संतकबीरनगर- निषाद पार्टी सुप्रीमो व माननीय कैबिनेट मंत्री डॉ संजय कुमार निषाद आज संत कबीर दास जी परिनिर्वाण स्थली, मगहर जनपद संत कबीर नगर के दौरे पर रहे, श्री निषाद जी आज कसरवल रेल रोको आंदोलन की 8वी वर्षी पर निषाद पार्टी द्वारा आयोजित स्मृति दिवस समारोह में शिरकत करने पहुँचे थे। उन्होंने निषाद पार्टी, राष्ट्रीय निषाद एकता परिषद एवं संघर्षो के साथी जो अब ईश्वर में लीन हो गए हैं उनको याद करते हुए श्रद्धा सुमन अर्पित किए। उन्होंने बताया कि कसरवल आंदोलन निषाद पार्टी और राष्ट्रीय निषाद एकता परिषद के लिए अहम कड़ी था जिससे पार्टी और संगठन को एक नया नाम और मुकाम मिला किन्तु पुलिस फायरिंग में हमारा भाई शहीद हो गया।उन्होंने शायराना अंदाज में कहा कि मौत की चिंता नही सताती मुझे। मेरे सपनों का अधूरापन सताता है।।आज भी दिल मे जल रही है आग। मेरा जुनून ये बताता है।। मंच से संबोधन में उन्होंने कहा कि कसरवल आंदोलन के बारे में जब कभी भी मन में विचार आता है तो मैं रातो रात सो नही पाता हूं। जीवन का एक ऐसा अध्याय जिसमे ना जाने कितने रंग रूप देखने को मिले सत्ता का कुशासन, प्रशासन का तांडव और मेरे समाज का मेरे प्रति स्नेह,।उन्होंने कहा कि आज मैं आप सब लोगो का दिल से आभार व्यक्त करना चाहूंगा कि आप लोगो ने विश्वाश, संयम, धैर्य रखकर हर बार समाज को आगे ले जाने के लिए मुझ पर भरोसा किया। मैं आपके भरोसे का कतरा कतरा वापस करुगा यह भी मेरा वादा है। मुझे याद है पुलिस फायरिंग से लेकर मेरी और मेरे साथियो के फरारी काटने के वो दिन, मुझे याद है मेरे एनकाउंटर के लिए ढूंढते वो पुलिसवाले, मुझे याद है कसरवल आंदोलन में स्वर्गीय गोविंदा निषाद का महिलाओं के झुंड के साथ मुझे बीच मे रखकर बाहर निकालना, मुझे यह भी याद में कि मेरी पत्नी मालती देवी के पैरों पर से सैकड़ो लोगो का गुजरजाना। याद क्यों नही होगा क्योंकि वो दिन मुझे याद दिलाते है अभी तो यह अंगड़ाई है आगे और लड़ाई है, अभी तो यह अंगड़ाई है आगे और लड़ाई है। वहीं उन्होंने संतकबीर नगर से सांसद ई. प्रवीण निषाद जी को संबोधित करते हुए कहा कि वो आज एक पिता नही एक राष्ट्रीय अध्यक्ष की हैसियत से आदेशित कर रहे हैं कि संसद के मॉनसून सत्र में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के जवाब पर RGI और केंद्र सरकार से स्पष्टीकरण जरूर मांगे, जरूरत लगे तो प्रवीण सुप्रीम कोर्ट का रुख करे निषाद पार्टी का एक एक कार्यकर्ता डॉ संजय बनकर उसके साथ है।
जब से मंत्रीपद मिला कुछ शिकायत होने लगी है, हा मैं मानता हूं कि मेरी व्यस्तता इतनी होने लगी है कि मैं पहले की तरह अब आप लोगो से बात नही कर पा रहा हूं, आपने मेरे जीवन को मेरे जन्म दिन के दिन मुझे नया जीवन दान दिया, परंतु मुझे भी कर्ज उतारने का मौका मिलना चाहिए मैं दिन रात बैठक करता हूँ कि मत्स्य मंत्रालय से मैं कैसे अपने समाज और कार्यकर्ताओं का भला कर सकू, इसलिए आप सबसे अनुरोध ही नही अपील भी की आपको भड़काने वाले कई मिलेंगे पर रास्ते से हटना नही उसको भी मिलाकर साथ चलने का काम करना है।