बलिया – सिकंदरपुर विधान सभा से पूर्व में बसपा में रहे शेख अली उर्फ संजय भाई ने एक खुलासा किया और कहा कि जब कांशी राम के जमाने मे चौपाल लगता था और सबकी बात रखने का सबको अधिकार रहता था कोई बात कहने के लिए कोई फीस नही लगता था चुनाव भी लड़ाया जाता था 80 – 85 को महत्व दिया जाता था। कांशीराम के चले जाने के बाद मायावती के सलाहकार अच्छे नही मिले। और 85 के लोग दूर होते गए दूर होते गए।और उसी कड़ी में मैं भी बसपा से इस्तीफा देखर और समाजिक काम में लग गए। काम तो बहुत हैं। इंसानियत के काम करने के लिए कोई पट्टे की जरूरत नही हैं। इंसनियत का काम करना हैं और ईश्वर को खुश करना हैं। अगर ईश्वर खुश हैं तो एमपी हो या एमएलए सारी चीजें अपने पाले में आ जाएंगी।वही समाजवादी पार्टी के पूर्व मंत्री पर भी सवाल खड़ा किया और कहा कि काम करने का जज्बा होता हैं डीएनए में होता हैं।अखिलेश जी के डीएनए में कूट कूट कर भरा हैं कब क्या काम करें अभी सत्ता में नही फिर भी काम करते रहते हैं।हमारे जो विधायक हैं सिर्फ नाम के लिए विधायक हैं।उनके डीएनए में नही है कि कुछ काम करके अमर हो जाऊं। जैसे छोटे छोटे पालीटेक्निक महिला और पुरुष, बच्चों के आईटीआई महिला और पुरुष, इंटर कॉलेज, मेडिकल कॉलेज यह बड़ी बात होता, यह नही होता।लेकिन यह कोशिस करना चाहिए। अखिलेश जी के नाम वोट मांगने का काम करते हैं। और विधायक करने का काम करते हैं।