संत कबीर नगर
जिले में उस वक्त बड़ी खबर सामने आई जब पीड़ित से पचास हजार रुपए की रिश्वत मांग रहा एक लेखपाल एंटी करप्शन टीम के हत्थे चढ़ा। पूरा मामला मेंहदावल तहसील से जुड़ा हुआ है जहां के राजे डीहा हल्के के लेखपाल अश्वनी मिश्र ने शिकायतकर्ता पीड़ित व्यक्ति शैलेश से जमीन के मामले में रिपोर्ट लगाने के एवज में 50 हजार रुपए की रिश्वत मांगी थी। भ्रष्टाचार के इस मामले में शिकायतकर्ता ने जब एंटी करप्शन टीम से शिकायत की तब एंटी करप्शन टीम ने जाल बिछाते हुए लेखपाल को मेंहदावल तहसील गेट के निकट एक चाय की दुकान से रिश्वत लेते रंगेहाथ पकड़ा। सूत्रों के मुताबिक भ्रष्ट लेखपाल जब एंटी करप्शन टीम के हत्थे चढ़ा तब वो अपनी ऊंची राजनैतिक पहुंच का हवाला एंटी करप्शन टीम को देते हुए टीम पर अतिरिक्त दबाव बनाने की कोशिश की। लेकिन उसकी टीम के जिम्मेदारों के आगे एक न चली। एंटी करप्शन टीम पहले लेखपाल अश्वनी को मेंहदावल थाने ले जा रही थी लेकिन लेखपालों के संभावित विरोध के मद्देनजर टीम दोषी लेखपाल को जिले के बखिरा थाने ले आई। जहां पर केस दर्ज करवाने के साथ दोषी लेखपाल को जेल भेजने की प्रक्रिया के तहत एंटी करप्शन टीम ने अपनी आवश्यक कार्यवाई को अंजाम दिया। आपको बता दें कि एंटी करप्शन टीम के हाथ चढ़ा रिश्वतखोर लेखपाल मेंहदावल तहसील क्षेत्र के भिटिया कला गांव का रहने वाला है और हल्का 19 राजे डीहा का लेखपाल है, जिसने जमीनी मामले में रिपोर्ट लगाने के नाम पर गोरखपुर जिले के सहजनवा थाना क्षेत्र के डुमरी गांव निवासी शैलेष कुमार पुत्र श्री यदुवंश चौबे से 50 हजार रुपए बतौर रिश्वत के रूप में मांगी थी। लेखपाल के कारगुजारियोंं से तंग आकर शिकायतकर्ता ने पूरे मामले की शिकायत जब एंटी करप्शन टीम प्रभारी संतोष कुमार दीक्षित से की तब उन्होंने जाल बिछाते हुए रिश्वतखोर लेखपाल को मेंहदावल तहसील गेट के निकट स्थित चाय की दुकान पर रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया।