सत्यमेव टाइम्स में आपका स्वागत है   मेंहदूपार में देवी भागवत कथा का तीसरा दिन।   श्रीमद् भागवत कथा सुनने से सारे कष्ट दूर हो जाते है। और जीवन के अंतिम काल में मोक्ष के लिए स्वर्ग का दरवाजा खुल जाता है। कथा ही मानव को भवसागर पार कराती है। उक्त बाते मेंहदूपार गांव में चल रही में चल रही शतचंडी महायज्ञ में भागवत कथा के तीसरे दिन कथा वाचक संतोष जी महराज जी ने कहा। उन्होंने कहा कि जहा भागवत कथा व पूजा होती है। उस घर में लक्ष्मी नारायण की कृपा सदैव बनी रहती है। जीवन के बंधन से मुक्ति का एक मार्ग श्रीमद् भागवत कथा श्रवण ही है। इससे भक्तों की सभी परेशानिया दूर हो जाती है। धु्रव प्रसंग की कथा सुनाते हुए कहा कि ध्रुव की सौतेली मा सुरुचि द्वारा अपमानित करने पर भी उसकी मा सुनीता ने धैर्य नहीं खोया जिससे संकट टल गया। ध्रुव ने तपस्या के बल पर हरि को प्रसन्न कर लिया। भक्त प्रह्लाद के प्राणों की रक्षा के लिए भगवान ने खंभे में अवतार लेकर हिरण्यकश्यप का वध किया। भगवान हमेशा अपने भक्तों की रक्षा के लिए तैयार रहते हैं। बस जरूरत है उन्हें सच्चे मन से याद करने की है। महायज्ञ में रात्रि के समय शनिवार को रामलीला मंचन के दौरान रामजन्म, ताडका वध, का मंचन किया गया। इस अवसर पर हरिश्चंद्र शुक्ला, मनीष कुमार, भवानी शंकर शुक्ला, छोटन शुक्ला , टुनटुन,जयशंकर प्रसाद, अरूण कुमार, दीपक पाण्डेय, मोनू पाण्डेय, विपिन कुमार, सतीश शुक्ला, ब्रम्हानंद, आदि लोग मौजूद रहें।     PUBLISH BY-MOHD ADNAN DURRANI

संतकबीरनगर-भागवत सुनने से सारे कस्ट होते हैं दूर_रिपोर्ट-विष्णु स्वरूप

 

मेंहदूपार में देवी भागवत कथा का तीसरा दिन।

 

श्रीमद् भागवत कथा सुनने से सारे कष्ट दूर हो जाते है। और जीवन के अंतिम काल में मोक्ष के लिए स्वर्ग का दरवाजा खुल जाता है। कथा ही मानव को भवसागर पार कराती है। उक्त बाते मेंहदूपार गांव में चल रही में चल रही शतचंडी महायज्ञ में भागवत कथा के तीसरे दिन कथा वाचक संतोष जी महराज जी ने कहा। उन्होंने कहा कि जहा भागवत कथा व पूजा होती है। उस घर में लक्ष्मी नारायण की कृपा सदैव बनी रहती है। जीवन के बंधन से मुक्ति का एक मार्ग श्रीमद् भागवत कथा श्रवण ही है। इससे भक्तों की सभी परेशानिया दूर हो जाती है। धु्रव प्रसंग की कथा सुनाते हुए कहा कि ध्रुव की सौतेली मा सुरुचि द्वारा अपमानित करने पर भी उसकी मा सुनीता ने धैर्य नहीं खोया जिससे संकट टल गया। ध्रुव ने तपस्या के बल पर हरि को प्रसन्न कर लिया। भक्त प्रह्लाद के प्राणों की रक्षा के लिए भगवान ने खंभे में अवतार लेकर हिरण्यकश्यप का वध किया। भगवान हमेशा अपने भक्तों की रक्षा के लिए तैयार रहते हैं। बस जरूरत है उन्हें सच्चे मन से याद करने की है। महायज्ञ में रात्रि के समय शनिवार को रामलीला मंचन के दौरान रामजन्म, ताडका वध, का मंचन किया गया। इस अवसर पर हरिश्चंद्र शुक्ला, मनीष कुमार, भवानी शंकर शुक्ला, छोटन शुक्ला , टुनटुन,जयशंकर प्रसाद, अरूण कुमार, दीपक पाण्डेय, मोनू पाण्डेय, विपिन कुमार, सतीश शुक्ला, ब्रम्हानंद, आदि लोग मौजूद रहें।

 

 

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