नई पीढ़ी को भी अपने तीज- त्यौहार और संस्कार की जानकारी हो तथा अपनी परंपराओं पर गर्व करते हुए इसका पालन करना चाहिए: पूर्व सांसद
रिपोर्ट – कुलदीप मिश्र
संतकबीरनगर: खलीलाबाद संसदीय क्षेत्र से राम लहर के पूर्व सांसद कद्दावर भाजपा नेता गोरखपुर क्षेत्र के पूर्व क्षेत्रीय अध्यक्ष, संसदीय क्षेत्र संतकबीरनगर से भारतीय जनता पार्टी से टिकट के प्रबल दावेदार, ओजोस्वी वक्ता, तेजस्वी नेता अष्टभुजा प्रसाद शुक्ल ने सभी छठ व्रतियों और श्रद्धालुओं, माताओं बहनों, भारतीय जनता पार्टी के सभी वरिष्ठ, कनिष्ट नेताओ, पार्टी पदाधिकारियों कार्यकर्ताओं, पार्टी के जनप्रतिनिधियों हित मित्रों समर्थकों शुभ चिन्तकों बड़े बुजुर्गों को छठ की शुभकामनाएं दी और देश व प्रदेश के समृद्धि की कामना की है। उन्होंने कहा कि छठ का महापर्व न केवल देश में बल्कि विदेशों में भी बड़े ही हर्षाेल्लास के साथ मनाया जाता है। प्रकृति पूजा का यह पर्व लोक जीवन के सबसे महत्वपूर्ण त्यौहारों में से एक है और आस्था व श्रद्धा के साथ छठ मनाने की एक समृद्ध परंपरा रही है। पूर्व सांसद ने कहा कि 36 घंटो तक निर्जला रहकर श्रद्धालुओं द्वारा प्रकृति के प्रति अपनी आस्था व समर्पण प्रकट करने का पूरे विश्व में छठ पर्व एक अनूठा उदाहरण है। सामाजिक समरसता और सद्भाव भी छठ महापर्व की विशेषता है। लोग अपने धार्मिक मान्यताओं से इतर इसमें शामिल होते है। उन्होंने कहा कि भारत में ‘विविधता में एकता’ की मान्यता को भी यह पर्व चरितार्थ करती है। पूर्व सांसद अष्टभुजा प्रसाद शुक्ल ने कहा कि नई पीढ़ी को भी अपने तीज- त्यौहार और संस्कार की जानकारी हो तथा अपनी परंपराओं पर गर्व करते हुए इसका पालन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि देश में छठ पर्व के आयोजन को लेकर भी कई पौराणिक कथाएं और मान्यताएं प्रचलित है तथा इसके केंद्र में प्रकृति को रखा गया है। वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा कि हमारे तीज, त्यौहार, रीति-रिवाजों और मान्यताओं में प्रकृति के साथ सामंजस्य बनाते हुए विकास करने और जीवन जीने की सीख देते है। उन्होंने ने कहा कि एक लोक पर्व किस प्रकार सांस्कृतिक, धार्मिक, ऐतिहासिक पक्षों को एक सूत्र में पिरो कर रखता है। छठ महापर्व से इसे सहज ही समझा जा सकता है। पूर्व सांसद ने आस्था, पवित्रता, सूर्योपासना, सदाचार, प्रेम, श्रद्धा, भक्ति और लोक आस्था के महापर्व छठ पूजा की सभी को बहुत- बहुत बधाई एवं हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए समस्त छठ व्रतियों के इस कठिन तप को नमन करते हुए भगवान सूर्यदेव और छठी मैया से प्रार्थना कि हर किसी के जीवन में नई ऊर्जा और नए उत्साह का संचार करें।