Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the acf domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home1/digit2gw/satyamevtimes.com/wp-includes/functions.php on line 6121

Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the newscard domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home1/digit2gw/satyamevtimes.com/wp-includes/functions.php on line 6121
आसान नहीं है BJP की राह : "श्याम" की राह में फूल कम कांटे ज्यादे - Satyamev Times Media Network.
Time in United States now
सत्यमेव टाइम्स में आपका स्वागत है
टिकट से वंचित चेहरे "श्याम" की राह में बिछा चुके हैं कांटे
मन की बात
केंद्र और प्रदेश की सत्ता में काबिज बीजेपी की डबल इंजन वाली सरकार और सरकार चलाने वाले महत्वपूर्ण चेहरे अब नगर निकाय चुनाव को जीत ट्रिपल इंजन की सरकार बनाने की पुरजोर कोशिश में जुटी है। लेकिन बीजेपी की ये मंशा टिकट बंटवारे के बाद उपजे असंतोष के कारण धराशाही होती नजर आ रही है। बीजेपी की मंशा पर पलीता लगाने वाले कोई और नही बल्कि वो लोग हैं जो जिला कमेटी के फैसलों से असंतुष्ट हैं।
बात उत्तरप्रदेश के संतकबीरनगर जिले की करते हैं जहां की एकमात्र नगरपालिका सीट के लिए घोषित उम्मीदवार श्याम सुंदर वर्मा हैं। जिनकी प्रत्याशिता चयन के बाद पार्टी के अंदरखाने विरोध के स्वर दबी आवाज में उठने शुरू हो गए है। तमाम योग्यातावों के बाबजूद अच्छे चेहरे यहां से टिकट नही पा सके जबकि जनता की उम्मीदों पर खरा ना उतरने वाले श्याम सुंदर वर्मा लगातार तीसरी बार पार्टी से उम्मीदवार बना दिया गए। सांसद से लगायत अन्य कई महत्वपूर्ण नेताओं ने अन्य उम्मीदवारों के लिए शीर्ष नेतृत्व से सिफारिस की थी जो लक्ष्मी पुत्र के आगे दम तोड़ गई। योग्यता के बाबजूद टिकट से वंचित तमाम चेहरे श्याम सुंदर वर्मा को कत्तई पसंद नही करते जिसका प्रमाण भी बीते दिनों सोशल मीडिया में देखने को मिला, टिकट कटने से आहत अन्य उम्मीदवारों ने अपना दर्द सोशल मीडिया पर पोस्ट कर यह जतला दिया था कि वो पार्टी के साथ है किंतु श्याम सुंदर वर्मा के साथ नही। अब ऐसे हालात में प्रत्याशी श्याम सुंदर वर्मा के सामने यह भी एक बड़ी चुनौती है कि वो रूठों को कैसे मनाएं? कम समय में श्याम सुंदर वर्मा रूठों को मनाए या जनता के दरबार में हाजिरी लगाएं? वो जनता दरबार में हाजिरी लगाएं तो कैसे लगाएं? अपनी किन उपलब्धियों को लेकर जनता के बीच जाएं ये बात खुद श्याम सुंदर ही जान सकते है। टिकट कटने से नाराज लोग उनकी राह में जहां कांटे बिछा चुके है वहीं जनता की नाराजगी बीजेपी को यहां बड़ा नुकसान पहुंचाने के लिए काफी है। विपक्ष के मजबूत किले को भेदना श्याम सुंदर के लिए माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई जैसा है, इस कठिन परिस्थिति में श्याम सुंदर वर्मा को जब कैडर के नेताओं के साथ की जरूरत है तब ये नेता कहीं उनके साथ नजर नही आ रहें है। ऊपर से रूठे टिकटार्थी उनके लिए किसी मुसीबत से कम नही। अब अगर बीजेपी प्रत्याशी श्याम सुंदर वर्मा रूठों को मना भी लें तो जनता को किस तरह मनाएंगे

आसान नहीं है BJP की राह : “श्याम” की राह में फूल कम कांटे ज्यादे

टिकट से वंचित चेहरे “श्याम” की राह में बिछा चुके हैं कांटे
मन की बात
केंद्र और प्रदेश की सत्ता में काबिज बीजेपी की डबल इंजन वाली सरकार और सरकार चलाने वाले महत्वपूर्ण चेहरे अब नगर निकाय चुनाव को जीत ट्रिपल इंजन की सरकार बनाने की पुरजोर कोशिश में जुटी है। लेकिन बीजेपी की ये मंशा टिकट बंटवारे के बाद उपजे असंतोष के कारण धराशाही होती नजर आ रही है। बीजेपी की मंशा पर पलीता लगाने वाले कोई और नही बल्कि वो लोग हैं जो जिला कमेटी के फैसलों से असंतुष्ट हैं।
बात उत्तरप्रदेश के संतकबीरनगर जिले की करते हैं जहां की एकमात्र नगरपालिका सीट के लिए घोषित उम्मीदवार श्याम सुंदर वर्मा हैं। जिनकी प्रत्याशिता चयन के बाद पार्टी के अंदरखाने विरोध के स्वर दबी आवाज में उठने शुरू हो गए है। तमाम योग्यातावों के बाबजूद अच्छे चेहरे यहां से टिकट नही पा सके जबकि जनता की उम्मीदों पर खरा ना उतरने वाले श्याम सुंदर वर्मा लगातार तीसरी बार पार्टी से उम्मीदवार बना दिया गए। सांसद से लगायत अन्य कई महत्वपूर्ण नेताओं ने अन्य उम्मीदवारों के लिए शीर्ष नेतृत्व से सिफारिस की थी जो लक्ष्मी पुत्र के आगे दम तोड़ गई। योग्यता के बाबजूद टिकट से वंचित तमाम चेहरे श्याम सुंदर वर्मा को कत्तई पसंद नही करते जिसका प्रमाण भी बीते दिनों सोशल मीडिया में देखने को मिला, टिकट कटने से आहत अन्य उम्मीदवारों ने अपना दर्द सोशल मीडिया पर पोस्ट कर यह जतला दिया था कि वो पार्टी के साथ है किंतु श्याम सुंदर वर्मा के साथ नही। अब ऐसे हालात में प्रत्याशी श्याम सुंदर वर्मा के सामने यह भी एक बड़ी चुनौती है कि वो रूठों को कैसे मनाएं? कम समय में श्याम सुंदर वर्मा रूठों को मनाए या जनता के दरबार में हाजिरी लगाएं? वो जनता दरबार में हाजिरी लगाएं तो कैसे लगाएं? अपनी किन उपलब्धियों को लेकर जनता के बीच जाएं ये बात खुद श्याम सुंदर ही जान सकते है। टिकट कटने से नाराज लोग उनकी राह में जहां कांटे बिछा चुके है वहीं जनता की नाराजगी बीजेपी को यहां बड़ा नुकसान पहुंचाने के लिए काफी है। विपक्ष के मजबूत किले को भेदना श्याम सुंदर के लिए माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई जैसा है, इस कठिन परिस्थिति में श्याम सुंदर वर्मा को जब कैडर के नेताओं के साथ की जरूरत है तब ये नेता कहीं उनके साथ नजर नही आ रहें है। ऊपर से रूठे टिकटार्थी उनके लिए किसी मुसीबत से कम नही। अब अगर बीजेपी प्रत्याशी श्याम सुंदर वर्मा रूठों को मना भी लें तो जनता को किस तरह मनाएंगे

Leave a Reply

hi Hindi
error: Content is protected !!