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अपने विकास मॉडल और जनसेवा के दम पर "मोती" ने जीता जनता का दिल - Satyamev Times Media Network.
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सत्यमेव टाइम्स में आपका स्वागत है रिपोर्ट_पंकज गुप्ता
मोतीलाल की लोकप्रियता के आगे बेदम नजर आ रहा है विपक्ष
नगर निकाय चुनाव में मोतीलाल के सामने कहीं नहीं ठहर रहे विपक्षी
संतकबीरनगर -    [caption id="attachment_20359" align="alignnone" width="300"] छायाचित्र_मोतीलाल जायसवाल(पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष)[/caption] जनता से किए वायदों पर खरा उतरना नेताओं के लिए एक बड़ी चुनौती मानी जाती है। जो नेता जन आकांक्षा पर खरा उतरते हैं जनता उन्हे बार बार मौका देती है। विकास के लिए उन्हें बार बार चुनती है। जो जनता की उम्मीदों पर खरा नहीं उतरते जनता उन्हे कुर्सी से उतार पैदल कर देती है। सियासत में आपने भी ऐसे कई नाम सुने होंगे और जानते भी होंगे जिन्हें जनता बार बार चुनती है।
ऐसे तमाम जनप्रतिनिधियों में से एक नाम है मोतीलाल जायसवाल जो यूपी के संतकबीरनगर जिले के नगर पंचायत मेंहदावल की निवर्तमान अध्यक्षा श्रीमती प्रमिला जायसवाल के प्रतिनिधि व पति है। मोतीलाल जायसवाल खुद भी इस नगर पंचायत के चेयरमैन रह चुके है। कभी निर्दल उम्मीदवार के रूप में वर्ष २००७ में मामूली अंतरों से चुनाव हारने वाले मोतीलाल जायसवाल साल -२०१२ में पहली बार नगर पंचायत मेंहदावल के अध्यक्ष बने। बसपा के टिकट से चुनाव जीतने वाले मोतीलाल जायसवाल ने अपने कार्यकाल के दौरान विकास के अनगिनत कार्य करवाते हुए मेंहदावल की बिगड़ी सूरत को संवारा था। फिर साल २०१७ में बीएसपी के टिकट पर ही उन्होंने अपनी पत्नी को चुनावी मैदान में उतार विजय का पताका फहराते हुए विपक्षियों को जमींदोज किया था। चूंकि मोतीलाल जायसवाल स्वयं संघ (आरएसएस) की पाठशाला के सिपाही और पुराने भाजपाई थे इसलिए यूपी की योगी सरकार के प्रथम कार्यकाल के दौरान बीजेपी में शामिल होकर मेंहदावल के सर्वांगीण विकास करवाने में जुट गए। मोतीलाल जायसवाल ने वर्ष १९८९ में राजनीति के क्षेत्र में कदम रखा था, बाबू चंद्रशेखर सिंह को अपना गॉड फादर(पितामह) बताने वाले पूर्व चेयरमैन मोतीलाल जायसवाल १८ वर्षो तक पूर्व एमएलसी मनीष जायसवाल के साथ रहें। व्यवसाई वर्ग में गहरी पैठ रखने वाले मोतीलाल जायसवाल अपने मिलनसार स्वभाव के लिए जाने जाते है, हर किसी के सुख दुख में शामिल होने वाले मोतीलाल जायसवाल ने नगर क्षेत्र के विकास में कई उल्लेखनीय कार्य तो किए ही साथ ही ऐसे तमाम निर्धन बेटियों की शादी में भी बड़ा योगदान दिया। जनता का चहेता बनना आसान नही होता, जनता हर एक जनप्रतिनिधि से बहुत सारी अपेक्षाएं रखती है, जनता कहीं से दुखी न हो इसका मोतीलाल जायसवाल ने हमेशा खयाल रखा। अपने राजनैतिक जीवन में लग्जरी सुविधाओं को छोड़ एक सामान्य इंसान के तरह जीवन शैली रखने वाले पूर्व चेयरमैन मोतीलाल जायसवाल ने अपने विकास मॉडल के जरिए विकास के ऐसे तमाम कार्य कराए जिसके चलते आज मेंहदावल टाउन एरिया की पहचान प्रदेश के टॉप १० टाउन एरिया में सम्मिलित है जो क्षेत्र के लोगों के लिए किसी गौरव से कम नही। अपने और अपनी पत्नी के कार्यकाल के दौरान नगर क्षेत्र में सड़कों जा जाल बिछाने के साथ विवाह घर, संस्कार मंडप, इंडोर स्टेडियम, शवदाह गृह, मुहल्ला मनोरंजन पार्क, व्यायामशाला, पुस्तकालय, शहीद गणेश शंकर पार्क, जगह जगह वाटर कूलर, कुबेरनाथ पोखरा के सुंदरीकरण कार्य से लेकर तमाम पोखरों के सुंदरीकरण और अनेकों मंदिरों का जीर्णोधार कराने वाले मोतीलाल जायसवाल कोरोना काल में स्थानीय जरूरतमंदों और प्रवासी मजदूरों के लिए किसी मसीहा की तरह नजर आए। वैश्विक संकट के दौरान जहां अन्य नेता खुद को घरों मे कैद कर रखे थे वहीं अपनी जान की परवाह किए बगैर मोतीलाल जायसवाल ने अपनी टीम के साथ हर जरूरतमंद की मदद की। अपने विकास कार्यों और जनसेवा की वजह से आज मोतीलाल जायसवाल जन जन की पहली पसंद बन चुके है। दस साल दमदार की पटकथा लिखकर मेंहदावल नगर पंचायत को विकास के पथ पर ले जाने वाले मोतीलाल को विपक्ष ने काफी परेशान करने की भी कोशिश की लेकिन विपक्ष के हर एक चक्रव्यूह को तोड़ मेंहदावल की राजनीति के सिरमौर बनने वाले मोतीलाल जायसवाल की पहचान एक जमीनी नेता के रूप में की जाती है। खुद के कार्यकाल और पत्नी के कार्यकाल में मेंहदावल नगरपंचायत क्षेत्र में विकास की नई इबारत लिख उन्होंने जनादेश का भी पूरा सम्मान किया। राजनैतिक जानकारों का मानना है कि संघ और भाजपा के शीर्ष नेतृत्व की पहली पसंद मोतीलाल ही बन सकतें हैं क्योकि पार्टी की भी यही मंशा है कि नगर निकाय के चुनाव में बेहतर परिणाम मिले इसलिए पार्टी मोतीलाल जायसवाल के नाम को फइनल कर सकती हैं। राजनीति के जानकार बताते हैं कि मोतीलाल का जोड़ मेंहदावल मे कोई और नही क्योंकि मोतीलाल जायसवाल आमजन के साथ ही सजातीय वोटरों मे बड़ी पकड़ रखतें हैं। मोतीलाल जायसवाल इस बार भी नगर की सत्ता की चाभी खुद के हाथ मे रखना चाहतें हैं जिसके लिए उन्होंने जो तिलिस्म तैयार किया है उसमे विपक्षी उलझ के रह जाएंगे। नगरीय इलाके साथ सीमा विस्तारित क्षेत्रो मे लगातार उपस्थिति के साथ उसके विकास का मास्टर प्लान तैयार करने वाले मोतीलाल जायसवाल नगर निकाय चुनाव के रिंगमास्टर कहे जाते है जिनसे सभी दलों की सीधी लड़ाई रहती तो है पर मोती लाल के तिलिस्म को लोग भेद नही पाते हैं। पूर्व चेयरमैन मोतीलाल जायसवाल को लेकर स्थानीय जनता बताती है कि इनसे बेहतर जनप्रतिनिधि फिलहाल मेंहदावल मे कोई और नही, जनता के मुताबिक मोतीलाल जायसवाल इस बार भी अपने अच्छे कार्यों की वजह से चुने जाएंगे।

अपने विकास मॉडल और जनसेवा के दम पर “मोती” ने जीता जनता का दिल

रिपोर्ट_पंकज गुप्ता

मोतीलाल की लोकप्रियता के आगे बेदम नजर आ रहा है विपक्ष
नगर निकाय चुनाव में मोतीलाल के सामने कहीं नहीं ठहर रहे विपक्षी
संतकबीरनगर – 

 

छायाचित्र_मोतीलाल जायसवाल(पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष)

जनता से किए वायदों पर खरा उतरना नेताओं के लिए एक बड़ी चुनौती मानी जाती है। जो नेता जन आकांक्षा पर खरा उतरते हैं जनता उन्हे बार बार मौका देती है। विकास के लिए उन्हें बार बार चुनती है। जो जनता की उम्मीदों पर खरा नहीं उतरते जनता उन्हे कुर्सी से उतार पैदल कर देती है। सियासत में आपने भी ऐसे कई नाम सुने होंगे और जानते भी होंगे जिन्हें जनता बार बार चुनती है।

ऐसे तमाम जनप्रतिनिधियों में से एक नाम है मोतीलाल जायसवाल जो यूपी के संतकबीरनगर जिले के नगर पंचायत मेंहदावल की निवर्तमान अध्यक्षा श्रीमती प्रमिला जायसवाल के प्रतिनिधि व पति है। मोतीलाल जायसवाल खुद भी इस नगर पंचायत के चेयरमैन रह चुके है। कभी निर्दल उम्मीदवार के रूप में वर्ष २००७ में मामूली अंतरों से चुनाव हारने वाले मोतीलाल जायसवाल साल -२०१२ में पहली बार नगर पंचायत मेंहदावल के अध्यक्ष बने। बसपा के टिकट से चुनाव जीतने वाले मोतीलाल जायसवाल ने अपने कार्यकाल के दौरान विकास के अनगिनत कार्य करवाते हुए मेंहदावल की बिगड़ी सूरत को संवारा था। फिर साल २०१७ में बीएसपी के टिकट पर ही उन्होंने अपनी पत्नी को चुनावी मैदान में उतार विजय का पताका फहराते हुए विपक्षियों को जमींदोज किया था। चूंकि मोतीलाल जायसवाल स्वयं संघ (आरएसएस) की पाठशाला के सिपाही और पुराने भाजपाई थे इसलिए यूपी की योगी सरकार के प्रथम कार्यकाल के दौरान बीजेपी में शामिल होकर मेंहदावल के सर्वांगीण विकास करवाने में जुट गए। मोतीलाल जायसवाल ने वर्ष १९८९ में राजनीति के क्षेत्र में कदम रखा था, बाबू चंद्रशेखर सिंह को अपना गॉड फादर(पितामह) बताने वाले पूर्व चेयरमैन मोतीलाल जायसवाल १८ वर्षो तक पूर्व एमएलसी मनीष जायसवाल के साथ रहें। व्यवसाई वर्ग में गहरी पैठ रखने वाले मोतीलाल जायसवाल अपने मिलनसार स्वभाव के लिए जाने जाते है, हर किसी के सुख दुख में शामिल होने वाले मोतीलाल जायसवाल ने नगर क्षेत्र के विकास में कई उल्लेखनीय कार्य तो किए ही साथ ही ऐसे तमाम निर्धन बेटियों की शादी में भी बड़ा योगदान दिया। जनता का चहेता बनना आसान नही होता, जनता हर एक जनप्रतिनिधि से बहुत सारी अपेक्षाएं रखती है, जनता कहीं से दुखी न हो इसका मोतीलाल जायसवाल ने हमेशा खयाल रखा। अपने राजनैतिक जीवन में लग्जरी सुविधाओं को छोड़ एक सामान्य इंसान के तरह जीवन शैली रखने वाले पूर्व चेयरमैन मोतीलाल जायसवाल ने अपने विकास मॉडल के जरिए विकास के ऐसे तमाम कार्य कराए जिसके चलते आज मेंहदावल टाउन एरिया की पहचान प्रदेश के टॉप १० टाउन एरिया में सम्मिलित है जो क्षेत्र के लोगों के लिए किसी गौरव से कम नही। अपने और अपनी पत्नी के कार्यकाल के दौरान नगर क्षेत्र में सड़कों जा जाल बिछाने के साथ विवाह घर, संस्कार मंडप, इंडोर स्टेडियम, शवदाह गृह, मुहल्ला मनोरंजन पार्क, व्यायामशाला, पुस्तकालय, शहीद गणेश शंकर पार्क, जगह जगह वाटर कूलर, कुबेरनाथ पोखरा के सुंदरीकरण कार्य से लेकर तमाम पोखरों के सुंदरीकरण और अनेकों मंदिरों का जीर्णोधार कराने वाले मोतीलाल जायसवाल कोरोना काल में स्थानीय जरूरतमंदों और प्रवासी मजदूरों के लिए किसी मसीहा की तरह नजर आए। वैश्विक संकट के दौरान जहां अन्य नेता खुद को घरों मे कैद कर रखे थे वहीं अपनी जान की परवाह किए बगैर मोतीलाल जायसवाल ने अपनी टीम के साथ हर जरूरतमंद की मदद की। अपने विकास कार्यों और जनसेवा की वजह से आज मोतीलाल जायसवाल जन जन की पहली पसंद बन चुके है। दस साल दमदार की पटकथा लिखकर मेंहदावल नगर पंचायत को विकास के पथ पर ले जाने वाले मोतीलाल को विपक्ष ने काफी परेशान करने की भी कोशिश की लेकिन विपक्ष के हर एक चक्रव्यूह को तोड़ मेंहदावल की राजनीति के सिरमौर बनने वाले मोतीलाल जायसवाल की पहचान एक जमीनी नेता के रूप में की जाती है। खुद के कार्यकाल और पत्नी के कार्यकाल में मेंहदावल नगरपंचायत क्षेत्र में विकास की नई इबारत लिख उन्होंने जनादेश का भी पूरा सम्मान किया। राजनैतिक जानकारों का मानना है कि संघ और भाजपा के शीर्ष नेतृत्व की पहली पसंद मोतीलाल ही बन सकतें हैं क्योकि पार्टी की भी यही मंशा है कि नगर निकाय के चुनाव में बेहतर परिणाम मिले इसलिए पार्टी मोतीलाल जायसवाल के नाम को फइनल कर सकती हैं। राजनीति के जानकार बताते हैं कि मोतीलाल का जोड़ मेंहदावल मे कोई और नही क्योंकि मोतीलाल जायसवाल आमजन के साथ ही सजातीय वोटरों मे बड़ी पकड़ रखतें हैं। मोतीलाल जायसवाल इस बार भी नगर की सत्ता की चाभी खुद के हाथ मे रखना चाहतें हैं जिसके लिए उन्होंने जो तिलिस्म तैयार किया है उसमे विपक्षी उलझ के रह जाएंगे। नगरीय इलाके साथ सीमा विस्तारित क्षेत्रो मे लगातार उपस्थिति के साथ उसके विकास का मास्टर प्लान तैयार करने वाले मोतीलाल जायसवाल नगर निकाय चुनाव के रिंगमास्टर कहे जाते है जिनसे सभी दलों की सीधी लड़ाई रहती तो है पर मोती लाल के तिलिस्म को लोग भेद नही पाते हैं। पूर्व चेयरमैन मोतीलाल जायसवाल को लेकर स्थानीय जनता बताती है कि इनसे बेहतर जनप्रतिनिधि फिलहाल मेंहदावल मे कोई और नही, जनता के मुताबिक मोतीलाल जायसवाल इस बार भी अपने अच्छे कार्यों की वजह से चुने जाएंगे।

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