संतकबीरनगर। जिलाधिकारी संदीप कुमार के निर्देश के क्रम में जिला कृषि अधिकारी पीसी विश्वकर्मा ने जनपद के समस्त किसानो को अवगत कराया है कि वर्तमान में गेंहू फसल की कटाई कृषकों के द्वारा आरम्भ किया जा रहा है। कटाई कार्य कम्बाईन मशीन एंव हाथों द्वारा होता है। किसानों द्वारा कम्बाईन मशीनों के साथ भूसा बनाने की मशीन (स्ट्रा रीपर) से गेंहूँ के बचे हुए डंठल को काटकर भूसा बनाने का कार्य किया जाता है। उन्होंने कहा कि जनपद के विभिन्न क्षेत्रों से शिकायत प्राप्त होती हैं कि भूसा बनाने की मशीन से चिंगारी निकलने के कारण खड़ी फसल एवं अवशेष में आग लगने की पूर्ण सम्भावना बनी रहती है। विगत वर्षाे में जनपद के कुछ क्षेत्रों से गेंहूँ की खड़ी फसल में आग लगने से भारी हानि/क्षति की सूचना प्राप्त हुई है। अतः किसान भाईयों से अपील है कि गेहूँ फसल कटाई के समय/बाद में कुछ सावधानियों का अनिवार्य रूप से पालन करें, ताकि आग लगने की घटना को पूर्णतः रोका जा सके। जैसे भूसा बनाने की मशीन का प्रयोग ऐसे क्षेत्र में किया जाये जहाँ की गेंहूँ फसल की कटाई लगभग समाप्त हो चुकी है अथवा जहाँ भूसा बनाने का कार्य किया जा रहा है, उसके आप-पास के खेत में गेंहूं की कटाई समाप्त हो चुकी हो। भूसा बनाने के कार्य से पूर्व भूसा मशीन की आवश्यक मरम्मत/ऑयलिंग/ग्रीशिंग करा ली जाये ताकि मशीन में तकनीकी समस्या के कारण आग लगने की सम्भावना को खत्म किया जा सके। कटाई के समय भूसा मशीन के साथ पर्याप्त मात्रा में पानी के टैंक/ड्रम को रखा जाये, इसके साथ ही फसल की कटाई के समय निकटस्थ ट्यूबेल से पानी की उपलब्धता के सम्बन्ध में आवश्यक सुविधा / व्यवस्था सुनिश्चित रखी जाये । भूसा मशीन स्वामी आग बुझाने वाला यंत्र (फायर स्टींग्यूसर ) को भूसा बनाते समय साथ में रखें। फसल कटाई के समय प्रयोग किये जा रहे यंत्र में किसी मरम्मत की आवश्यकता पड़ने पर यंत्र को फसल से दूर खाली स्थान पर रख कर मरम्मत किया जाये। भूसा मशीन/ट्रैक्टर/कम्बाईन हार्वेस्टार/स्ट्रा रीपर/थ्रेसर इत्यादि के यंत्रों के प्रयोग से पूर्व यह सुनिश्चित कर लिया जाये कि इसमें किसी प्रकार की टूट-भूट न हो, कोई नट-बोल्ट ढीला न हो, किसी प्रकार का ऑयल लीकेज न हो, बैटरी/स्टार्टर / सभी वायर कनेक्शन अच्छी प्रकार से लगे हो/काम कर रहे हो ताकि स्पार्क से चिंगारी निकलने की सम्भवना नहीं हो। साइलेन्सर पर स्पार्क अरेस्टर लगाना सुरक्षा की दृष्टि से उपयोगी रहता है। खेत के आप-पास स्वयं अथवा अन्य किसी व्यक्ति/मजदूर/यंत्र चालक को धुम्रपान करने से रोकें, साथ ही सुलगती हुई अवशेष बीड़ी/सिगरेट इत्यादि को खेत के आस-पास अथवा अन्य किसी भी दशा में नहीं फेंकें एवं किसी को ऐसा करने से रोकें। उन्होंने कहा कि रबी फसलों की कटाई/मड़ाई का कार्य शीघ्रता एवं सावधानी पूर्वक करें, ताकि आग लगने की घटनाओं को पूर्णतः रोका जा सके। साथ ही खेत के आस-पास पड़े अवशेष को बायो डिकम्पोजर से सड़ाकर जैविक खाद बनाये। जिलाधिकारी के निर्देश के क्रम में जिला कृषि अधिकारी ने कहा की समस्त ग्राम पंचायतों के किसानों को फसल अवशेष/पराली जलाने से होने वाले नुकसानों से एवं राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण द्वारा निर्धारित दण्ड के प्राविधानों से ग्राम विकास अधिकारी/ग्राम पंचायत सचिव के माध्यम से प्रचार-प्रसार के माध्यम से अवगत कराते हुए अपील करें कि ग्राम पंचायत का कोई भी किसान भाई फसल अवशेष/पराली नहीं जलाएं बल्कि खेत में मिलाकर मृदा के जैव पदार्थ को बढ़ाऐं, फसल की ऊपज अधिक पाएं, पशुओं के चारे की व्यवस्था सुनिश्चित करायें। कम्बाईन हार्वेस्टर मशीन/भूसा मशीन स्वामी फंसल कटाई/भूसा बनाने के कार्य के समय उपर्युक्त सावधानियों के साथ अन्य आवश्यक सावधानी बरतें अन्यथा की दशा में आग लगने पर सम्बन्धित मशीन स्वामी की भी जिम्मेदारी निर्धारित की जायेगी।