सिद्धार्थनगर। पश्चिमी विक्षोभ के बाद दक्षिणी पूर्वी उतर प्रदेश पर बने चक्रवाती परिसंचरण के कारण मध्य क्षोभमंडलीय पछुवा तथा निम्न क्षोभमंडलीय पुरवा हवाओं के समागम/कांफ्लुएंस के प्रभाव से तराई क्षेत्र में पिछले कुछ दिनों से हो रही छिटपुट बारिश तथा विकिरणीय ऊष्मन घटने से अधिकतम तापमान 35 डिग्री सेल्सियस के आस पास बने रहने के कारण मौसम खुशगवार बना हुआ था तथा इसी क्रम में 27 जून को दिन का अधिकतम तापमान बिना किसी विशेष परिवर्तन के 35.7 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया।यह जानकारी अतुल कुमार सिंह प्रभारी,राज्य कृषि मौसम केंद्र आई. एम. डी. लखनऊ ने देते हुए बताया कि अभी तक मानसून को बंगाल की खाड़ी से पर्याप्त नमी नहीं मिल रही थी इसलिए यह 20 जून से चुर्क (सोनभद्र) के पास ठिठका हुआ था परंतु बंगाल की खाड़ी से आने वाली नमीयुक्त पुरवा हवा का सर्ज (आवेग) के साथ ही यह आगे बढ़ने लगेगा तथा आगामी 2-3 दिनों के दौरान प्रदेश के कुछ और भागों में मानसून अग्रसरण के लिए परिस्थितियाँ अनुकूल बन रही हैं। इस दौरान उत्तरी भारत में बनी सीजनल पूर्वी-पश्चिमी द्रोणी के समानांतर बंगाल की खाड़ी से आने वाली नमीयुक्त पुरवा हवाओं की तीव्रता बढ़ने के कारण 28 जून से प्रदेश के ज्यादातर तराई भाग में बारिश के वितरण एवं तीव्रता में प्रभावशाली वृद्धि हो जाने तथा झमाझम बारिश के साथ अधिकतम तापमान में और कमी आने की संभावना है।