सिद्धार्थनगर जिले में इन दिनों ग्राम प्रधान गांव के विकास के लिए नहीं दबंगई के लिए जाने जाते हैं यह कहना गलत नहीं है सिद्धार्थनगर में कई ऐसे मामले सामने आ चुके हैं ऐसे में इन मामलों को देखकर यह कहना गलत नहीं है गांव की जनता गांव की सरकार बनाने के लिए एक ऐसे जिम्मेदार व्यक्ति को चुनती है जो उसके सुख दुख का साथी हो लेकिन जब वही मुखिया ग्राम प्रधान गांव के ही व्यक्ति के लिए उसके जान का दुश्मन बन जाए तो उसे रक्षक नहीं भक्षक कहते हैं कुछ ऐसा मामला सिद्धार्थनगर जिले के त्रिलोकपुर थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत इमलिया का है जहां पर चुनावी रंजिश को लेकर ग्राम प्रधान राघवेंद्र प्रताप सिंह द्वारा उन्हीं के गांव निवासी मौर्या को अपने साथियों के साथ हमला करके लाठी-डंडों से जमकर पीटर मौर्या का कहना था कि वह अपने घर से अपने बच्चों को स्कूल छोड़ने के लिए गया था वापस लौटी रहा था कि ग्राम प्रधान अपने साथियों के साथ उसके ऊपर टूट पड़े और जमकर उसके ऊपर लाठी डंडे की बारिश कर डाली मौर्या की हालत तो गंभीर है लेकिन गांव में ग्राम प्रधान की दबंगई से मानव दहशत की एक हवा चल गई हो ग्रामीणों में दहशत का माहौल है ग्रामीणों का कहना है कि ग्राम प्रधान द्वारा मौर्या को मरा जान कर छोड़ा था ऐसे में इस को लेकर जब प्रभारी निरीक्षक त्रिलोकपुर रणधीर कुमार मिश्रा से बात की गई तो उनका कहना था कि मामले की जानकारी है पुलिस आगे की कार्रवाई में जुटी है ।