सेमरियावां-सरकार और उसके उच्चाधिकारी भले ही लाख आश्वासन दें और दिशानिर्देश दें कि शासन की महत्त्वपूर्ण योजनाओं का लाभ पात्रों को मिले।लेकिन जब पात्र को लाभ भी मिलता है तो इसके लिए कितना पापड़ बेलना पड़ता है इससे हर कोई वाकिफ है। गरीबों और बेसहारों को अधिकतर अधिकारियों और कर्मचारियों के कार्यालयों या घरों से दुत्कार ही मिलती है और बेचारा गरीब और बेबस होकर थक-हार कर घर बैठ जाता है।आप इसकी बानगी सेमरियावां विकासखंड में देख सकते हैं।एक ऐसी महिला जो लगातार ब्लाक मुख्यालय का चक्कर काट रही है उसकी हालात देखकर हर किसी को रोना आ जाएगा लेकिन शायद स्थानीय कर्मियों के सीने में दिल नहीं पत्थर है जो गरीबों की आहों से भी नहीं डरते हैं।
विकासखंड के ग्राम पंचायत उसराशहीद निवासिनी महिला सजीदुन्निशा पत्नी सैदा हुसेन लगभग आठ माह से प्रधानमंत्री आवास योजना की दूसरी किश्त के लिए ब्लाक के अधिकारियों और कर्मचारियों के चक्कर लगा रही है लेकिन अभी तक उसको सिर्फ निराशा ही मिली है। पीड़ित सजीदुन्निशां के अनुसार उसको जनवरी माह में आवास योजना के अंतर्गत प्रथम किश्त के रूप में ₹ 40 हजार प्राप्त हुए थे उसके बाद उसने इस आशय से नींव वगैरह डालकर और लोगों से कर्ज लेकर दीवार खड़ी कर दी कि दूसरी किश्त जल्द ही मिलेगी और लोगों का कर्ज देने के बाद किसी तरह सर पर छत का प्रबंध हो जाएगा लेकिन लगभग आठ माह बीत जाने के बाद इस गरीब और बेसहारा महिला को अभी तक दूसरी किश्त नहीं मिल पाई है। उक्त महिला दिमागी संतुलन से कमजोर अपने पति के साथ लगातार ब्लाक मुख्यालय और अधिकारियों के चक्कर काट रही है लेकिन ब्लाककर्मी सही जवाब नहीं दे रहे हैं।वहीं इस महिला के मानें तो प्रधानपक्ष के कुछ लोगों द्वारा आवास पास कराने के नाम पर तथा अधिकारियों एवं कर्मचारियों को देने के नाम पर ₹ पांच हजार भी लिया था। पीड़ित महिला सजीदुन्निशां के अनुसार वह लगभग छ:माह तक पति तथा पांच बच्चों के साथ दूसरे के घर में रही लेकिन अब खुले आसमान के नीचे पन्नी तानकर रहने को मजबूर है।
वहीं इस संबंध में नवागत खंडविकास विकास अधिकारी दीपक सिंह ने बताया कि कुछ टेक्निकल दिक्कत की वजह से दूसरी किश्त नहीं जा पा रही थी जिसे जल्द ही सही करा लिया जाएगा । उन्होंने कहा कि उनका मुख्य उद्देश्य यही है पात्रों को लाभ सही समय पर मिले ।
PUBLISH BY-MOHD ADNAN DURRANI