“चर्चा ए खास हो तो, किस्से भी जरूर होते है…!
उंगलियां उन्ही पर उठती है, जो मशहूर होते हैं”…।।
किसी मशहूर शायर की ये पंक्तियां संतकबीरनगर जिले की राजनीति में तेजी से उभरते सामाजिक समरसता के वाहक युवाओं मे अति लोकप्रिय भाजपा नेता वैभव चतुर्वेदी के ऊपर एकदम सटीक बैठती हैं। पंचायत चुनाव में दमदार उपस्थिति दर्ज कराने के बाद पार्टी हित मे एक कर्मयोगी की भांति सेवा में जुटे वैभव चतुर्वेदी के नाम की चर्चा एक बार फिर लोगों की जुबान पर है। प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, संगठन मंत्री सुनील बंसल से लगायत राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात कर उनका आशीर्वाद ग्रहण करने वाले वैभव चतुर्वेदी आज फिर जन चर्चा के विषय बन चुके हैं।यह चर्चा बस्ती के उस मंच से जुड़ा हुआ है जहां गृहमंत्री अमित शाह आये थे, गृहमंत्री के मंच को साझा करने वाले वैभव के नाम की चर्चा इन दिनों 313 विधानसभा सीट खलीलाबाद के लिए उम्मीदार के रूप में की जा रही है। ये हम नही बल्कि गली मोहल्लों नुक्कड़ों पर बैठी जनता कर रही है।गृहमंत्री अमित शाह की जनसभा में बने मंच पर जहां बड़े बड़े दिग्गज नही पहुंच पाए, कई मंत्री और विधायक नही पहुंच पाए वहीं मंच को साझा करने वाले वैभव चतुर्वेदी के होर्डिंग औऱ बैनरों से पटा खलीलाबाद विधानसभा क्षेत्र एक बार पुनः उनके नाम को चर्चा का विषय बना डाला है।क्षेत्रीय जनता के हर सुख दुःख में सम्मलित होने के साथ पार्टी के द्वारा मिले निर्देशो के अक्षरशः अनुपालन में जुटे वैभव ने हालांकि टिकट की कोई डिमांड अबतक नही की है,बिना किसी फल की चिंता किये बगैर वो लगातार क्षेत्र के विभिन्न गाँवो में जाकर बूथ स्तरीय कार्यकर्ताओं को सम्मानित करने के साथ रात्रि चौपाल कर जनता से जिस तरह सीधा संवाद कर सरकार की योजनाओं और पार्टी की नीतियों का प्रचार प्रसार कर रहे हैं वैसा कार्य तो चुने हुए प्रतिनिधि भी नही कर रहें।खुद ब्राह्मण होने के बाबजूद दलित की थाली में उसके साथ बैठकर भोजन ग्रहण करने वाले वैभव चतुर्वेदी राम राज्य की उस परिकल्पना को साकार कर रहे हैं जिसके बारे में ये कहा गया है कि ऊंच नीच सब एक ही घाट के पानी राम राज्य में पीते थे। वैभव चतुर्वेदी के शहर से लेकर गांव तक पटे पोस्टर और होर्डिंग लोगों का ध्यान भी बरबस अपनी ओर आकृष्ट करते नजर आते हैं जिसके चलते वो आज जनता के बीच चर्चा का विषय बन बैठें हैं।