संतकबीरनगर जिले में कर्ज के तले दबे एक किसान ने खुद को मौत के गले लगा लिया। किसान की मौत पर गांव सहित पूरे क्षेत्र में हड़कंप मच गया। आत्महत्या के पीछे जो वजह निकल कर सामने आई उसके मुताबिक मृतक किसान सूदखोरों के जाल में फंसा था, खेती बाड़ी के लिए सूदखोर से लिए गए कर्ज को न चुका पाने की स्थिति में किसान ने मौत को गले लगा लेना ही उचित समझा। पूरे मामले पुलिस ने सूदखोर के खिलाफ मामला दर्ज कर आवश्यक कार्यवाही में जुट गई है। पूरा मामला धनघटा थाना क्षेत्र से जुड़ा हुआ है जहां सूदखोरों पैसा लेने के मामले में 70 साल के एक वृद्ध ने फंदे से लटकर आत्महत्या कर ली है। वृद्ध का शव गांव के बाहर मंदिर के पिलर से फंदे से लटकता मिला और किसान के जेब से मिले सुसाइड नोट में वृद्ध ने अपनी बीमारी और सूदखोरों के उत्पीड़न के कारण आत्महत्या का जिक्र किया है। पुलिस ने दो लोंगों पर केस दर्ज किया है। आपको बता दें धनघटा थाना क्षेत्र के गौरापार के शैलेश सिंह पुत्र छत्रपाल सिंह ने तहरीर दी है कि उसके पिता छत्रपाल सिंह (70 वर्षीय) ने बुजुर्गवार गांव निवासी जय सिंह पुत्र सीताराम से इलाज कराने के लिए 20 हजार और नरेंद्र यादव उर्फ पंडित पुत्र कौलभान यादव से 30 हजार रुपये उधार लिए थे. कुछ दिन बाद दोनों लोग ब्याज के तौर पर एक लाख रुपये मांगने लगे जिसपर असमर्थता जताने पर दोनो लोग दबाव बनाने लगे। मृतक वृद्ध के बेटे ने बताया कि 27 अक्तूबर को सूदखोरों ने दो बिस्सा तीन धुर जमीन कीमत लगभग 50 हजार को जबरिया बैनामा करवा लिया, जबकि उस जमीन की कीमत 07 से 08 लाख रुपये है। बैनामे के बाद से ही उसके पिता गुमसुम रहने लगे। उसने जय सिंह व नरेंद्र के घर पहुंचकर उनसे बात करनी चाही तो दोनों ने गाली देकर घर से भगा दिया। मजबूर होकर परिजन वापस चले आए। तभी से पिता अवसाद में रहने लगे। सुसाइड नोट में मृतक वृद्ध ने भी इस बात का जिक्र किया है कि दबाव के कारण मजबूर होकर उसे अपनी भूमि बैनामा करनी पड़ी। उसी के चलते फांसी के फंदे से लटककर जान दे रहा है। इसमें परिवार का कोई दोष नहीं है। पुलिस ने जय सिंह व नरेंद्र यादव के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।पूरे मामले में धनघटा एसओ पंकज पाण्डेय ने बताया की मामले में मृतक के पुत्र की तहरीर पर मुकदमा पंजीकृत कर आवश्यक कार्यवाही की जा रही है.