एक तरफ सिद्धार्थनगर जिला बाढ़ की त्रासदी से ग्रसित था वहीं पर करोना संकट काल से कोई अछूता नहीं रहा। सरकार द्वारा ऐसे आर्थिक स्थिति से कमजोर हो चुके लोगों के लिए तमाम प्रकार की योजनाएं जमीनी स्तर पर चालू की गई और पीड़ित परिवारों को मरहम लगाने का काम किया गया। लेकिन इस आपदा में कुछ ऐसे भी लोग हैं जो सरकारी योजनाओं में गोलमाल करके अपनी काली कमाई करके मालामाल हो रहे हैं ।
ताजा मामला विकासखंड भनवापुर क्षेत्र के ग्राम पंचायत मल्हवार का है। जहाँ दो परिवारों जिनके नाम से 9-9 यूनिट नाम दर्ज है।राशन कार्ड बने दो साल हो गया उनके हिस्से का खाद्यान्न हर महीने निकल भी रहा है लेकिन कौन निकाल रहा है यहां नही पता है। आपने फिल्मों में देखा सुना होगा कि मुन्ना भाई गोलमाल करने में आगे हैं। लेकिन ऐसा मल्हवार गांव में दो पीड़ित परिवार भी शिकार हो रहे है। जिसमें राशन कार्ड धारक श्रीमती शीला कुमारी के नाम से 9 यूनिट दर्ज है वहीं पर श्रीमती कोयली के नाम से भी राशन कार्ड में 9 यूनिट दर्ज है इनका राशन कार्ड बने 2 साल बीत गया लेकिन आज तक इन्हें राशन नहीं मिल पाया है। जब यह मल्हवार गांव के कोटेदार बजरंगबली के यहां जाते हैं तो उससे पहले ही कोई अंगूठा लगाकर के इनके हिस्से का राशन गोलमाल कर देता है । इस समस्या से परेशान होकर के लाभार्थी परिवारों ने जब इसकी खोजबीन की तो पता चला कि उन दोनों के राशन कार्ड में एक एक नाम बाहरी दर्ज है। जिसे वह जानते भी नही है। जो उनके हिस्से का राशन पहले ही निकाल लेता श्रीमती शीला कुमारी जिनका राशन कार्ड संख्या है 21844 0877 940 इसमें कुल 9 सदस्यों का नाम दर्ज है जिसमें से एक नाम राम सूरत पुत्र रंगीलाल बाहरी है। दूसरी राशन कार्ड धारक श्रीमती कोहली जिनका राशन कार्ड संख्या 218440877057 है । इसमें भी कुल 9 यूनिट दर्ज है। जिसमें से श्यामलाल पुत्र रामनरेश का नाम बाहरी है । जो कि इनके संज्ञान में नहीं है। जब राशन कार्ड धारकों को इस बात का पता चला तो जिसके माध्यम से इन्होंने राशन कार्ड बनवाया था वह इटवा ब्लाक क्षेत्र के जिगना ठाकुर का निवासी है । जिसका नाम रामसूरत है। उसने दोनों राशन कार्ड बनवाने के लिए ₹2000 भी लाभार्थी परिवारों से लिए थे । लाभार्थी परिवारों ने राम सूरत से जब इस बारे में बात की तो उसने कहा हमें कुछ जानकारी नहीं है। कार्ड धारक शीला कुमारी के ससुर पीड़ित गिरधारी का कहना है कि वह जिगना ठाकुर निवासी राम सूरत से राशन कार्ड बनवाए थे जो कि ₹2000 ले लिया था। राशन कार्ड तो बन गया लेकिन उनके हिस्से का राशन उन्हें नहीं मिल पा रहा है । राशन कार्ड में जो बाहरी नाम दर्ज है उसके द्वारा राशन निकाल लिया जा रहा है । वही कार्ड धारक शीला का कहना है कि कोरोना महामारी व बाढ़ की भीषण तबाही के चलते उनके सामने रोजी-रोटी की समस्या है और इस बिपत्ति के समय मे उनके हिस्से का मिलने वाला राशन जो कि कार्ड में रामसूरत नाम से दर्ज बाहरी व्यक्ति है निकाल लेता है। ऐसे में संबंधित जिम्मेदार अधिकारी उचित जांच करें और इस मुन्ना भाई के ऊपर उचित कार्रवाई करते हुए हमारे हिस्से के निकाले गए राशन की रिकवरी करवाएं । वही इस संबंध में जब जिला खाद्य पूर्ति अधिकारी सिद्धार्थ नगर से बात की गई तो उन्होंने कहा मामला संज्ञान में नहीं है । जांच कराई जाएगी और दोषी पाए जाने पर मुन्ना भाई के खिलाफ उचित कार्रवाई करते हुए निकाले गए राशन की रिकवरी भी की जाएगी।
अब यहाँ सोचने वाली बात यह है कि आए दिन राशन कार्ड धारकों की विभाग द्वारा फीडिंग-सीडिंग के नाम पर तमाम जांच व आधार मैचिंग व नाम कटने की समस्याएं आम बात हो गयी है वही इन दोनों राशन कार्ड पर बाहरी नाम का अंकित होना कही कही विभागीय अनियमितता की पोल खोलने के लिए काफी है।