जयपुर। पिछले लोकसभा चुनाव में सीतामढ़ी संसदीय क्षेत्र से देवेश चन्द्र ठाकुर के जीत जाने के कारण तिरहुत स्नातक क्षेत्र विधान परिषद की सीट खाली हुई है। इस सीट पर एनडीए की तरफ से कई दावेदार हैं। यह सीट ठाकुर के इस्तीफे देने के कारण खाली हुई है, इसलिए सीट पर ब्राह्मण जाति का हक है। ऐसे में समाजसेवी और बिजनेसमैन रूपेश पांडेय भी उम्मीद्वारी के लिए प्रयास कर रहे हैं। इसी महीने इस सीट के चुनाव के लिए नोटिफिकेशन जारी हो सकता है। पांडेय का कहना है कि प्रदेश के बेरोजगार स्नातक युवाओं के लिए वे कुछ करना चाहते हैं। युवाओं में भरपूर ऊर्जा होती है और वे इसका सदुपयोग राज्य के विकास में करना चाहते हैं।
बिहार विधान परिषद में सदस्यों का विस्तार होने जा रहा है। कुछ सीटें खाली हुई हैं, उन्हें भरने की प्रक्रिया में इस बार किसी बड़े राजनीतिक दल के सिंबल पर व्यवसायी व समाजसेवी रूपेश पाण्डेय को बिहार विधान परिषद का सदस्य बनाया जा सकता है। बिहार के चम्पारण के रहने वाले पाण्डेय ने कम उम्र में ही एक व्यवसाय करना शुरू कर दिया। वे कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि यदि भारत सरकार चाहे तो उनके साथ मिलकर वे कुछ योजनाओं को हक़ीक़त में धरातल पर ला सकते हैं।
पाण्डेय ने बिहार के विकास के लिए पटना का रुख किया और अपने कुछ प्रपोजल बिहार सरकार के सामने प्रेजेंट किए।
युवाओं में शिक्षा के साथ संस्कार भी प्रचुर मात्रा में
पाण्डेय ने कहा कि सिर्फ बिहार के विकास को लक्षित करके मेहनत करना चाहते हैं। हम चाहते हैं कि हमारा बिहार भी देश-दुनिया में विशिष्ट पहचान को लेकर जाना जाए। यहां के युवाओं में शिक्षा के साथ संस्कार भी प्रचुर मात्रा में है और फिर हमारे पास राजनीति के सबसे बड़े गुरु चाणक्य हुआ करते थे। हमने दुनिया को आर्यभट्ट दिया था, जिनकी वजह से आज गणित की गणना पूरे विश्व में होती है। आज भी हमारे पास राजनैतिक दूरदर्शिता वाले बड़े-बड़े नेता हैं, जो बिहार का नाम बुलंद कर रहे हैं।