संतकबीरनगर। राजनीति विज्ञान विभाग द्वारा आयोजित ‘‘जी-20 सम्मेलन की उपादेयता एवं भारत’’ विषयक व्याख्यान को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि डॉ0 कृष्ण कुमार, सहायक आचार्य राजकीय महाविद्यालय सुकरौली, कुशीनगर ने कहा कि वन अर्थ, वन फैमिली, वन फ्यूचर की बात वैश्विक रूप से भारत द्वारा रखी जा रही हैं जो भारत के लिए गौरव की बात है। आज भारत देश जी-20 सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है जिससे भारत की पहचान, कार्यशैली वैश्विक स्तर पर सामने आ रही हैं। वसुधैव कुटुम्बकम की भावना ही भारत की पहचान रही हैं और इसी भावना से प्रभावित होकर आज हम जी-20 सम्मेलन की अध्यक्षता करने जा रहे हैं। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए अध्यक्ष राजनीति विज्ञान विभाग डॉ0 शशिकांत राव ने बताया कि जी-20 सम्मेलन की अध्यक्षता भारत के लिए गौरव की बात है। कोरोना काल के बाद लड़खड़ाती वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत की भूमिका और बेहतर हो गई हैं। आर्थिक मंच के साथ साथ भारत की भागीदारी वैश्विक नीतिगत स्तर पर भी प्रभावी रूप से दर्ज की जा रही हैं। विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर ब्रजेश कुमार त्रिपाठी ने कहा कि विश्व के व्यापारिक देशों के लिए भारत को एक बड़े अवसर के रूप में अवसर दे रहा हैं। भारत का विशाल मध्यवर्ग जिसकी बेहतर क्रय क्षमता है, वह वैश्विक कंपनियों के आकर्षण का प्रमुख केंद्र बना हुआ है। प्राचार्य प्रोफेसर ब्रजेश कुमार त्रिपाठी ने बताया कि बुनियादी संरचना डिजिटल एफिशिएंसी एवं बेहतर क्रय शक्ति के माध्यम से भारत ने अपनी पहचान को साँस्कृतिक रूप से समृद्ध किया है। व्याख्यान का संचालन डॉ0 मनोज कुमार भारतीय ने किया और आभार ज्ञापन डॉ0 हेमेंद्र शंकर त्रिपाठी ने किया। इस अवसर पर प्रोफेसर विजय कुमार राय, प्रोफेसर प्रताप विजय कुमार, डॉ0 पूर्णेश नारायण सिंह, डॉ0 अमर नाथ पाण्डेय, डॉ0 श्रीमती नेहा सिंह, डॉ0 डिप्शी सिंह, डॉ0 मनोज कुमार मिश्र, डॉ0 मनोज कुमार वर्मा, सोमनाथ आदि आचार्य उपस्थित रहे