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सत्यमेव टाइम्स में आपका स्वागत है     चीफ डिफेंस काउंसिल को कैदियों ने सुनाई अपनी पीड़ा संतकबीरनगर : जनपद न्यायाधीश महेंद्र प्रसाद चौधरी के निर्देशन व जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव व अपर जिला जज महेंद्र कुमार सिंह के पहल पर शुक्रवार को लीगल एड डिफेंस काउंसिल सिस्टम की टीम जिला कारागार पहुंची। कारागार में निरुद्ध बंदियों ने अपनी पीड़ा सुनाई। इस दौरान लगभग 26 माह से निरुद्ध एक बंदी ने सिस्टम के चीफ अन्जय कुमार श्रीवास्तव से कहा कि अपनी मोटरसाइकिल दूसरे के द्वारा मांगने पर देने की सजा भुगत रहा हूँ। घनघटा थानाक्षेत्र के रामपुर बारहकोनी निवासी चंद्रिका निषाद ने कहा कि वह दोस्त के मांगने पर अपनी मोटरसाइकिल दे देता था, जिसका उपयोग वह मादक सामग्री बेचने आदि जैसा अपराध किया। वाहन मेरे नाम से रहने के कारण पुलिस मुझे पकड़ ली और मेरे खिलाफ कुल सात मुकदमें दर्ज कर दिए गए, जिसमें से दो मुकदमें खत्म भी हो चुके हैं। मेरा दोष सिर्फ इतना ही है कि मैने अपना मोटरसाइकिल दिया। उसने जेल से छुड़ाने की गुहार लगाई। दुधारा थानाक्षेत्र के मदाइनपुर गांव निवासी नान्हू बंजारा ने कहा कि वह बेकसूर है। पुलिस ने उसे झूठे मुकदमें में अभियुक्त बना दिया है। कोतवाली खलीलाबाद थानाक्षेत्र के जलकल रोड निवासी अख्तारुल हक ने कहा कि मेरे खिलाफ कुल दस मुकदमें है। उसने लीगल एड डिफेंस काउंसिल सिस्टम से अपनी पैरवी कराए जाने की बात कही। इस प्रकार लगभग दर्जनों बंदियों ने अपनी समस्या रखी, जिसके पैरवी किए जाने की बात कही गई। इस दौरान डिप्टी लीगल एड डिफेंस काउंसिल संजीव कुमार पांडेय, असिस्टेंट लीगल एड डिफेंस काउंसिल मो.दानिश, प्रज्ञा श्रीवास्तव, उप कारागार पाल गीतारानी समेत अनेक बंदी मौजूद रहे।

दूसरे को बाइक देने की सजा भुगत रहा हूँ साहब ! छुड़ा दीजिए

 

 

चीफ डिफेंस काउंसिल को कैदियों ने सुनाई अपनी पीड़ा

संतकबीरनगर : जनपद न्यायाधीश महेंद्र प्रसाद चौधरी के निर्देशन व जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव व अपर जिला जज महेंद्र कुमार सिंह के पहल पर शुक्रवार को लीगल एड डिफेंस काउंसिल सिस्टम की टीम जिला कारागार पहुंची। कारागार में निरुद्ध बंदियों ने अपनी पीड़ा सुनाई। इस दौरान लगभग 26 माह से निरुद्ध एक बंदी ने सिस्टम के चीफ अन्जय कुमार श्रीवास्तव से कहा कि अपनी मोटरसाइकिल दूसरे के द्वारा मांगने पर देने की सजा भुगत रहा हूँ।
घनघटा थानाक्षेत्र के रामपुर बारहकोनी निवासी चंद्रिका निषाद ने कहा कि वह दोस्त के मांगने पर अपनी मोटरसाइकिल दे देता था, जिसका उपयोग वह मादक सामग्री बेचने आदि जैसा अपराध किया। वाहन मेरे नाम से रहने के कारण पुलिस मुझे पकड़ ली और मेरे खिलाफ कुल सात मुकदमें दर्ज कर दिए गए, जिसमें से दो मुकदमें खत्म भी हो चुके हैं। मेरा दोष सिर्फ इतना ही है कि मैने अपना मोटरसाइकिल दिया। उसने जेल से छुड़ाने की गुहार लगाई। दुधारा थानाक्षेत्र के मदाइनपुर गांव निवासी नान्हू बंजारा ने कहा कि वह बेकसूर है। पुलिस ने उसे झूठे मुकदमें में अभियुक्त बना दिया है। कोतवाली खलीलाबाद थानाक्षेत्र के जलकल रोड निवासी अख्तारुल हक ने कहा कि मेरे खिलाफ कुल दस मुकदमें है। उसने लीगल एड डिफेंस काउंसिल सिस्टम से अपनी पैरवी कराए जाने की बात कही। इस प्रकार लगभग दर्जनों बंदियों ने अपनी समस्या रखी, जिसके पैरवी किए जाने की बात कही गई। इस दौरान डिप्टी लीगल एड डिफेंस काउंसिल संजीव कुमार पांडेय, असिस्टेंट लीगल एड डिफेंस काउंसिल मो.दानिश, प्रज्ञा श्रीवास्तव, उप कारागार पाल गीतारानी समेत अनेक बंदी मौजूद रहे।

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