अध्यक्ष बलिराम यादव के साथ तैयारियों का जायजा लेते रहे। शादी के पंडाल की भव्यता और इंतजाम की समूची निगरानी में अपने एमडी डा उदय के साथ ही समूचे शैक्षणिक स्टॉफ को जुटा देख सुभाष तिवारी और इंदू तिवारी की आंखों में जहां सम्मान और खुशहाली के आंसू नजर आ रहे थे। वहीं अपने अभिभावक के रूप में डा उदय प्रताप चतुर्वेदी के व्यक्तित्व को पाकर दुल्हन बनी बेटी भी गौरवान्वित महसूस कर रही थी। खलीलाबाद जिला मुख्यालय पर सोमवार को इस ऐतिहासिक शादी की चर्चा भी खूब रही। लोगों में यह चर्चा तेज थी कि संस्थान के कर्मियों को अपना परिवार कहने वालों के लिए डा उदय प्रताप चतुर्वेदी एक नजीर हैं। उन्होंने अपने कर्मचारी की बेटी की शादी का जिम्मा उठा कर उस परिवार को न सिर्फ खुद को अभिभावक का अहसास कराया बल्कि परिवार कहने वाले लोगों के लिए प्रेरणा भी बन गए। डा उदय प्रताप चतुर्वेदी ने कहा कि समूचा सूर्या संस्थान उनका परिवार है। परिवार के हर सुख दुख में एक अभिभावक के रूप में हमारा समूचा संस्थान हमेशा खड़ा रहेगा। उन्होंने कहा कि बारात का स्वागत करने के लिए अपने अनुज राकेश चतुर्वेदी और जिला पंचायत अध्यक्ष के साथ खुद वह खड़े रहेंगे। बिटिया के दांपत्य जीवन के खुशहाली की भी कामना किया। इस दौरान सूर्या के प्रिंसिपल रविनेश श्रीवास्तव, उप प्रधानाचार्य शरद त्रिपाठी, एसआर इंटरनेशनल एकेडमी के सहायक प्रबंधक मनोज कुमार पांडेय, नितेश द्विवेदी, सपा के पूर्व महासचिव नित्यानंद यादव, अभयानंद सिंह, आशुतोष पांडेय सहित तमाम लोग मौजूद रहे।

समाजसेवा का बेहतर उदाहरण: अपने मातहत कर्मी की बेटी की शादी करा डॉ उदय ने पेश की मिसाल 

 

संत कबीर नगर – परोपकार से बड़ा कोई पुण्य नहीं है। जो व्यक्ति स्वयं की ¨चिंता न कर परोपकार के लिए कार्य करता है, वही सच्चे अर्थों में मनुष्य है। ‘परहित सरिस धर्म नहीं भाई, परपीड़ा सम नहीं अधमाई’। परोपकार से बढ़कर दूसरा धर्म नही है और किसी को दुख पहुंचाने से बढ़कर कोई दूसरा अधर्म नहीं है कि बात को सच साबित करते हुए यूपी के संत कबीर नगर जिले के सर्वाधिक चर्चित हस्ती सूर्या ग्रुप ऑफ कॉलेज के चेयरमैन डॉ उदय प्रताप चतुर्वेदी ने आज फिर समाजसेवा के क्षेत्र में एक नई मिसाल कायम की है। दरअसल पूरा मामला एक गरीब परिवार की बेटी की शादी से जुड़ा हुआ है, ये परिवार बतौर चतुर्थ श्रेणी के कर्मी के रूप में सूर्या एकेडमी में सेवा दे रहा है, काफी खोजबीन के बाद जब उक्त सूर्या एकेडमी के दंपती कर्मियो को अपनी बेटी के लिए योग्य वर मिला तब उपहार समेत वैवाहिक खर्च की उन्हे चिंता सताने लगी। चूंकि यह दंपत्ति सूर्या ग्रुप के अन्य कर्मियो के मुकाबले सबसे नीचे के पायदान के कर्मचारी थे इसलिए डर के मारे अपनी आर्थिक कमजोरी को अपने मालिक यानी समाजसेवी व सूर्या ग्रुप ऑफ कालेज के चेयरमैन डा उदय से साझा भी नही कर पा रहे थे, ये शायद उस दंपती का डर था। पर जब इसकी जानकारी डॉक्टर उदय को हुई तब उन्होंने अपने मातहत कर्मियों को पास बुलाकर सभी परिस्थितियों की जानकारी लेते हुए शादी के पूरे खर्च समेत उपहार आदि देने की गारंटी देते हुए अपने ही संस्थान जीपीएस महाविद्यालय के ग्राउंड में शादी की व्यवस्था से जुड़े सारे इंतजाम किए। अपने छोटे भाई SR एकेडमी के प्रबंधक राकेश चतुर्वेदी के साथ सभी व्यवस्थाओं को पूर्ण कराने के साथ अतिरिक्त मदत करते हुए अपने कर्मी को बर विदाई इत्यादि के लिए आर्थिक सहयोग राशि भी दिए। आपको बता दें कि संस्थान में तैनात सुभाष तिवारी और उनकी पत्नी इंदू सूर्या इंटरनेशनल एकेडमी की स्थापना काल से ही चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी की जिम्मेदारी निभाते आ रहे हैं। जिनकी बेटी के शादी का पूरा खर्च खुद निर्वहन करते हुए सूर्या ग्रुप ऑफ कालेज के चेयरमैन ने जीपीएस परिसर को दुल्हन की तरह सजवा दिया। टेंट, सजावट, खाने के विविध व्यंजनों से सजे स्टॉल के आलावा बिटिया के कपड़ों, गहनों के साथ ही दहेज की रश्मों को भी निभाने का बीड़ा डॉक्टर उदय ने उठाया। शादी को यादगार बनाने के लिए डा उदय ने अपने छोटे भाई पूर्व ब्लॉक प्रमुख राकेश चतुर्वेदी और जिला पंचायत अध्यक्ष बलिराम यादव के साथ तैयारियों का जायजा लेते रहे। शादी के पंडाल की भव्यता और इंतजाम की समूची निगरानी में अपने एमडी डा उदय के साथ ही समूचे शैक्षणिक स्टॉफ को जुटा देख सुभाष तिवारी और इंदू तिवारी की आंखों में जहां सम्मान और खुशहाली के आंसू नजर आ रहे थे। वहीं अपने अभिभावक के रूप में डा उदय प्रताप चतुर्वेदी के व्यक्तित्व को पाकर दुल्हन बनी बेटी भी गौरवान्वित महसूस कर रही थी। खलीलाबाद जिला मुख्यालय पर सोमवार को इस ऐतिहासिक शादी की चर्चा भी खूब रही। लोगों में यह चर्चा तेज थी कि संस्थान के कर्मियों को अपना परिवार कहने वालों के लिए डा उदय प्रताप चतुर्वेदी एक नजीर हैं। उन्होंने अपने कर्मचारी की बेटी की शादी का जिम्मा उठा कर उस परिवार को न सिर्फ खुद को अभिभावक का अहसास कराया बल्कि परिवार कहने वाले लोगों के लिए प्रेरणा भी बन गए। डा उदय प्रताप चतुर्वेदी ने कहा कि समूचा सूर्या संस्थान उनका परिवार है। परिवार के हर सुख दुख में एक अभिभावक के रूप में हमारा समूचा संस्थान हमेशा खड़ा रहेगा। उन्होंने कहा कि बारात का स्वागत करने के लिए अपने अनुज राकेश चतुर्वेदी और जिला पंचायत अध्यक्ष के साथ खुद वह खड़े रहेंगे। बिटिया के दांपत्य जीवन के खुशहाली की भी कामना किया। इस दौरान सूर्या के प्रिंसिपल रविनेश श्रीवास्तव, उप प्रधानाचार्य शरद त्रिपाठी, एसआर इंटरनेशनल एकेडमी के सहायक प्रबंधक मनोज कुमार पांडेय, नितेश द्विवेदी, सपा के पूर्व महासचिव नित्यानंद यादव, अभयानंद सिंह, आशुतोष पांडेय सहित तमाम लोग मौजूद रहे।

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