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संतकबीरनगर-मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में किसान दिवस का हुआ आयोजन - Satyamev Times Media Network.
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सत्यमेव टाइम्स में आपका स्वागत है संतकबीरनगर-मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में किसान दिवस का हुआ आयोजन संतकबीरनगर। मुख्य विकास अधिकारी संत कुमार की अध्यक्षता में विकास भवन सभागार में किसान दिवस का आयोजन किया गया। किसान दिवस में विभिन्न क्षेत्रों से आए कृषक, भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारी एवं विभिन्न विभागों के अधिकारी सम्मिलित हुए। सर्वप्रथम विभागीय अधिकारियों के द्वारा योजनाओं की जानकारी दी गई। इसी क्रम में कृषि रक्षा अधिकारी पी0सी0 विश्वकर्मा द्वारा अवगत कराया गया कि धान की फसल में मिथ्या कंडुआ रोग, जिसे स्थानीय भाषा में हर्दिया रोग कहा जाता है, के नियंत्रण हेतु बीज शोधन अति आवश्यक है। इसी प्रकार जीवाणु झुलसा एवम जीवाणु धारी रोग का नियंत्रण हेतु बीज शोधन किया जाना लाभकारी है। मिथ्या कंडुआ रोग हेतु कार्बेंडाजिम 50 प्रतिशत डब्ल्यूपी की 2 ग्राम मात्रा प्रति किलोग्राम धान बीज के हिसाब से बीज को उपचारित करना चाहिए, जबकि जीवाणु झुलसा एवं जीवाणु धारी रोग के लिए स्ट्रेप्टोमायसीन सल्फेट 90 प्रतिशत एवं टेट्रासाइक्लिन हाइड्रोक्लोराइड 10 प्रतिशत की 4 ग्राम मात्रा प्रति 25 किलोग्राम बीज के हिसाब से बीज को उपचारित कर के ही नर्सरी में डालनी चाहिए। किसानों एवं भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारियों द्वारा शिकायत की गई कि वर्तमान में ढैंचा बुवाई खेतों में की गई है, धान की नर्सरी तैयार होनी है, परंतु नहर में पानी या तो नहीं पहुंचता है या फिर कुलाबे जगह-जगह पर क्षतिग्रस्त हो गए हैं, जिससे सिंचाई करने में असुविधा हो रही है, नहर कि ठीक प्रकार से सफाई ना होने के कारण कभी नहर में पानी ओवरफ्लो होता है जिससे फसलें क्षतिग्रस्त हो जाती हैं एवं नहर के टेल तक पानी पहुंच भी नहीं पाता है। मुख्य विकास अधिकारी ने अधिशासी अभियंता नाहर को सचेत करते हुए निर्देशित किया कि नहरों का संचालन प्रभावी ढंग से सुनिश्चित किया जाए, जहां पर कुलावे क्षतिग्रस्त हो गई है, उसको ठीक किया जाए, नहर के टेल तक पानी अवश्य पहुंचे ओवरफ्लो से फसल क्षतिग्रस्त होती है, तो संबंधित की जिम्मेदारी तय की जाए। किसान दिवस में उपस्थित कृषक श्री रामचेत चौरसिया द्वारा बताया गया कि गन्ना मूल्य भुगतान अधिकतम 14 दिन में किए जाने का प्रावधान है, परंतु जनपद के लगभग आधे किसानों का भुगतान अभी तक प्राप्त नहीं हुआ है, जबकि भुगतान में विलंब होने पर ब्याज दिए जाने का प्रावधान है परंतु गन्ना विभाग द्वारा इस संबंध में कोई प्रभावी कार्यवाही नहीं की जा रही जबकि कृषक सुरेंद्र राय ने शिकायत किया के राजस्व कर्मी गांव के किसानों के खेत की पड़ताल करते समय मौके का निरीक्षण किए बगैर खसरा तैयार कर लेते हैं, जिससे जो फसल खेत में बोई जाती है वह सही सही से खसरे में दर्ज नहीं होती है, अतः इसे सुनिश्चित किया जाए कि राजस्व कर्मी के खेत के मौका मुआयना करके ही रिपोर्ट लगाएं। इसके अतिरिक्त किसानों ने अपील किया कि यदि किसानों का फसल बीमा व्यक्तिगत आधार पर है, तो क्षतिपूर्ति व्यक्तिगत आधार पर दी जाए ना कि ग्राम पंचायत स्तर पर एवं आग लगने से फसल क्षति होने पर क्षति की पूर्ति कराने का प्रावधान कराए जाए क्योंकि फसल बीमा होने के बावजूद लाभ नहीं मिलता है। मुख्य विकास अधिकारी ने कहा कि किसान नवीनतम तकनीकी का प्रयोग अवश्य करें, परंतु जो पीढ़ी दर पीढ़ी कृषि का जो ज्ञान है, उसको भी खेती में अवश्य प्रयोग किया जाए। किसान दिवस में आई समस्त शिकायतों का त्वरित ढंग से निस्तारण सुनिश्चित किया जाए। आगामी किसान दिवस तक समस्याओं का समाधान हो जाए समाधान के संबंध में संबंधित किसान एवं भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारियों को भी अवगत कराया जाय। इस अवसर पर प्रभारी जिला विकास अधिकारी जीशान रिजवी, उप कृषि निदेशक लोकेंद्र सिंह, अधिशासी अभियंता नलकूप लालचंद, मुख्य कार्यकारी अधिकारी मत्स्य, विजय मिश्रा, कृषक राम दरस यादव, राजेंद्र चौधरी, सुरेन्द्र राय एवं सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

संतकबीरनगर-मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में किसान दिवस का हुआ आयोजन

संतकबीरनगर-मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में किसान दिवस का हुआ आयोजन

संतकबीरनगर। मुख्य विकास अधिकारी संत कुमार की अध्यक्षता में विकास भवन सभागार में किसान दिवस का आयोजन किया गया। किसान दिवस में विभिन्न क्षेत्रों से आए कृषक, भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारी एवं विभिन्न विभागों के अधिकारी सम्मिलित हुए। सर्वप्रथम विभागीय अधिकारियों के द्वारा योजनाओं की जानकारी दी गई। इसी क्रम में कृषि रक्षा अधिकारी पी0सी0 विश्वकर्मा द्वारा अवगत कराया गया कि धान की फसल में मिथ्या कंडुआ रोग, जिसे स्थानीय भाषा में हर्दिया रोग कहा जाता है, के नियंत्रण हेतु बीज शोधन अति आवश्यक है। इसी प्रकार जीवाणु झुलसा एवम जीवाणु धारी रोग का नियंत्रण हेतु बीज शोधन किया जाना लाभकारी है। मिथ्या कंडुआ रोग हेतु कार्बेंडाजिम 50 प्रतिशत डब्ल्यूपी की 2 ग्राम मात्रा प्रति किलोग्राम धान बीज के हिसाब से बीज को उपचारित करना चाहिए, जबकि जीवाणु झुलसा एवं जीवाणु धारी रोग के लिए स्ट्रेप्टोमायसीन सल्फेट 90 प्रतिशत एवं टेट्रासाइक्लिन हाइड्रोक्लोराइड 10 प्रतिशत की 4 ग्राम मात्रा प्रति 25 किलोग्राम बीज के हिसाब से बीज को उपचारित कर के ही नर्सरी में डालनी चाहिए। किसानों एवं भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारियों द्वारा शिकायत की गई कि वर्तमान में ढैंचा बुवाई खेतों में की गई है, धान की नर्सरी तैयार होनी है, परंतु नहर में पानी या तो नहीं पहुंचता है या फिर कुलाबे जगह-जगह पर क्षतिग्रस्त हो गए हैं, जिससे सिंचाई करने में असुविधा हो रही है, नहर कि ठीक प्रकार से सफाई ना होने के कारण कभी नहर में पानी ओवरफ्लो होता है जिससे फसलें क्षतिग्रस्त हो जाती हैं एवं नहर के टेल तक पानी पहुंच भी नहीं पाता है। मुख्य विकास अधिकारी ने अधिशासी अभियंता नाहर को सचेत करते हुए निर्देशित किया कि नहरों का संचालन प्रभावी ढंग से सुनिश्चित किया जाए, जहां पर कुलावे क्षतिग्रस्त हो गई है, उसको ठीक किया जाए, नहर के टेल तक पानी अवश्य पहुंचे ओवरफ्लो से फसल क्षतिग्रस्त होती है, तो संबंधित की जिम्मेदारी तय की जाए। किसान दिवस में उपस्थित कृषक श्री रामचेत चौरसिया द्वारा बताया गया कि गन्ना मूल्य भुगतान अधिकतम 14 दिन में किए जाने का प्रावधान है, परंतु जनपद के लगभग आधे किसानों का भुगतान अभी तक प्राप्त नहीं हुआ है, जबकि भुगतान में विलंब होने पर ब्याज दिए जाने का प्रावधान है परंतु गन्ना विभाग द्वारा इस संबंध में कोई प्रभावी कार्यवाही नहीं की जा रही जबकि कृषक सुरेंद्र राय ने शिकायत किया के राजस्व कर्मी गांव के किसानों के खेत की पड़ताल करते समय मौके का निरीक्षण किए बगैर खसरा तैयार कर लेते हैं, जिससे जो फसल खेत में बोई जाती है वह सही सही से खसरे में दर्ज नहीं होती है, अतः इसे सुनिश्चित किया जाए कि राजस्व कर्मी के खेत के मौका मुआयना करके ही रिपोर्ट लगाएं। इसके अतिरिक्त किसानों ने अपील किया कि यदि किसानों का फसल बीमा व्यक्तिगत आधार पर है, तो क्षतिपूर्ति व्यक्तिगत आधार पर दी जाए ना कि ग्राम पंचायत स्तर पर एवं आग लगने से फसल क्षति होने पर क्षति की पूर्ति कराने का प्रावधान कराए जाए क्योंकि फसल बीमा होने के बावजूद लाभ नहीं मिलता है। मुख्य विकास अधिकारी ने कहा कि किसान नवीनतम तकनीकी का प्रयोग अवश्य करें, परंतु जो पीढ़ी दर पीढ़ी कृषि का जो ज्ञान है, उसको भी खेती में अवश्य प्रयोग किया जाए। किसान दिवस में आई समस्त शिकायतों का त्वरित ढंग से निस्तारण सुनिश्चित किया जाए। आगामी किसान दिवस तक समस्याओं का समाधान हो जाए समाधान के संबंध में संबंधित किसान एवं भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारियों को भी अवगत कराया जाय। इस अवसर पर प्रभारी जिला विकास अधिकारी जीशान रिजवी, उप कृषि निदेशक लोकेंद्र सिंह, अधिशासी अभियंता नलकूप लालचंद, मुख्य कार्यकारी अधिकारी मत्स्य, विजय मिश्रा, कृषक राम दरस यादव, राजेंद्र चौधरी, सुरेन्द्र राय एवं सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

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