खबरों के माध्यम से आपने अनेक पुलिसकर्मियो से लेकर अधिकारियों तक की सेवा के दौरान साहस और उनके जीवन से जुड़ी अनोखी कहानियां को पढ़ें ही होंगे। इस क्रम में हम आपको आज आईपीएस आकाश तोमर से रूबरू कराएंगे। खास बात ये है कि आज सहारनपुर की कमान संभाल रहे आकाश तोमर का जन्मदिन है, आइए आपको उनके जीवन से जुड़े रोचक कहानियों के बारे में बताते हैं….
आईपीएस आकाश तोमर –
बुलंदशहर जिले के अनुपशहर नगर के एलडीवी इंटर कालेज के प्रधानाचार्या के पुत्र आकाश तोमर है। 2013 आकाश तोमर को आईएएस में 139वी रैंक मिली है। होनहार आकाश के पिता सत्यपाल सिंह तोमर की खुद की ख्वाहिश भी आईएएस बनने की थी। लेकिन, पारिवारिक परिस्थितियों के चलते ऐसा हो नहीं सका। जैसे ही आकाश तोमर के आईएएस में चयन की खबर मिली, पिता सत्यपाल सिंह तोमर की खुशी का ठिकाना नहीं रहा था। वहीं, पोते की सफलता से बाबा बाबू सिंह, दादी रतन कौर के अलावा माता रजलेश भी बेहद खुश हैं। आकाश तोमर माता पिता की इकलौती संतान है। पिता सत्यपाल सिंह मूल रूप से अलीगढ़ के हैं। आकाश तोमर के बाबा अब दुनिया से विदा ले चुके है।
अमेरिकी कंपनी में भी जॉब कर चुके है आईपीएस आकाश तोमर –
वीरेंद्र स्वरूप स्कूल कानपुर से जूनियर तक की शिक्षा ग्रहण करने के बाद आकाश ने अनूपशहर के जेपी विद्या मंदिर से हाईस्कूल की परीक्षा 92 प्रतिशत अंकों से उत्तीर्ण की है। इंटर की पढ़ाई गंगा इंटरनेशनल स्कूल दिल्ली से की और इंटर में आकाश ने 90 प्रतिशत अंक हासिल किए। आकाश का आईआईटी रुड़की में सिलेक्शन हुआ। इलाहाबाद से बीटेक की परीक्षा 2011 में उत्तीर्ण कर छह माह तक अमेरिकी कंपनी में जॉब किया है। आकाश तोमर की शादी 2021 जनवरी में सम्पन्न हुई है। पत्नी हरियाणा निवासी डॉ. बबीता के साथ हुई है। उनकी पत्नी डॉ बबीता दिल्ली के कलावती अस्पताल में डॉक्टर हैं।
इन सभी जिलों में रहा है शानदार रिकॉर्ड –
आपको बता दें कि, आईपीएस आकाश तोमर 2013 बैच के अधिकारी है। एसपी सिटी गाजियाबाद से एसपी संतकबीरनगर, बाराबंकी और एसएसपी इटावा के साथ-साथ प्रतापगढ़ में अपने दायित्व निर्वाहन करने के बाद अब संवेदनशील जनपद सहारनपुर की कमान संभाली है। अब तक तैनात जिलों में अपराध के बड़े बड़े खुलासे करना उनकी प्राथमिकता में रहता है। हर समय जनता के लिए उपलब्ध रहने वाले अधिकारी के रूप में पूरे प्रदेश में जाने जाते है। मित्रता की मिशाल का तो इनका कोई विकल्प ही नहीं है।
2021 में हुई थी शादी –
आम गरीब और अंतिम पायदान पर मौजूद व्यक्ति को न्याय दिलाना प्राथमिकता होती है। प्रत्येक जनपद में सोशल पुलिसिंग का एक नया स्ट्रक्चर तैयार करना इनकी हावी में शामिल रहता है। अपने अधिनस्थों से हमेशा मित्रवत व्यवहार रखना भी प्राथमिकता है लेकिन कमी पकड़ने पर दंड देने में कतई गुरुज भी नहीं करते है। इटावा में तैनाती के दौरान एक बड़े खुलासे में सरकार द्वारा दो लाख का टीम को पुरस्कार भी दिला चुके है। इटावा में करोड़ों रूपये के खुलासे कर प्रदेश में एक नया कीर्तिमान स्थापित कर चुके है