लखनऊ – मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुलिस महकमे में एक बड़ा फैसला किया है। सीएम योगी ने निर्देश दिए हैं कि सीएम और डीजी ऑफिस की सिफारिश पर जिलों में थानेदार और सीओ को हटाया या रखा न जाए। जिले के कप्तान अपने विवेक से थानेदार और सीओ की पोस्टिंग करें। इस फरमान से सीएम और डीजीपी मुख्यालय में तैनात अफसरों की कार्यशैली पर उंगलियां उठ रही हैं। पुलिस महकमे में चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है। माना जा रहा है कि सीएम और डीजी ऑफिस के कुछ बड़े अफसरों के पर कतरने के लिए सीएम योगी ने ये निर्देश जारी किए गए हैं। वहीं, सीएम ने लखनऊ पुलिस पर नजर रखने के लिये दो समितियां भी बनाई गईं हैं। इस समिति में डीजी इंटेलीजेंस, ADG L&O, ADG स्थापना और एक गृह सचिव शामिल होंगे।
बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जीरो टॉलरेंस नीति के तहत भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम चलाई जा रही। जिलों में ट्रांसफर-पोस्टिंग में पारदर्शिता स्थापित करने, काबिल व योग्य अफसरों को मौका मिलने और भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री ने जिलों में पुलिस अधीक्षक को थानाध्यक्ष और क्षेत्राधिकारी पोस्ट करने के अधिकार दिए हैं। सूत्रों की मानें तो कई पुलिस अधीक्षकों ने मुख्यमंत्री से थानाध्यक्ष और क्षेत्राधिकारी की पोस्टिंग में बड़े अफसरों के हस्तक्षेप करने की शिकायत की थी। इसके बाद सीएम ने यह फैसला लिया है।
वहीं, अपर प्रमुख सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने यूपी के चार पुलिस कमिश्नरेटों, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों और पुलिस अधीक्षकों को पत्र भेजकर निर्देश दिए हैं कि जिले का कप्तान अपने विवेक से थानाध्यक्ष व क्षेत्राधिकारी की ट्रांसफर पोस्टिंग करें। यदि इनकी ट्रांसफर-पोस्टिंग में हाईलेवल से कोई सिफारिश आए तो उसे कतई न मानें, दबाव बनाए तो शिकायत करें।