संतकबीरनगर जिले के जिलाधिकारी संदीप कुमार की अध्यक्षता में गेहूँ खरीद से संबंधित की गई तैयारियों की समीक्षा बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित हुई। इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी अभिनव रंजन श्रीवास्तव उपस्थित रहे। बैठक में जिलाधिकारी द्वारा गेहूं क्रय केन्द्र प्रभारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए दिये गये।
समीक्षा के दौरान जिला खाद्य विपणन अधिकारी द्वारा बताया गया कि जनपद में कुल 36 क्रय केन्द्र खोले गये है। जिसमें खाद्य विभाग के 15 क्रय केन्द्र, पी०सी०एफ० के 20 क्रय केन्द्र एवं भा0खा0नि0 के 01 क्रय केन्द्र स्थापित किये गये है। उन्होंने बताया कि गेहूं खरीद दिनांक 01 अप्रैल 2023 से प्रारम्भ होकर 15 जून 2023 तक प्रभावी रहेगी। गेहूं क्रय केन्द्र प्रातः 09 बजे से शाम 06 बजे तक खुले रखे जायेंगे। कृषकों से न्यूनतम समर्थन मूल्य 2125 रू० प्रति क्विंटल के आधार पर रबी विपणन वर्ष 2023-24 में गेहूं का क्रय किया जायेगा। मूल्यसमर्थन योजना अन्तर्गत रबी विपणन वर्ष 2023-24 में गेहूं क्रय का लक्ष्य शासन द्वारा निर्धारित नही किया गया है। जबतक किसान क्रय केन्द्रों पर गेहूँ लेकर आयेंगे उनका MSP पर क्रय सुनिश्चित किया जायेगा। रबी विपणन वर्ष 2023-24 में भारत सरकार द्वारा निर्धारित मानक / गुणनिर्विदिष्टियों के अनुसार गेहूं क्रय किया जायेगा।
जिलाधिकारी ने सभी केन्द्र प्रभारियों को मानक में गेहूँ खरीदते समय साफ सफाई पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए हैं। देंगे। उन्होंने कहा कि भारतीय खाद्य निगम में गेहूँ सम्प्रदान करते समय समस्या नहीं आनी चाहिए और उपजिलाधिकारी द्वारा कृषकों द्वारा बोये गये रकबे का सत्यापन खतौनी से तथा कृषक के नाम मिसमैच का सत्यापन आनलाइन पोर्टल पर करते हुये डिजिटल सिग्नेचर द्वारा किया जाय।
अपर जिलाधिकारी अभिनव रंजन श्रीवास्तव ने तैयारियों की समीक्षा के दौरान क्रय केन्द्रों पर गेहूँ खरीद हेतु आवश्यक उपकरण जैसे इलेक्ट्रानिक कांटा, नमी मापक यंत्र, छलना, विनोइंग फैन आदि की व्यवस्था शुद्धतम रूप में पूर्ण कर ले जाने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि राजपत्रित एवं रविवार अवकाशों को छोड़ कर शेष कार्य दिवसों में गेहूं क्रय केन्द्र खुले रहेंगे। प्रत्यके गेहूं क्रय केन्द्र पर गेहूँ का एक मानक नमूना भी प्रदर्शित किया जाय तथा क्रय केन्द्रों पर किसानों के लिये पीने का पानी, बैठने की व्यवस्था, वाहन पार्किंग के लिये पर्याप्त स्थान सुनिश्चित रखा जाए। गेहूं क्रय केन्द्र पर वर्षा व प्राकृतिक आपदाओं से गेहूँ को बचाने के लिये त्रिपाल, क्रेटस इत्यादि की व्यवस्था कर ली जाये, जिससे गेहूँ खराब न होने पाये। मण्डी समिति द्वारा क्रय केन्द्रों पर उपलब्ध कराये गये उपकरणों की खराबी पर मण्डी सचिव / मण्डी समिति को सूचना उपलब्ध कराते हुए तत्काल खराब उपकरणों को ठीक कराया जाय।
बैठक में बताया गया कि गहूं की बिक्री हेतु कृषक को खाद्य विभाग के पोर्टल www.fcs.up.gov.in पर पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा। ई-पाप (इलेक्ट्रानिक प्वाइन्ट आफ परचेज) मशीन के माध्यम से गेहूं खरीद की जायेगी। ई-पाप द्वारा किसानों के बायोमैट्रिक प्रमाणीकरण द्वारा गेहूँ खरीद की जायेगी। किसान के स्वयं उपस्थित न होने की दशा में किसान द्वारा पंजीकरण के समय अपने पंजीकरण प्रपत्र में दिये गये परिवार के सदस्य का बायोमैट्रिक प्रमाणीकरण कराते हुये गेहूं क्रय किया जायेगा। किसानों को ई-पाप से प्राप्त गेहूं क्रय की पर्ची उपलब्ध करायी जायेगी। अपर जिलाधिकारी ने कहा कि क्रय केन्द्रों पर अभिलेखों का रख रखाव जैसे टोकन पंजिका, निरीक्षण पंजिका, शिकायत पंजिका,रिजेक्शन रजिस्टर, क्रय तकपट्टी, क्रय पंजिका, स्टाक रजिस्टर, बोरा रजिस्टर, टी०सी० डी०सी० मूवमेण्ट चालान इत्यादि गेहूं क्रय केन्द्रों पर व्यवस्थित रखना सुनिश्चित कर लिया जाए। किन्ही विशिष्ट परिस्थितियों में कृषकों द्वारा लाया गया गेहूँ यदि मानक के अनुरूप नहीं पाया जाता है तो अस्वीकृत किये जाने की प्रक्रिया ऑनलाइन पोर्टल व रिजेक्शन रजिस्टर में की जायेगी।
इस अवसर पर जिला खाद्य एवं विपणन अधिकारी रूपेश सिंह, मंडी सचिव सेवाराम वर्मा, जिला बाट माप अधिकारी वीपी वर्मा, एआर कोआपरेटिव हरिराम, जिला प्रबंधक पीसीएफ अंजना नायक सहित समस्त क्रय केंद्र प्रभारी एवं संबंधित अधिकारी आदि उपस्थित रहे।