संतकबीरनगर जिले के मगहर स्थित संतकबीर विद्यापीठ स्नातकोत्तर महाविद्यालय में लोकतंत्र सेनानी सम्मान समारोह आयोजित किया गया। इस अवसर पर पूर्व सांसद मा. इन्द्रजीत मिश्र जी , पूर्व सांसद मा. अष्टभुजा प्रसाद शुक्ल जी, लोकतंत्र सेनानी जिलाध्यक्ष श्री श्याम मोहन यादव जी सहित संतकबीर नगर जिले के पचासों लोकतंत्र सेनानी उपस्थित रहे।
सम्मान समारोह में आपातकाल की चर्चा हुई। चर्चा में वक्ताओं ने कहा कि 25/26 जून 1975 की रात्रि में तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी ने येन केन प्रकारेण अपनी सत्ता बचाने के लिए राष्ट्रपति फखरूद्दीन अली अहमद से धारा 352 का प्रयोग कर आपातकाल लागू कराया। डी आई आर और मीसा कानून के द्वारा लोगों के मौलिक अधिकार छीने गए। प्रेस पर सेंसर लगाया।सभी गैर कांग्रेसी नेताओं सहित लाखों लोगों को जेल में बंद किया गया। जबरन नसबंदी किया गया। इस तरह यह आपातकाल की यातना लगातार 21 महीने 21 मार्च 1977 तक चलता रहा। लाखों लोगों ने इस समय सत्याग्रह किया। सरकार के विरोध में जनता खड़ी हुई और अंततः मोरारजी देसाई के नेतृत्व में जनता पार्टी की 1977 में पहली गैर कांग्रेसी सरकार बनी।
जिन लोगों ने अपनी युवावस्था में पढ़ाई, नौकरी, व्यवसाय और सब प्रकार के कैरियर को छोड़कर आन्दोलन में भाग लिया , जेल जाकर लोकतंत्र बचाने के लिए संघर्ष किया ऐसे सभी लोग अभिनन्दनीय हैं। कार्यक्रम का आयोजन प्रबंधक राकेश मिश्र ने किया। इस कार्यक्रम में पूर्व सांसद इंद्रजीत मिश्र और अष्टभुजा शुक्ल ने आए हुए लोकतंत्र सेनानियों को अंगवस्त्र इत्यादि भेंटकर उन्हे सम्मानित किया। पूर्व सांसद अष्टभुजा शुक्ल और इंद्रजीत मिश्र ने अपने विचार रखते हुए कार्यक्रम आयोजक राकेश मिश्र की प्रशंसा करते हुए कहा कि श्री मिश्र जी द्वारा लोकतंत्र सेनानियों के सम्मान में रखा गया कार्यक्रम बेहद ही सराहनीय कार्य है।