Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the wp-statistics domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home1/digit2gw/satyamevtimes.com/wp-includes/functions.php on line 6114

Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the wordpress-seo domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home1/digit2gw/satyamevtimes.com/wp-includes/functions.php on line 6114
इस दम्पत्ति के लिए हर साल खास रहता है "करवाचौथ" - Satyamev Times Media Network.
सत्यमेव टाइम्स में आपका स्वागत है
करवाचौथ के पावन पर्व पर आज हम एक विशेष दम्पत्ति की बात करेंगे जिनके बीच सिर्फ प्यार ही प्यार है। दोनों लड़ाई भी करते हैं तो सिर्फ प्यार के ही लिए। मोहब्बत की कई कही अनसुनी कहानियों के साथ शाहजहां और मुमताज की प्रेम कहानी भी इन दोनों के बीच बेपनाह मोहब्बत के आगे एकबारगी फीकी नजर आने लगती है। यूपी के संतकबीरनगर जिले के मेंहदावल कस्बे के रहने वाले जिस दम्पत्ति की बात हम करने जा रहे हैं उनका नाम है शैलेश-गरिमा। स्कूली जिंदगी के दौरान एक दूजे के साथ टिफिन की रोटी बांट खाने वाले शैलेश और गरिमा धीरे धीरे जब बड़े हुए तब दोनों की दोस्ती कब प्यार में बदल गयी ये दोनों न जान सके।जवानी के दहलीज पर पाँव रखने के बाद दोनों अपने परिजनों को राजी कर विवाह के पवित्र बंधन में बंध गए और गृहस्थ जीवन मे पदार्पण कर खुशी खुशी साथ रहने लगे। दो बच्चों के माता पिता शैलेश सिंह और गरिमा सिंह के बीच बेहतर अंडरस्टैंडिंग ने उस मिथक को भी तोड़ा जो लोग कहते हैं कि लव मैरेज टिकाऊ नही होता है। पति शैलेश सिंह जहां कामकाजू व्यक्ति हैं तो वहीं गरिमा कुशल गृहणी। गरिमा ने एक अच्छी पत्नी होने के साथ एक अच्छी बहु और भाभी के कर्तव्यों का भी भलीभांति निर्वहन किया और करती चली आ रहीं हैं। खैर अब बात करते है हर साल मनाए जाने वाले करवाचौथ व्रत की, करवाचौथ का अवसर सुहागिन महिलाओं के लिए बेहद खास होता है। इस दिन सुहागिन महिलाएं अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए करवा माता का पूजन और अर्चना पूरे श्रद्धा भाव के साथ करती हैं। मान्यता हैं कि करवा माता प्रसन्न होकर पति की दीर्घायु करती है। पति की दीर्घायु की इसी कामना के साथ गरिमा हर साल इस पर्व को बड़े ही खास अंदाज में मनाती है, पत्नी के सबसे महत्वपूर्ण पर्व के अवसर पर शैलेश भी अपनी तमाम महत्वपूर्ण कार्यों को छोड़ पूरा दिन घर पर ही रहते हैं, इस दिन शैलेश अपनी पत्नी गरिमा का विशेष ख्याल रखतें है, छोटे बच्चों की जिम्मेदारियों को निभाने के साथ अखंड व्रत रखने वाली पत्नी गरिमा को कोई कष्ट न हो इसलिए घर के सारे काम भी वो करते है। देर शाम से ही शैलेश की नजर आसमान पर ही जमी रहती है, जब चांद आसमान में नज़र आता है तब झट से अपने छत से नीचे आते हैं और पत्नी को चांद निकलने की सूचना देते हैं फिर शुरू हो जाता है गरिमा के द्वारा विधि विधान से पूजा अर्चना,पूजा अर्चना के बाद पति को छननी से निहारने वाली गरिमा में शैलेश भी खो जाते हैं, दोनों के इस सम्मोहन को उनके बच्चे ही तोड़ते है जिसके बाद शरमाई शकुचाई गरिमा अपने पति शैलेश का आशीर्वाद लेकर अपने घर के बड़ो का आशीर्वाद लेती है।

इस दम्पत्ति के लिए हर साल खास रहता है “करवाचौथ”

करवाचौथ के पावन पर्व पर आज हम एक विशेष दम्पत्ति की बात करेंगे जिनके बीच सिर्फ प्यार ही प्यार है। दोनों लड़ाई भी करते हैं तो सिर्फ प्यार के ही लिए। मोहब्बत की कई कही अनसुनी कहानियों के साथ शाहजहां और मुमताज की प्रेम कहानी भी इन दोनों के बीच बेपनाह मोहब्बत के आगे एकबारगी फीकी नजर आने लगती है। यूपी के संतकबीरनगर जिले के मेंहदावल कस्बे के रहने वाले जिस दम्पत्ति की बात हम करने जा रहे हैं उनका नाम है शैलेश-गरिमा। स्कूली जिंदगी के दौरान एक दूजे के साथ टिफिन की रोटी बांट खाने वाले शैलेश और गरिमा धीरे धीरे जब बड़े हुए तब दोनों की दोस्ती कब प्यार में बदल गयी ये दोनों न जान सके।जवानी के दहलीज पर पाँव रखने के बाद दोनों अपने परिजनों को राजी कर विवाह के पवित्र बंधन में बंध गए और गृहस्थ जीवन मे पदार्पण कर खुशी खुशी साथ रहने लगे। दो बच्चों के माता पिता शैलेश सिंह और गरिमा सिंह के बीच बेहतर अंडरस्टैंडिंग ने उस मिथक को भी तोड़ा जो लोग कहते हैं कि लव मैरेज टिकाऊ नही होता है। पति शैलेश सिंह जहां कामकाजू व्यक्ति हैं तो वहीं गरिमा कुशल गृहणी। गरिमा ने एक अच्छी पत्नी होने के साथ एक अच्छी बहु और भाभी के कर्तव्यों का भी भलीभांति निर्वहन किया और करती चली आ रहीं हैं। खैर अब बात करते है हर साल मनाए जाने वाले करवाचौथ व्रत की, करवाचौथ का अवसर सुहागिन महिलाओं के लिए बेहद खास होता है। इस दिन सुहागिन महिलाएं अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए करवा माता का पूजन और अर्चना पूरे श्रद्धा भाव के साथ करती हैं। मान्यता हैं कि करवा माता प्रसन्न होकर पति की दीर्घायु करती है। पति की दीर्घायु की इसी कामना के साथ गरिमा हर साल इस पर्व को बड़े ही खास अंदाज में मनाती है, पत्नी के सबसे महत्वपूर्ण पर्व के अवसर पर शैलेश भी अपनी तमाम महत्वपूर्ण कार्यों को छोड़ पूरा दिन घर पर ही रहते हैं, इस दिन शैलेश अपनी पत्नी गरिमा का विशेष ख्याल रखतें है, छोटे बच्चों की जिम्मेदारियों को निभाने के साथ अखंड व्रत रखने वाली पत्नी गरिमा को कोई कष्ट न हो इसलिए घर के सारे काम भी वो करते है। देर शाम से ही शैलेश की नजर आसमान पर ही जमी रहती है, जब चांद आसमान में नज़र आता है तब झट से अपने छत से नीचे आते हैं और पत्नी को चांद निकलने की सूचना देते हैं फिर शुरू हो जाता है गरिमा के द्वारा विधि विधान से पूजा अर्चना,पूजा अर्चना के बाद पति को छननी से निहारने वाली गरिमा में शैलेश भी खो जाते हैं, दोनों के इस सम्मोहन को उनके बच्चे ही तोड़ते है जिसके बाद शरमाई शकुचाई गरिमा अपने पति शैलेश का आशीर्वाद लेकर अपने घर के बड़ो का आशीर्वाद लेती है।

Leave a Reply

error: Content is protected !!