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प्रत्येक को दस-दस हजार रुपए अर्थदंड से दंडित करने का भी दिया आदेश
अर्थदंड अदा न करने पर भुगतना पड़ेगा 2 वर्ष का अतिरिक्त कारावास
संतकबीरनगर
जिला शासकीय अधिवक्ता विशाल श्रीवास्तव ने बताया कि बखिरा थाना अंतर्गत खुरजहना निवासी राजू निषाद ने दिनांक 21.11.2013 को बखिरा थाना में प्रार्थना पत्र दिए कि 20.11. 2013 रात 10 बजे उनके पिता भरत निषाद खा-पी कर घर पर सो रहे थे ।उसी समय गांव के इंदल की पत्नी फूलमती घर आई और उनके पिता को जगाकर अपने साथ ले गई। उनके माता श्याम देवी ने पूछा कि इतनी रात को कहां जा रहे हैं तो उनके पिता ने कहा कि फूलमती के साथ जा रहा हूं अभी आ जाऊंगा।सुबह 7:30 बजे जब वह शौच के लिए गया तो देखा कि गांव के दक्षिण बाग में आम के पेड़ के पास उसके पिता का चप्पल, टार्च, मोबाइल और बगल में खून गिरा हुआ था ।शोर पर गांव के बहुत लोग आए और उसकी माता और बहन सब लोग आ गए ।गांव के लोग तलाश किये तो सुरेश पाठक के खेत में उसके पिता की लाश पड़ी हुई थी व शरीर पर धारदार व नुकीले चोट का निशान था। अपने प्रार्थना पत्र में उसने बताया की उसे विश्वास है कि फूलमती ने अपने लड़के गुड्डू व अन्य के साथ मिलकर उसके पिता की हत्या कर लाश छुपाने के लिए धान की खेत में डाल दिए थे। सूचना पर थाना बखिरा में मुकदमा पंजीकृत हुआ। विवेचना के उपरांत फूलमती व उसके लड़के विजय उर्फ गुड्डू तथा एक और लड़के के विरुद्ध आरोप पत्र प्रेषित किया गया ।फूलमती व गुड्डू उर्फ विजय का विचारण सत्र न्यायालय में हुआ तथा एक अन्य आरोपी की पत्रावली किशोर घोषित होने पर किशोर न्यायालय भेज दी गई।
जिला शासकीय अधिवक्ता विशाल श्रीवास्तव ने बताया कि अभियोजन की तरफ से कुल 10 साक्षियों का साक्ष्य कराया गया तथा मौके पर बरामद खून लगी मिट्टी, चप्पल ,टॉर्च, क्लिप, चूड़ी ,बक्कल, डंडा को न्यायालय में प्रस्तुत कर साबित कराया गया।
जिला शासकीय अधिवक्ता विशाल श्रीवास्तव ने बताया कि घटनास्थल पर अभियुक्क्त फूलमती की चप्पल, बालों में लगाने वाली क्लिप, , चूड़ियां तथा विजय की बेल्ट का बक्कल, टार्च व हत्या में प्रयुक्त डंडा बरामद हुआ था और फूलमती का मृतक के साथ प्रेम संबंध था। इसी प्रेम संबंध के कारण भारत की हत्या उनके द्वारा की गई ।परिस्थिति जन्य साक्ष्य से घटना की पूरी श्रृंखला पूर्ण हुई। हत्या में प्रयुक्त साक्ष्यो को बरामद कर न्यायालय में साबित कराया गया जिसके आधार पर अभियुक्तगण मां-बेटे को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई।