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26 सितंबर का दिन संतकबीरनगर जिले की राजनीति के लिए गर्म रहा, मामला मेंहदावल नगर पंचायत से जुड़ा हुआ है जहां के अध्यक्ष प्रतिनिधि तथा ईओ के बीच गाली-गलौज का मामला सामने आया। ईओ द्वारा चेयरमैन प्रतिनिधि रमेश निषाद को Who are you कहने के बाद दोनो के बीच विवाद बढ़ा, नौबत हाथापाई की हो गई थी, ऐसी स्थिति को कार्यालय के लोगों ने बीच-बचाव कर रोका। इस दौरान दोनो पक्षो में जमकर गाली-गलौज भी हुआ। दोनो के बीच वार्ड की समस्या को लेकर हुई कहासुनी मारपीट तक पहुंच चुकी थी लेकिन कार्यालय के लोगों के हस्तक्षेप से मामला वहां तक नही पहुंचा। इस मामले में ईओ सरोज कुमार ने थाने में तहरीर देकर कार्रवाई की। फिलहाल खबर लिखे जाने तक SHO विजय दूबे ने अध्यक्षा प्रतिनिधि और ईओ को थाने में बुलाकर दोनो के मध्य सुलह समझौता करा दिया है।
आपको बता दें कि मेहदावल नगर पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि तथा ईओ के बीच ब्रह्मचारी वार्ड में जलजमाव की समस्या को लेकर जब विवाद हुआ तब दोनो पक्षो में गाली गलौज के साथ ही हाथापाई की स्थिति उत्पन्न हो गई। फिलहाल लोगो के बीच बचाव के बाद दोनों पक्ष शान्त हो गये। लेकिन ईओ मेंहदावल ने थाने में तहरीर देकर अध्यक्ष के पति पर आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की है। मामले में जब तक केस दर्ज करने की नौबत आई तब तक दोनो पक्ष आपस में सुलह कर चुके थे। बताते चले कि मंगलवार की दोपहर नगर पंचायत अध्यक्ष के पति रमेश निषाद व मेंहदावल के ईओ संदीप कुमार सरोज से ब्रह्मचारी मोहल्ले में जलजमाव की समस्या को लेकर कहासुनी शुरू हो गई। दोनों में वाद विवाद बढ़ गया। जिसके बाद दोनों पक्षों ने एक दूसरे को देख लेने की धमकी दी। और जमकर कहासुनी के साथ गाली-गलौच हुई।घटना की सूचना मिलने के बाद मेंहदावल पुलिस भी मौके पर पहुंची। विवाद को शांत कराया गया। इस मामले में अधिशासी अधिकारी संदीप कुमार सरोज ने थाने में अध्यक्ष के पति रमेश निषाद पर जाति सूचक गाली देने एवं सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने का आरोप लगाते हुए केस दर्ज करने की मांग किया है। ईओ संदीप कुमार सरोज ने कहा कि कार्यालय में गलत तरीके से कार्य करने को लेकर दबाव बनाया जा रहा था। सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाई गई। इसके साथ ही जाति सूचक गाली भी दिया गया। इस मामले में मेंहदावल थाने में तहरीर दी गई है। नगर पंचायत अध्यक्ष पति रमेश निषाद ने कहा कि अधिशासी अधिकारी संदीप कुमार सरोज नगर पंचायत को अपने मन मुताबिक चलने का प्रयास कर रहे हैं। वार्ड की समस्या को लेकर लोगों ने उनसे शिकायत दर्ज कराई, समस्या को दूर करने का उन्हें हिदायत दिया गया जो उन्हें नागवार लगा। कुंठित मानसिकता तथा अध्यक्ष पर दबाव बनाने के लिए वह आरोप लगा रहे हैं। जबकि कोई विवाद हुआ ही नहीं केवल ब्रह्मचारी वार्ड में जल जमाव की समस्या को दूर करने का निर्देश दिया गया था जो उन्हें नागवार लगा। पूरे मामले पर थानाध्यक्ष ने भी ये जानकारी दी कि ईओ की तरफ से तहरीर मिली थी लेकिन दोनो के बीच अब सुलह समझौता हो गया है इसलिए कोई मुकदमेबाजी की बात यहां पर नही है।
विवाद के पीछे इस कारण की हो रही चर्चा…..
हकीकत यह है कि विवाद के पिछे ब्रह्मचारी वार्ड की समस्या तो कारण है ही लेकिन प्रमुख कारण 15वें वित व राज्य वित के कार्य को लेकर है। जिसमें ईओ व एक क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि अपने चहेतो को काम दिलाने पर अमादा है। जिसको लेकर अध्यक्ष प्रतिनिधि इसका विरोध कर रहे हैं। राज्य वित्त का टेडर 22 सितम्बर को खुलना था लेकिन अभी तक फाइनेंशियल टेंडर खुला ही नही। सत्यता यह है कि मेहदावल नगर पंचायत में विकास धन की लूट मची है और इसी का परिणाम यह विवाद है।
क्या कहते हैं चेयरमैन प्रतिनिधि रमेश निषाद?
पूरे मामले पर चेयरमैन प्रतिनिधि रमेश निषाद ने कहा कि जनता के जनादेश के सम्मान के साथ सम्मानित अधिकारियों का सम्मान भी उचित है, कुछ गलफहमिया जरूर थी पर वो बातचीत के बात हल हो गई। ईओ द्वारा नगर के विकास हेतु संकल्प लिया गया जिसपर सभी रार झगड़े दूर हो गए, कहीं से कोई समस्या नही, हम दोनो लोग मेंहदावल को आदर्श नगर पंचायत बनाने के लिए कटिबद्ध है।
ईओ सरोज की जुबानी – मतभेद के चलते कुछ अप्रत्याशित स्थिति उत्पन्न हुई थी जिसे शॉर्ट आउट कर लिया गया है, हम दोनो के मध्य कोई विवाद नही, हम दोनो ही नगर के विकास के लिए ही बने है, जल्द ही क्षेत्र का अप्रत्याशित विकास होगा।
खबर अंदर की – जानकारी के मुताबिक मेंहदावल नगर पंचायत में विकास कार्यों के मद में आए करोड़ो की धनराशि स्थानीय विधायक और ईओ अपने चहेतों को देने की जुगत में है, इसमें खुद का नुकसान और अपने कार्यकर्ताओं का नुकसान होता देख ही सपा चेयरमैन प्रतिनिधि रमेश निषाद जब विरोध किए तब उन्हें साजिशन sc/St एक्ट और सरकारी काम में बाधा पहुंचाने का जिम्मेदार बताते हुए ईओ ने स्थानीय विधायक के सह पर एक मनगढ़ंत कहानी गढ़कर थाने में तहरीर दे दी। चूंकि चेयरमैन मुख्य विपक्षी पार्टी समाजवादी से है इसलिए उनपर शासन सत्ता का दबाव डाल कर मामले में सुलह समझौता करा लिया गया। मेंहदावल इलाके के विकास के मद में आए करोड़ो, अरबों रुपयों के बंदरबांट में चेयरमैन प्रतिनिधि को जब इसकी जानकारी मिली तब उन्होंने विरोध किया, उनके विरोध करने की चेष्ठा उस वक्त फेल साबित हुई जब उन्होंने विरोध की बजाय ईओ के सामने सरेंडर करते हुए सुलह समझौता कर लिया।