संतकबीरनगर-“मदर्स-डे” पर सूर्या में आयोजित हुआ कार्यक्रम
संतकबीरनगर। सूर्या इंटरनेशनल सीनियर सेकेंडरी स्कूल के प्रांगण में ‘मदर्स डे’ कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें कक्षा प्लेवे से कक्षा तृतीय तक के नन्हे-मुन्ने बच्चों ने अद्भुत प्रदर्शन किया। कार्यक्रम की शुरुआत सर्वप्रथम सूर्या परिवार की मुखिया श्रीमती चंद्रावती देवी (माता जी) एवं प्रबंध निदेशक डॉ. उदय प्रताप चतुर्वेदी व प्रबंध निदेशिका श्रीमती सविता चतुर्वेदी, राकेश चतुर्वेदी, श्रीमती शिखा चतुर्वेदी ने ज्ञान की देवी मां सरस्वती एवं विद्यालय के संस्थापक स्व. पं. सूर्य नारायण चतुर्वेदी के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्वलन कर किया। तदपश्चात विद्यालय के बच्चों नें उपस्थित सभी माताओ को तिलक लगाकर और पुष्प प्रदान कर आशीर्वाद प्राप्त किया। विद्यालय के प्रबंध निदेशक डॉ. उदय प्रताप चतुर्वेदी ने माँ की महिमा का गुणगान करते हुए कहा कि माँ ही बच्चे की प्रथम शिक्षिका होती हैं जो बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए नैतिकता एवं कर्तव्य का बोध कराती है जिससे वह भविष्य में एक अच्छा मनुष्य बनकर समाज की सेवा कर सके। इसी क्रम में विद्यालय की प्रबंध निदेशिका श्रीमती सविता चतुर्वेदी ने अपने संबोधन में कहा कि मां अपने आप में संपूर्ण पाठशाला है जो किसी भी व्यक्ति के व्यक्तित्व के चतुर्दिक विकास के लिए समर्पित रहती है हम सभी को मां का सम्मान करना चाहिए। विद्यालय के प्रधानाचार्य रविनेश श्रीवास्तव ने कहा कि त्याग और समर्पण का अद्भुत उदाहरण है माँ और माँ ही ऐसी कुंजी है जो सभी समस्याओं का समाधान कर सकती है। साथ ही साथ विद्यालय के उपप्रधानाचार्य शरद त्रिपाठी ने उपस्थित सभी अभिभावक व माताओं का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि बिना मां के आशीर्वाद के कोई भी व्यक्ति जीवन में सफलता नहीं प्राप्त कर सकता है इसलिए मां की सेवा ही सबसे बड़ी सेवा है। इस अवसर पर विद्यालय के नन्हे-मुन्ने बच्चों द्वारा प्रस्तुत भावनृत्य नानी तेरी मोरनी, स्कूल चले हम, तेरी उंगली पकड़ के चला और माय फ्रेंड गणेशा को खूब सराहना मिली। इस कार्यक्रम में मंच का सफल संचालन विद्यालय के उपप्रधानाचार्य शरद त्रिपाठी ने किया कार्यक्रम को सफल बनाने में विद्यालय के वरिष्ठ शिक्षक नितेश द्विवेदी, बलराम उपाध्याय, अष्टभुजा त्रिपाठी, घनश्याम त्रिपाठी, अविनाश श्रीवास्तव, आशुतोष पाण्डेय एवं शिक्षिका तपस्या रानी सिंह, अर्चना सिंह, प्रतिभा श्रीवास्तव, बबीता त्रिपाठी, अर्चना त्रिपाठी पलक श्रीवास्तव इत्यादि लोगों का महत्वपूर्ण योगदान रहा।