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सत्यमेव टाइम्स में आपका स्वागत है गोपियों ने भगवान कृष्ण को पति के रूप मे पाने की जाहिर की इच्छा- कथा वाचक प्रदीप शास्त्री महाराज_रिपोर्ट-प्रदीप अग्रहरी   कांटे / संत कबीर नगर - विकास खंड खलीलाबाद क्षेत्र के ग्राम पंचायत सरौली चाहरूम के फूलवरिया मे सांगितमय श्री मद भागवत कथा के तीसरे दिन कथा ब्यास प्रदीप शास्त्री जी महाराज ने रासलीला व रुक्मणी विवाह का वर्णन किया श्री शास्त्री ने कहा कि गोपियों ने भगवान श्री कृष्ण से उन्हें प्रतीक रूप में पाने की इच्छा प्रकट की। भगवान श्री कृष्ण ने गोपियों की इस कामना को पूरा करने का वचन दिया इसके लिए शरद पूर्णिमा की रात को यमुना तट पर गोपियों को मिलने के लिए कहा कृष्ण की बांसुरी की धुन सुनकर सभी गोपियों अपनी सुध बुध खोकर श्री कृष्ण के पास पहुंच गई उसके बाद रॉस आरंभ किया माना जाता है कि वृंदावन स्थित है निधिवन ही वह स्थान है जहां श्री कृष्ण ने महारास रचाया था रुक्मणी विवाह का वर्णन करते हुए कहा कि भगवान श्री कृष्ण ने सभी राजाओं को हराकर बायडरों की राजकुमारी रुक्मणी का द्वारका में लाकर उनसे विवाह किया। इस अवसर पर मुख्य यजमान राजकरन प्रजापति, आयोजक शिव पल्टन प्रजापति, शिव प्रसाद प्रजापति, बाबूराम प्रजापति, बाबूलाल प्रजापति, रामशंकर तिवारी, रामसेवक प्रजापति शोभनाथ यादव,चंदन पाण्डेय गंगाराम, सुरेंद्र, महेंद्र, दिलीप, प्रदीप, शैलेश आदि लोग मौजूद रहे।

गोपियों ने भगवान कृष्ण को पति के रूप मे पाने की जाहिर की इच्छा- कथा वाचक प्रदीप शास्त्री महाराज_रिपोर्ट-प्रदीप अग्रहरी

गोपियों ने भगवान कृष्ण को पति के रूप मे पाने की जाहिर की इच्छा- कथा वाचक प्रदीप शास्त्री महाराज_रिपोर्ट-प्रदीप अग्रहरी

 

कांटे / संत कबीर नगर – विकास खंड खलीलाबाद क्षेत्र के ग्राम पंचायत सरौली चाहरूम के फूलवरिया मे सांगितमय श्री मद भागवत कथा के तीसरे दिन कथा ब्यास प्रदीप शास्त्री जी महाराज ने रासलीला व रुक्मणी विवाह का वर्णन किया श्री शास्त्री ने कहा कि गोपियों ने भगवान श्री कृष्ण से उन्हें प्रतीक रूप में पाने की इच्छा प्रकट की।
भगवान श्री कृष्ण ने गोपियों की इस कामना को पूरा करने का वचन दिया इसके लिए शरद पूर्णिमा की रात को यमुना तट पर गोपियों को मिलने के लिए कहा कृष्ण की बांसुरी की धुन सुनकर सभी गोपियों अपनी सुध बुध खोकर श्री कृष्ण के पास पहुंच गई उसके बाद रॉस आरंभ किया माना जाता है कि वृंदावन स्थित है निधिवन ही वह स्थान है जहां श्री कृष्ण ने महारास रचाया था रुक्मणी विवाह का वर्णन करते हुए कहा कि भगवान श्री कृष्ण ने सभी राजाओं को हराकर बायडरों की राजकुमारी रुक्मणी का द्वारका में लाकर उनसे विवाह किया। इस अवसर पर मुख्य यजमान राजकरन प्रजापति, आयोजक शिव पल्टन प्रजापति, शिव प्रसाद प्रजापति, बाबूराम प्रजापति, बाबूलाल प्रजापति, रामशंकर तिवारी, रामसेवक प्रजापति शोभनाथ यादव,चंदन पाण्डेय गंगाराम, सुरेंद्र, महेंद्र, दिलीप, प्रदीप, शैलेश आदि लोग मौजूद रहे।

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