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सत्यमेव टाइम्स में आपका स्वागत है   संतकबीरनगर - जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी विशाल श्रीवास्तव ने बताया कि मेहदावल थाना अंतर्गत बेलौली निवासी पूजा यादव ने थाना मेहदावल में प्रार्थना पत्र दी कि वह अपने भाई ,पति तथा एक अन्य व्यक्ति के साथ अपने ससुराल आई थी। जब अपने ससुराल पहुंची तो उनकी छोटी बच्ची रो रही थी इस पर उनके पति राम आशीष नाराज हो गए और बच्ची को मारने लगे ।बच्ची को रोता देख उनके भाई जयप्रकाश बच्ची को बचाने आए तो राम आशीष उनके भाई जयप्रकाश पर क्रोधित हो गया और उन्हें गाली देते हुए जान से मारने की धमकी देकर घर में रखा धारदार हथियार से उनके भाई जयप्रकाश पर हमला कर दिया ।उनके भाई बेहोश होकर गिर गए। गंभीर चोट होने के कारण उन्हें अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया ।आरोपी राम आशीष को पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया जाए ।आरोपी राम आशीष ने जमानत प्रार्थना पत्र सत्र न्यायाधीश महेंद्र प्रसाद चौधरी के समक्ष प्रस्तुत किया जिसका जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी विशाल श्रीवास्तव ने विरोध किये और तर्क दिए की आरोपी का कृत्य जघन्य है।जो अपने साले की हत्या कर सकता है अगर छूटेगा तो किसी भी गंभीर घटना को अंजाम दे सकता है ।मामले की गंभीरता को देखते हुए सत्र न्यायाधीश महेंद्र प्रसाद चौधरी ने आरोपी राम आशीष की जमानत अर्जी निरस्त कर दिए।

साले के हत्यारोपी बहनोई की जमानत अर्जी निरस्त

 

संतकबीरनगर – जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी विशाल श्रीवास्तव ने बताया कि मेहदावल थाना अंतर्गत बेलौली निवासी पूजा यादव ने थाना मेहदावल में प्रार्थना पत्र दी कि वह अपने भाई ,पति तथा एक अन्य व्यक्ति के साथ अपने ससुराल आई थी। जब अपने ससुराल पहुंची तो उनकी छोटी बच्ची रो रही थी इस पर उनके पति राम आशीष नाराज हो गए और बच्ची को मारने लगे ।बच्ची को रोता देख उनके भाई जयप्रकाश बच्ची को बचाने आए तो राम आशीष उनके भाई जयप्रकाश पर क्रोधित हो गया और उन्हें गाली देते हुए जान से मारने की धमकी देकर घर में रखा धारदार हथियार से उनके भाई जयप्रकाश पर हमला कर दिया ।उनके भाई बेहोश होकर गिर गए। गंभीर चोट होने के कारण उन्हें अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया ।आरोपी राम आशीष को पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया जाए ।आरोपी राम आशीष ने जमानत प्रार्थना पत्र सत्र न्यायाधीश महेंद्र प्रसाद चौधरी के समक्ष प्रस्तुत किया जिसका जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी विशाल श्रीवास्तव ने विरोध किये और तर्क दिए की आरोपी का कृत्य जघन्य है।जो अपने साले की हत्या कर सकता है अगर छूटेगा तो किसी भी गंभीर घटना को अंजाम दे सकता है ।मामले की गंभीरता को देखते हुए सत्र न्यायाधीश महेंद्र प्रसाद चौधरी ने आरोपी राम आशीष की जमानत अर्जी निरस्त कर दिए।

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