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न्यायाधीश देवेन्द्र सिंह के निर्देशन में हुआ विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन - Satyamev Times Media Network.
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संतकबीरनगर। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष एवं जनपद न्यायाधीश देवेन्द्र सिंह के निर्देशन में विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता प्राधिकरण के सचिव एवं न्यायिक अधिकारी विकास गोस्वामी द्वारा की गयी। मॉ सरस्वती के चित्र पर माल्यापर्ण एवं स्वागत गीत के साथ शिविर का शुभारम्भ किया गया। जिसका संचालन विद्यालय प्रवक्ता सीमा पांडेय द्वारा किया गया। कार्यक्रम में श्री गोस्वामी द्वारा बताया गया कि ‘‘नारी अस्य समाजस्य कुशलवास्तुकारा अस्ति अर्थात् नारी समाज की आदर्श शिल्पी है प्राचीन काल में भारतीय नारी को विशिष्ट सम्मान व पूज्यनीय दृष्टि से देखा जाता था। सीता, सती-सावित्री, अनसूया, गायत्री आदि अनगिनत भारतीय नारियों ने अपना विशिष्ट स्थान सिद्ध किया है। तत्कालीन समाज में किसी भी विशिष्ट कार्य के संपादन मैं नारी की उपस्थिति महत्वपूर्ण समझी जाती थी। हमारे संविधान में महिलाओं हेतु उपयोगी कानूनी जैसे किसी भी पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज करवाने का अधिकार, मुफ्त कानूनी सहायता प्राप्त करने का अधिकार, परिस्थितियों के अनुसार नाम को उजागर न करनें का अधिकार, रात के समय में गिरफ्तार न होने का अधिकार, महिला की गरिमा बनाये रखने का अधिकार तथा उत्पीड़न, मर्यादा भंग, महिला हेल्पलाईन नम्बर, इण्टरनेट के माध्यम से साइबर क्राइम समेत तमाम अधिकार प्रदान करता है। न्यायिक अधिकारी विकास गोस्वामी द्वारा बताय गया कि कोई भी महिला अपने विधिक अधिकारों के सम्बन्ध में किसी भी प्रकार कोई कठिनाईयों का सामना करती है तो विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यलय में एक प्रार्थना पत्र देकर अथवा लीगल ऐड सर्विसेज के एप के माध्यम से विधिक सहायता प्राप्त कर सकती है। इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य डा0 प्रमोद कुमार त्रिपाठी, प्रवक्ता आस्था जायसवाल, प्रवक्ता शैलेंद्रमणि त्रिपाठी, छात्राओं में पूनम पाण्डेय, सुनीता गौतम, ज्योति श्रीवास्तव एवं प्राधिकरण के तरफ से विद्याधर, नीरज, बलदेव समेत तमाम छात्रायें उपस्थित रहीं।

न्यायाधीश देवेन्द्र सिंह के निर्देशन में हुआ विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन

संतकबीरनगर। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष एवं जनपद न्यायाधीश देवेन्द्र सिंह के निर्देशन में विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता प्राधिकरण के सचिव एवं न्यायिक अधिकारी विकास गोस्वामी द्वारा की गयी। मॉ सरस्वती के चित्र पर माल्यापर्ण एवं स्वागत गीत के साथ शिविर का शुभारम्भ किया गया। जिसका संचालन विद्यालय प्रवक्ता सीमा पांडेय द्वारा किया गया। कार्यक्रम में श्री गोस्वामी द्वारा बताया गया कि ‘‘नारी अस्य समाजस्य कुशलवास्तुकारा अस्ति अर्थात् नारी समाज की आदर्श शिल्पी है प्राचीन काल में भारतीय नारी को विशिष्ट सम्मान व पूज्यनीय दृष्टि से देखा जाता था। सीता, सती-सावित्री, अनसूया, गायत्री आदि अनगिनत भारतीय नारियों ने अपना विशिष्ट स्थान सिद्ध किया है। तत्कालीन समाज में किसी भी विशिष्ट कार्य के संपादन मैं नारी की उपस्थिति महत्वपूर्ण समझी जाती थी। हमारे संविधान में महिलाओं हेतु उपयोगी कानूनी जैसे किसी भी पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज करवाने का अधिकार, मुफ्त कानूनी सहायता प्राप्त करने का अधिकार, परिस्थितियों के अनुसार नाम को उजागर न करनें का अधिकार, रात के समय में गिरफ्तार न होने का अधिकार, महिला की गरिमा बनाये रखने का अधिकार तथा उत्पीड़न, मर्यादा भंग, महिला हेल्पलाईन नम्बर, इण्टरनेट के माध्यम से साइबर क्राइम समेत तमाम अधिकार प्रदान करता है। न्यायिक अधिकारी विकास गोस्वामी द्वारा बताय गया कि कोई भी महिला अपने विधिक अधिकारों के सम्बन्ध में किसी भी प्रकार कोई कठिनाईयों का सामना करती है तो विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यलय में एक प्रार्थना पत्र देकर अथवा लीगल ऐड सर्विसेज के एप के माध्यम से विधिक सहायता प्राप्त कर सकती है। इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य डा0 प्रमोद कुमार त्रिपाठी, प्रवक्ता आस्था जायसवाल, प्रवक्ता शैलेंद्रमणि त्रिपाठी, छात्राओं में पूनम पाण्डेय, सुनीता गौतम, ज्योति श्रीवास्तव एवं प्राधिकरण के तरफ से विद्याधर, नीरज, बलदेव समेत तमाम छात्रायें उपस्थित रहीं।

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