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कथित किसान नेता किसान संगठन के आड़ में चला रहा है अपराधिक गतिविधि - Satyamev Times Media Network.
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मात्र एक मुकदमें में गुण्डा एक्ट व गैंगस्टर लगाने वाली पुलिस दर्जन भर मुकदमें में वांछित कथित किसान नेता पर मेहरबान क्यों?
संतकबीरनगर जिले के एक ऐसे गिरगिट की बात हम करने जा रहे है जो समय समय पर अपना रंग तो बदलता ही है साथ ही अपने ही हितैषियों के लिए डायन भी बन जाता है। वो कभी पवित्र पेशे यानी पत्रकारिता से जुड़ा था, जिसे जब किसी ने आरटीआई का ज्ञान दिया तब वो ब्लैकमेलर बन बैठा। विकास खण्ड खलीलाबाद अन्तर्गत ग्राम पंचायत बरई पार पैठान का वो निवासी है। किसान यूनियन के एक घटक दल से जुड़कर वो आजकल आपराधिक गतिविधियों को अंजाम दे रहा है। खुद को कभी क्रांतिवीर बताने वाला यह शख्स वाकई में एक दलालवीर है जो पैसों के लिए अपनी जमीर तक बेच देता है। नाम हम अगले लेख में उजागर करेंगे पर इस शख्स से पीड़ित लोग मेरी इस लेख को पढ़ने के बाद ये अंदाजा लगा सकते है कि उस शख्स का नाम क्या है?.....
एक किसान संगठन जिसका पूर्वांचल में कोई अस्तित्व नहीं उसका वो जिला अध्यक्ष है, जो कि कुख्यात दलाल, पेशेवर शिकायत कर्ता है। सूचना का अधिकार अधिनियम-2005 का व्यापक पैमाने पर वो दुरुपयोग कर केन्द्र व राज्य सरकार के विभिन्न विभागों के अधिकारियों कर्मचारियों, स्कूल कालेज के प्रबंधको, प्रधानाचार्यों शिक्षकों, शिक्षामित्रों, पुलिसकर्मियों, पत्रकारों, ग्राम प्रधानों, कोटेदारों, जनप्रतिनिधियों की सूचना मांग उन्हे ब्लैकमेल करता है। आम जनमानस की सूचना संगठन के पैड पर शिकायत कर उसकी जाँच कराकर रिकवरी, मुकदमा, और जेल कराने का धौस देकर उन्हें ब्लैकमेल कर मोटी रकम वसूलता है। धनुगाही के पश्चात सूचना का आवेदन पत्र नाट प्रेस कर लेता है, वो बिना सूचना प्राप्त किये लिखता है कि हमें सूचना प्राप्त हो चुका है। वो जिससे वसूली नहीं कर पाता है उस पर फर्जी मनगढ़ंत कहानी गढ़कर मुकदमा कराकर/ कोर्ट में परिवाद दर्ज कराकर उनसे मोटी रकम वसूल कर कोर्ट में अपने बयान से मुकरना भी उसका पेशा बन गया है। यही उसकी रोजी रोटी है। यह कुख्यात दलाल सोशल मीडिया पर अपने नाम के बाद में क्रांतिवीर लिखता है पर वो वास्तव में "दलालवीर है। दो दर्जन लोगों के खिलाफ फर्जी मनगढ़ंत मुकदमा लिखवाकर लाखों रुपये वसूल चुका हैं यह दलालवीर। सरकारी कार्यों में बाधा डालने के रंगदारी मांगने के मामले में जेल भी जा चुका है यह दलालवीर। इस कथित किसान नेता का जनहित, किसान हित, किसानों के समस्याओं से कोई लेना देना नही है, यह अपने निजी स्वार्थों की‌ पूर्ति में मात्र अधिकारियों पर किसान यूनियन का धौस देकर घरना प्रदर्शन चक्का जाम का गीदड़ भभकी देता है। किसान यूनियन के नाम पर लोगों को डरा धमकाकर फर्जी मुकदमा कराकर मोटी रकम वसूलता है। किसान संगठन के नाम पर लम्बे समय से यह दलालवीर अपनी दुकान चमका रहा है। निजी स्वार्थों में वशीभूत होकर निजी दुश्मनी निकालने के लिए किसान संगठन से जुड़ा हैं। जनहित, किसान हित समाज हित में कोई कार्य नहीं करता है। बताया जाता है कि लगभग  2 वर्षों से एक व्यक्ति विशेष व उसकी पत्नी एवं परिजनों के पीछे नहा धोकर यह शख्स पड़ा हुआ है जिससे वह अब 5 लाख रुपये सारे केस में सुलह के लिए मांग रहा है। यह दलालवीर लगभग 2 वर्षों से अपने ही पुराने मित्र जो इसके हर सुख दुःख में हमेशा खडा रहता है था उसकी सारी आवश्यक आवश्यकतावो की पूर्ति करता था उसके खिलाफ लगातार जिले से लेकर शासन तक सैकड़ों फर्जी प्रार्थना पत्र किसान संगठन के पैड पर दे चुका है और आये दिन देता रहता है। यह अपराधिक प्रवृत्ति का कुख्यात जालसाज ठग है। सरकारी नौकरी के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह का सरगना है यह शख्स। इसके द्वारा अनुचित लाभ प्राप्त करने के उद्देश से किये गये क्रिया कलापों से आजिज आकर स्कूल कालेज के शिक्षकों, प्रबंधकों ने कुल तीन बार फिल्मी स्टाईल में दौड़ा दौडा कर एवं पेड़ में बाधकर इसकी पिटाई भी कर चुके है। इसके अलावा भी इसका दुशाहस कम नही हुआ। ग्राम प्रधानों, ग्राम विकास अधिकारियों एवं बीडीओ खलीलाबाद से उलझने वाले और सरकारी कार्य में जब इसने बाधा डाला तब भी ये पीटा गया और जेल की सलाखो तक पहुंचा। नाम‌ न छापने के शर्त पर एक प्रधान ने बताया कि वर्ष 2007 से अद्यतन  जिले के सभी ब्लाकों से अबतक लगभग पाँच सौ प्रधानों का सूचना अधिकार के तहत सूचना मांग कर फर्जी शिकायत कर धनुगाही कर चुका है। यह उसका पेशा बन चुका है। कथित किसान नेता व कुख्यात जालसाज के विरुद्ध कोतवाली खलीलाबाद, पर सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी, जालसाजी, धोखाधड़ी, जानलेवा हमले, मारपीट, गाली गलौच, जानमाल की धमकी देने, लूट, रंगदारी मांगने, ब्लैकमेल करने, तत्कालीन महिला बीडीओ खलीलाबाद के साथ छेड़कानी करने, सरकारी कार्यों में बाधा डालने, अपने साथियों के साथ पुलिस अधीक्षक संतकबीरनगर के आवास के सामने जबरन सड़क जाम करने सहित दर्जन भर गंभीर मुकदमों में नामजद हैं। बावजूद इसके पुलिस इसके विरुद्ध न तो गुण्डा एक्ट की कार्यवाही कर रही है और न ही गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा पंजीकृत कर रही है। कथित किसान नेता काफी मनबढ़, दबंग व सर्कस किस्म का अपराधिक प्रवृत्ति का है।  मुकदमें के वादी को मुकदमें में सुलह करने की धमकी देता है, गवाहो को डराता धमकाता है। लोगों पर फर्जी मनगढ़न्त, कपोलकल्पित कहानी गढ़कर फर्जी मुकदमा दर्ज कराता है, मोटी रकम लेकर माननीय न्यायालय में अपने बयान से मुकर जाता है।(होस्टाइल हो जाता है) स्वंय द्वारा दर्ज कराये गये फर्जी परिवाद में भी मोटी रकम लेकर नाट प्रेस करता है। माननीय न्यायालय में अनुपस्थित होकर खारिज कराता है। इसके फर्जी मुकदमें से दर्जनों लोग शिकार हो चुके है। फर्जी तहरीर देकर मुकदमा पंजीकृत कराकर फिर सुलह करना इसका पेशा बन गया है। समाज में इसके कृत्य से लोग भयभीत है। दर्जन भर मुकदमें में वांछित होने के बाद भी खुलेआम घूम रहा है। किसान संगठन के आड़ में एक संगठित अपराधिक गिरोह बनाकर जनपद संतकबीरनगर सहित विभिन्न जनपदों में सक्रिय है। इसके द्वारा लोगो से फरेब व जालसाजी करके फर्जी मुकदमा पंजीकृत करा करके धन अर्जित करना अपने निजी एवं गैंग के सदस्यों के आर्थिक भौतिक एवं दुनियाबी लाभ के लिए काम करता है। इसके द्वारा किये गये अपराध से लोक व्यवस्था एवं कानून व्यवस्था छिन्न भिन्न हो रही है, कोई भी जनसामान्य इसके भय व आंतक से इसके विरूद्व गवाही करने अथवा थाने पर शिकायत करने का साहस नही कर पाता है। इसका समाज में स्वतंत्र एवं स्वच्छन्द विचरण करना जनहित में नही है। बावजूद इसके पुलिस इस पर मेहरबान होकर मुख्यमंत्री के मंशा को तार तार कर रही है।

कथित किसान नेता किसान संगठन के आड़ में चला रहा है अपराधिक गतिविधि

मात्र एक मुकदमें में गुण्डा एक्ट व गैंगस्टर लगाने वाली पुलिस दर्जन भर मुकदमें में वांछित कथित किसान नेता पर मेहरबान क्यों?
संतकबीरनगर जिले के एक ऐसे गिरगिट की बात हम करने जा रहे है जो समय समय पर अपना रंग तो बदलता ही है साथ ही अपने ही हितैषियों के लिए डायन भी बन जाता है। वो कभी पवित्र पेशे यानी पत्रकारिता से जुड़ा था, जिसे जब किसी ने आरटीआई का ज्ञान दिया तब वो ब्लैकमेलर बन बैठा। विकास खण्ड खलीलाबाद अन्तर्गत ग्राम पंचायत बरई पार पैठान का वो निवासी है। किसान यूनियन के एक घटक दल से जुड़कर वो आजकल आपराधिक गतिविधियों को अंजाम दे रहा है। खुद को कभी क्रांतिवीर बताने वाला यह शख्स वाकई में एक दलालवीर है जो पैसों के लिए अपनी जमीर तक बेच देता है। नाम हम अगले लेख में उजागर करेंगे पर इस शख्स से पीड़ित लोग मेरी इस लेख को पढ़ने के बाद ये अंदाजा लगा सकते है कि उस शख्स का नाम क्या है?…..
एक किसान संगठन जिसका पूर्वांचल में कोई अस्तित्व नहीं उसका वो जिला अध्यक्ष है, जो कि कुख्यात दलाल, पेशेवर शिकायत कर्ता है। सूचना का अधिकार अधिनियम-2005 का व्यापक पैमाने पर वो दुरुपयोग कर केन्द्र व राज्य सरकार के विभिन्न विभागों के अधिकारियों कर्मचारियों, स्कूल कालेज के प्रबंधको, प्रधानाचार्यों शिक्षकों, शिक्षामित्रों, पुलिसकर्मियों, पत्रकारों, ग्राम प्रधानों, कोटेदारों, जनप्रतिनिधियों की सूचना मांग उन्हे ब्लैकमेल करता है। आम जनमानस की सूचना संगठन के पैड पर शिकायत कर उसकी जाँच कराकर रिकवरी, मुकदमा, और जेल कराने का धौस देकर उन्हें ब्लैकमेल कर मोटी रकम वसूलता है। धनुगाही के पश्चात सूचना का आवेदन पत्र नाट प्रेस कर लेता है, वो बिना सूचना प्राप्त किये लिखता है कि हमें सूचना प्राप्त हो चुका है। वो जिससे वसूली नहीं कर पाता है उस पर फर्जी मनगढ़ंत कहानी गढ़कर मुकदमा कराकर/ कोर्ट में परिवाद दर्ज कराकर उनसे मोटी रकम वसूल कर कोर्ट में अपने बयान से मुकरना भी उसका पेशा बन गया है। यही उसकी रोजी रोटी है। यह कुख्यात दलाल सोशल मीडिया पर अपने नाम के बाद में क्रांतिवीर लिखता है पर वो वास्तव में “दलालवीर है। दो दर्जन लोगों के खिलाफ फर्जी मनगढ़ंत मुकदमा लिखवाकर लाखों रुपये वसूल चुका हैं यह दलालवीर। सरकारी कार्यों में बाधा डालने के रंगदारी मांगने के मामले में जेल भी जा चुका है यह दलालवीर। इस कथित किसान नेता का जनहित, किसान हित, किसानों के समस्याओं से कोई लेना देना नही है, यह अपने निजी स्वार्थों की‌ पूर्ति में मात्र अधिकारियों पर किसान यूनियन का धौस देकर घरना प्रदर्शन चक्का जाम का गीदड़ भभकी देता है। किसान यूनियन के नाम पर लोगों को डरा धमकाकर फर्जी मुकदमा कराकर मोटी रकम वसूलता है। किसान संगठन के नाम पर लम्बे समय से यह दलालवीर अपनी दुकान चमका रहा है। निजी स्वार्थों में वशीभूत होकर निजी दुश्मनी निकालने के लिए किसान संगठन से जुड़ा हैं। जनहित, किसान हित समाज हित में कोई कार्य नहीं करता है। बताया जाता है कि लगभग  2 वर्षों से एक व्यक्ति विशेष व उसकी पत्नी एवं परिजनों के पीछे नहा धोकर यह शख्स पड़ा हुआ है जिससे वह अब 5 लाख रुपये सारे केस में सुलह के लिए मांग रहा है। यह दलालवीर लगभग 2 वर्षों से अपने ही पुराने मित्र जो इसके हर सुख दुःख में हमेशा खडा रहता है था उसकी सारी आवश्यक आवश्यकतावो की पूर्ति करता था उसके खिलाफ लगातार जिले से लेकर शासन तक सैकड़ों फर्जी प्रार्थना पत्र किसान संगठन के पैड पर दे चुका है और आये दिन देता रहता है। यह अपराधिक प्रवृत्ति का कुख्यात जालसाज ठग है। सरकारी नौकरी के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह का सरगना है यह शख्स। इसके द्वारा अनुचित लाभ प्राप्त करने के उद्देश से किये गये क्रिया कलापों से आजिज आकर स्कूल कालेज के शिक्षकों, प्रबंधकों ने कुल तीन बार फिल्मी स्टाईल में दौड़ा दौडा कर एवं पेड़ में बाधकर इसकी पिटाई भी कर चुके है। इसके अलावा भी इसका दुशाहस कम नही हुआ। ग्राम प्रधानों, ग्राम विकास अधिकारियों एवं बीडीओ खलीलाबाद से उलझने वाले और सरकारी कार्य में जब इसने बाधा डाला तब भी ये पीटा गया और जेल की सलाखो तक पहुंचा। नाम‌ न छापने के शर्त पर एक प्रधान ने बताया कि वर्ष 2007 से अद्यतन  जिले के सभी ब्लाकों से अबतक लगभग पाँच सौ प्रधानों का सूचना अधिकार के तहत सूचना मांग कर फर्जी शिकायत कर धनुगाही कर चुका है। यह उसका पेशा बन चुका है। कथित किसान नेता व कुख्यात जालसाज के विरुद्ध कोतवाली खलीलाबाद, पर सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी, जालसाजी, धोखाधड़ी, जानलेवा हमले, मारपीट, गाली गलौच, जानमाल की धमकी देने, लूट, रंगदारी मांगने, ब्लैकमेल करने, तत्कालीन महिला बीडीओ खलीलाबाद के साथ छेड़कानी करने, सरकारी कार्यों में बाधा डालने, अपने साथियों के साथ पुलिस अधीक्षक संतकबीरनगर के आवास के सामने जबरन सड़क जाम करने सहित दर्जन भर गंभीर मुकदमों में नामजद हैं। बावजूद इसके पुलिस इसके विरुद्ध न तो गुण्डा एक्ट की कार्यवाही कर रही है और न ही गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा पंजीकृत कर रही है। कथित किसान नेता काफी मनबढ़, दबंग व सर्कस किस्म का अपराधिक प्रवृत्ति का है।  मुकदमें के वादी को मुकदमें में सुलह करने की धमकी देता है, गवाहो को डराता धमकाता है। लोगों पर फर्जी मनगढ़न्त, कपोलकल्पित कहानी गढ़कर फर्जी मुकदमा दर्ज कराता है, मोटी रकम लेकर माननीय न्यायालय में अपने बयान से मुकर जाता है।(होस्टाइल हो जाता है) स्वंय द्वारा दर्ज कराये गये फर्जी परिवाद में भी मोटी रकम लेकर नाट प्रेस करता है। माननीय न्यायालय में अनुपस्थित होकर खारिज कराता है। इसके फर्जी मुकदमें से दर्जनों लोग शिकार हो चुके है। फर्जी तहरीर देकर मुकदमा पंजीकृत कराकर फिर सुलह करना इसका पेशा बन गया है। समाज में इसके कृत्य से लोग भयभीत है। दर्जन भर मुकदमें में वांछित होने के बाद भी खुलेआम घूम रहा है। किसान संगठन के आड़ में एक संगठित अपराधिक गिरोह बनाकर जनपद संतकबीरनगर सहित विभिन्न जनपदों में सक्रिय है। इसके द्वारा लोगो से फरेब व जालसाजी करके फर्जी मुकदमा पंजीकृत करा करके धन अर्जित करना अपने निजी एवं गैंग के सदस्यों के आर्थिक भौतिक एवं दुनियाबी लाभ के लिए काम करता है। इसके द्वारा किये गये अपराध से लोक व्यवस्था एवं कानून व्यवस्था छिन्न भिन्न हो रही है, कोई भी जनसामान्य इसके भय व आंतक से इसके विरूद्व गवाही करने अथवा थाने पर शिकायत करने का साहस नही कर पाता है। इसका समाज में स्वतंत्र एवं स्वच्छन्द विचरण करना जनहित में नही है। बावजूद इसके पुलिस इस पर मेहरबान होकर मुख्यमंत्री के मंशा को तार तार कर रही है।

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