टांडा तहसील के ग्राम दहियावर में लगभग 65 वर्षो से जुलूसे अमारी का आयोजन किया जाता है जुलुसे अमारी का आयोजन सबसे पहले स्वर्गीय हैदर आब्दी ने किया था जुलूस अमारी का मतलब है कि कर्बला में शहादत के बाद कर्बला से मदीना लूटा हुआ काफिले की याद में मनाया जाता है ये जानकारी आदिल सैय्यद ने दी उसके बाद से लगातार दहियावर गांव में जुलूसे अमारी किया जाता है अमारी जुलूस सुबह पांच बजे दहियावर कर्बला से निकल कर सीना जनि करते हुए हजरत अब्बास की दरगाह से निकल कर पूर्व राज्यपाल स्वर्गीय डॉक्टर सैय्यद अहमद के घर से होते हुए गांव के रौशन अली में पहुंच कर रात में समाप्त होता है जुलूस अमारी के दिन ग्राम दहियावर में घर घर नियाज़ दिलाया जाता और अंजुमन अब्बासिया दहियावर की तरफ लंगर किया जाता इसी बीच जुलूस अमारी में आए. मौलाना कल्बे रुशैद कुम्मी दिल्ली. मौलाना वसी हसन खां अयोध्या,मौलाना नदीम रजा अयोध्या,मौलाना अजीम अज्मी पटना बिहार,मौलाना कमर दहियावरी, ने खिताब किया साथ ही नोहा ख्वा रेहान जलालपुरी को समाजवादी पार्टी के जिलामहासचिव मुजीब अहमद सोनू के छोटे भाई मोईद अहमद ने पुस्तक भेंट कर हौसला अफजाई की साथ ही पूर्व राज्यपाल स्वर्गीय डॉक्टर सैय्यद अहमद के पुत्र सैय्यद जीशान अहमद ने कहा की इंसानियत की पहचान लोगों की मदद करने से होती है कर्बला में मौला हुसैन अलैहिस्सलाम ने अपनी जान की कुर्बानी नाना के वादे निभाने और इस्लाम व इंसानियत को बचाने के लिए दी है और कहा कि ऐसे मौके पर इमाम पाक के मानने वाले ज्यादा से ज्यादा चैरिटी किया करे जुलूस अमारी में तालिब अली आशु बसखारी जहीन अब्बास सभासद अशरफ हुसैनी.सदफ सैय्यद, माहिर अब्बास,ताबिश,मिसम, जाहिद अब्बास, आदि लोग मौजूद रहे।
PUBLISH BY-MOHD ADNAN DURRANI