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हत्यारे पति को एफटीसी कोर्ट (द्वितीय) ने सुनाई आजीवन कारावास की सजा - Satyamev Times Media Network.
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सत्यमेव टाइम्स में आपका स्वागत है     संतकबीरनगर जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी विशाल श्रीवास्तव ने बताया कि पत्नी के हत्यारे पति सर्वेश मिश्रा को अपर सत्र न्यायाधीश एफटीसी द्वितीय काशिफ शेख ने आजीवन कारावास और ₹10000 अर्थदंड से दंडित किए ।अर्थदंड न अदा करने पर 2 माह का अतिरिक्त कारावास भुगतने का आदेश दिए। जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी विशाल श्रीवास्तव ने बताया कि जनपद सिद्धार्थनगर के पिरैला नरहरिया निवासी संग्राम मिश्रा ने थाना बखिरा में प्रार्थना पत्र दिया कि उन्होंने अपनी लड़की बबीता की शादी दिनांक 31 मई 2017 को थाना बखिरा अंतर्गत लोहरौली मिश्र निवासी सर्वेश मिश्रा से की थी। शादी के 2 माह बाद बबिता को उसके पति सर्वेश,ससुर उदय भान तथा सास अमरावती दहेज के लिए प्रताड़ित करने लगे तथा दहेज में ₹50000 की मांग करने लगे व उसको मारते पीटते थे। उनकी लड़की बबिता द्वारा 100 नम्बर पुलिस को सूचना देने पर पुलिस आई थी और सुलह समझौता भी कराई थी। दिनांक 23अगस्त 2018 को रात करीब 10:30 बजे उन्हें सूचना मिली की बबीता की मृत्यु हो गई है ।जब वह बबिता के ससुराल गए तो देखें कि बबिता की लाश एक कमरे में पड़ी थी। बबिता के गाल पर कटे का निशान और गले पर रस्सी का निशान था। शरीर को देखने से यह पता चला कि उसकी निर्मम हत्या की गई थी। मामले में बबिता के पति ,सास, ससुर के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत हुआ। जिला शासकीय अधिवक्ता विशाल श्रीवास्तव ने बताया कि अभियोजन की तरफ से कुल 8 साक्षियों का साक्ष्य कराया गया। आयोजन साक्षी तत्कालीन तहसीलदार वाचस्पति सिंह ने अपने साक्ष्य में बताया कि उनकी उपस्थिति में मृतका के शव का पंचायतनामा तैयार करा कर पोस्टमार्टम हेतु भेजा गया था। पंचायत नामा के समय मृतका का का शव देखने पर उसके गले में नीला क्रॉस का निशान तथा चेहरे पर जगह जगह व शरीर पर नीला निशान था और कान व मुंह से खून निकल रहा था। मृतिका के शव का पोस्टमार्टम करने वाले डॉ राजेश पासवान ने अपने बयान में बताया कि मृत्यु से पहले मृतिका को चोट पहुंचाई गई थी तथा उसकी मृत्यु गला घोटने से हुई थी। मृतिका बबीता के पिता संग्राम मिश्रा ने न्यायालय में अपने साक्ष्य में बताया की मृत्यु के कुछ दिन पहले बबिता के पति सर्वेश व बबिता का वाद-विवाद हुआ था लेकिन बाद में सुलह समझौता हो गया था। बावजूद इसके उसके ससुराल वाले दहेज में मोटरसाइकिल मांगने का दबाव बनाते थे। अपर सत्र न्यायधीश काशिफ शेख ने अभियोजन द्वारा प्रस्तुत साक्ष्यों के आधार पर मामला साबित पाए जाने पर पत्नी के हत्यारे पति को आजीवन कारावास से दंडित किए।

हत्यारे पति को एफटीसी कोर्ट (द्वितीय) ने सुनाई आजीवन कारावास की सजा

 

 

संतकबीरनगर

जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी विशाल श्रीवास्तव ने बताया कि पत्नी के हत्यारे पति सर्वेश मिश्रा को अपर सत्र न्यायाधीश एफटीसी द्वितीय काशिफ शेख ने आजीवन कारावास और ₹10000 अर्थदंड से दंडित किए ।अर्थदंड न अदा करने पर 2 माह का अतिरिक्त कारावास भुगतने का आदेश दिए।
जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी विशाल श्रीवास्तव ने बताया कि जनपद सिद्धार्थनगर के पिरैला नरहरिया निवासी संग्राम मिश्रा ने थाना बखिरा में प्रार्थना पत्र दिया कि उन्होंने अपनी लड़की बबीता की शादी दिनांक 31 मई 2017 को थाना बखिरा अंतर्गत लोहरौली मिश्र निवासी सर्वेश मिश्रा से की थी। शादी के 2 माह बाद बबिता को उसके पति सर्वेश,ससुर उदय भान तथा सास अमरावती दहेज के लिए प्रताड़ित करने लगे तथा दहेज में ₹50000 की मांग करने लगे व उसको मारते पीटते थे। उनकी लड़की बबिता द्वारा 100 नम्बर पुलिस को सूचना देने पर पुलिस आई थी और सुलह समझौता भी कराई थी। दिनांक 23अगस्त 2018 को रात करीब 10:30 बजे उन्हें सूचना मिली की बबीता की मृत्यु हो गई है ।जब वह बबिता के ससुराल गए तो देखें कि बबिता की लाश एक कमरे में पड़ी थी। बबिता के गाल पर कटे का निशान और गले पर रस्सी का निशान था। शरीर को देखने से यह पता चला कि उसकी निर्मम हत्या की गई थी। मामले में बबिता के पति ,सास, ससुर के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत हुआ।
जिला शासकीय अधिवक्ता विशाल श्रीवास्तव ने बताया कि अभियोजन की तरफ से कुल 8 साक्षियों का साक्ष्य कराया गया।
आयोजन साक्षी तत्कालीन तहसीलदार वाचस्पति सिंह ने अपने साक्ष्य में बताया कि उनकी उपस्थिति में मृतका के शव का पंचायतनामा तैयार करा कर पोस्टमार्टम हेतु भेजा गया था। पंचायत नामा के समय मृतका का का शव देखने पर उसके गले में नीला क्रॉस का निशान तथा चेहरे पर जगह जगह व शरीर पर नीला निशान था और कान व मुंह से खून निकल रहा था।
मृतिका के शव का पोस्टमार्टम करने वाले डॉ राजेश पासवान ने अपने बयान में बताया कि मृत्यु से पहले मृतिका को चोट पहुंचाई गई थी तथा उसकी मृत्यु गला घोटने से हुई थी।
मृतिका बबीता के पिता संग्राम मिश्रा ने न्यायालय में अपने साक्ष्य में बताया की मृत्यु के कुछ दिन पहले बबिता के पति सर्वेश व बबिता का वाद-विवाद हुआ था लेकिन बाद में सुलह समझौता हो गया था। बावजूद इसके उसके ससुराल वाले दहेज में मोटरसाइकिल मांगने का दबाव बनाते थे।
अपर सत्र न्यायधीश काशिफ शेख ने अभियोजन द्वारा प्रस्तुत साक्ष्यों के आधार पर मामला साबित पाए जाने पर पत्नी के हत्यारे पति को आजीवन कारावास से दंडित किए।

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